पटनाः बिहार में चूड़ा-दही भोज की सियासत (Dahi Chuda Bhoj Politics In Bihar) होती रही है. चुनावी साल में कई नेता चूड़ा-दही भोज के बहाने ही अपनी चुनावी रणनीति का संकेत देते रहे हैं. एक खूबसूरती यह भी रही है कि इस भोज के बहाने नेताओं और पार्टियों के बीच राजनैतिक दूरियों को भी पाटने का संदेश दिया जाता रहा है. पिछले साल कोरोना के कारण चूड़ा-दही भोज पर असर पड़ा ही था, इस साल भी इसके आयोजन पर ग्रहण लगता दिख रहा है.
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पिछले कई सालों से चूड़ा-दही भोज का आयोजन कर रहे जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस साल भी इस भोज को स्थगित करने का फैसला (Dahi Chuda Bhoj canceled at Vashistha Narayan Singh residence) किया है. आरजेडी कहना है कि इंतजार तो भोज का बहुत रहता है लेकिन कोरोना का ग्रहण है. वो भागलपुर का कतरनी धान का चूड़ा... गया का तिलकुट और वैशाली की सब्जी विशेष रुप से मंगाई जाती थी लेकिन इसबार भी वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर दही-चूड़ा भोज का रंग देखने को नहीं मिलेगा.
आपको बताते चलें कि पिछले साल वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर न सही, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह के आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन हुआ था. हालांकि, उस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. जबकि वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर दही चूड़ा भोज में न केवल जदयू के नेता बल्कि सहयोगी और अन्य दलों के नेताओं को भी आमंत्रण दिया जाता था.
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इस संबंध में वशिष्ठ नारायण सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि वे इस भोज का आयोजन 22 सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए भोज को स्थगित कर दिया है. कोरोना से बचाव के लिए यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि भोज तो हमारे आवास पर होती है लेकिन हम किसी को इसमें आमंत्रित नहीं करते हैं. सब दही-चूड़ा सहित अन्य सामग्र लेकर खुद आते हैं और भोज में शामिल होते हैं.
वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि भोज तो सब जगह होता है लेकिन हमारे आवास पर आयोजित भोज की चर्चा होती है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए पटना से दिल्ली तक आयोजित होने वाले भोज को स्थगित कर दिया गया है.
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बताते चलें कि एनडीए की तरफ से भी दही चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता रहा है और मुख्य विपक्ष दल आरजेडी की तरफ से भी. बिहार की सियासी चूड़ा-दही भोज सुर्खियों में रहता है.
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