पटनाः राजधानी पटना के दानापुर व्यवहार न्यायालाय के एडीजे सात सुभाष चंद द्विवेद्वी की अदालत ने पत्नी की हत्या मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 26 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
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आठ गवाहों और साक्ष्य के आधार पर मिली सजाः दानापुर व्यवहार न्यायालय में जज ने एक पत्नी की हत्या मामले में दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा पाने वाला अभियुक्त पालीगंज में रामलखन सिंह कॉलेज की गली में किराये मकान में रहने वाला प्रो. सुनील कुमार सिंह टेकारी गया का मूल निवसी है. एपीपी रामकेश्वर प्रसाद ने बताया कि पालीगंज थाना कांड संख्या 166/14 व सत्रवाद संख्या 80/15 के तहत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आठ गवाहों और साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने प्रो. सुनील कुमार सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है.
"पत्नी की हत्या मामले में दोषी पाए जाने पर प्रो. सुनील कुमार सिंह को 25 हजार अर्थदंड के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मामला 14 जुलाई 2014 का जब सुनील कुमार सिंह ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी थी. गवाहों और साक्ष्य के आधार आरोप सही पाए जाने पर ये सजा दी गई है"- रामकेश्वर प्रसाद, एपीपी
14 जुलाई 2014 का है मामलाः बता दें कि ये मामला 14 जुलाई 2014 का है, जब प्रो. सुनील कुमार सिंह पर पत्नी की गला दबाकर हत्या का आरोप लगा था. इस मामले में सूचक पालीगंज पुअनि वशी अहमद ने बताया कि 14 जुलाई की रात में प्रो सुनील कुमार सिंह थाना पहुंचे और स्वत: बयान दिया कि अपनी पत्नी मुनी कुमारी को गला दबाकर हत्या कर दिया हूं. इस पर थानाध्यक्ष सुबोध ने सनहा दर्ज करते हुए पुअनि वसी अहमद को सुनील के साथ घटनास्थल पर जाकर जांच पड़ताल करने को कहा गया था. जांच करने गये पुअनि वसी अहमद ने छत पर देखा कि मुनी कुमारी का शव पड़ा हुआ है.