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बेरोजगारी की वजह से बिहार में बढ़ा साइबर फ्रॉड, पैसे कमाने के लिए अपना रहे शॉर्ट कट तरीका

डिजिटल इंडिया के विस्तार के साथ ही बेरोजगारी की वजह से बिहार में साइबर फ्रॉड बढ़ा (Cyber fraud increased due to unemployment in Bihar) है. जिसका मुख्य कारण बेरोजगारी को बताया जा रहा है. पटना में 7 साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी (Seven cyber frauds arrested in Patna) की गई है. खास बात ये है कि गिरफ्तार सभी आरोपी अभी युवा हैं और ग्रेजुएट हैं. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार में साइबर फ्रॉड
बिहार में साइबर फ्रॉड
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Published : Feb 22, 2022, 4:47 PM IST

पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud in Bihar) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. साइबर फ्रॉड और सिम क्लोनिंग के साथ-साथ मोबाइल एप के सहारे या नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों से भी ठगी कर रहे हैं. हाल के दिनों में पटना से कई साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से करीब 7 साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो पाई है.

ये भी पढ़ें- Cyber Fraud in Bihar: अब साइबर अपराधियों के खिलाफ FIR में IT एक्ट भी होगा शामिल, संपत्ति भी होगी जब्त

पत्रकार नगर थाना प्रभारी ने ईटीवी भारत को टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि पटना में रहकर व्हाट्सएप फोन और लैपटॉप से लॉटरी, चेहरा पहचानो इनाम पाओ, केवाईसी अपडेट कराने, नौकरी पाने का संदेश भेजने के बाद मोबाइल को हैक कर खातों से रकम उड़ाने वाले नालंदा बिहार शरीफ के साइबर फ्रॉड को पटना के कंकड़बाग डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम से रकम निकालने के दौरान गिरफ्तार किया गया है. इसके पास से 1 लाख कैश, 33 एटीएम कार्ड, 9 पासबुक और मोबाइल बरामद हुआ है. पकड़ा गया फ्रॉड नालंदा के बिहार शरीफ का रहने वाला कुंदन कुमार है.

उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए 7 साइबर फ्रॉड जो कि ज्यादातर बिहार शरीफ, नवादा और नालंदा के रहने वाले हैं. यह सभी एजुकेटेड हैं. इनकी शिक्षा लगभग ग्रेजुएशन है और कहीं ना कहीं यह सभी बेरोजगारी की वजह से साइबर फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. कहीं ना कहीं युवा वर्ग इन दिनों बेरोजगारी के कारण शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने का एक नया जरिया साइबर फ्रॉड को बना रखा है. उन्होंने बताया कि अब तक पकड़े गए 7 साइबर फ्रॉड की उम्र लगभग 22 से 30 वर्ष के बीच की है जो सभी अभी युवा हैं.

साइबर फ्रॉड चंदन के गिरोह में 35 से अधिक सदस्य शामिल हैं. इन सभी को पैसे उड़ाने का बकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है. आरोपी चंदन की गिरफ्तारी के बाद से सभी सदस्यों के मोबाइल स्विच ऑफ हो गए हैं. जिसके बाद पत्रकार नगर थाना और आर्थिक अपराध इकाई ने उनके साथियों की कॉल डिटेल्स की जानकारी जुटाई जा रही है. बता दें कि गिरफ्तार साइबर फ्रॉड ने खुलासा किया है कि रुपए का प्रलोभन देकर उनके गिरोह के द्वारा पटना और नालंदा में कई फर्जी खाते भी खुलवाए गए हैं. उन खातों में उड़ाए गए पैसों को ट्रांसफर किया जाता है और ट्रांसफर के आधे घंटे के बाद उन पैसों को दूसरे एटीएम के माध्यम से निकाल भी लिया जाता है.

पुलिस के पूछताछ में यह बात सामने आई कि ग्रेजुएट पास करने के बाद उसने कई सरकारी नौकरियों की परीक्षा दी. नौकरी नहीं मिलने पर गिरोह के सरगना चंदन के संपर्क में आया और चंदन ने ही उसे साइबर फ्रॉड करना सिखाया है. उसने अब तक करीब 13 करोड़ से अधिक के पैसों का फ्रॉड किया है.

बता दें कि राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने पूर्व में भी इस गिरोह के कई सदस्यों को पकड़ा है. सबसे पहले 24 जनवरी 2021 को नालंदा के राकेश कुमार और अखिलेश कुमार को पकड़ा गया था. 19 सितंबर को शेखपुरा के शिबू कुमार और गया के राहुल कुमार एटीएम व पासबुक के साथ पकड़ा गया था. 21 अक्टूबर 2021 को वारसलीगंज नवादा के गौतम कुमार, 11 नवंबर को फतेहपुर बिल्सी के मुन्ना कुमार, 23 जनवरी 2022 को बोकारो के रंजीत कुमार और राजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह सभी आरोपी कुंदन की ही तरह ट्रेनिंग लेकर दूसरे के खाते से रकम उड़ाते थे.

यह सभी युवा वर्ग के हैं और कहीं ना कहीं बेरोजगारी की वजह से साइबर फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. बिहार के नालंदा और नवादा जिले में साइबर फ्रॉड के द्वारा क्लास भी लगाई जाती है, जिसमें युवकों को तैयार किया जाता है. साइबर फ्रॉड ज्यादातर एटीएम और क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसमें कई तरह के कार्ड क्लोनिंग, फोन कॉल कर या किसी शॉपिंग साइड से जुड़ी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर या ओटीपी बैंक के अधिकारी बनकर केवाईसी के नाम पर या इन दिनों फर्जी शॉपिंग साइट या नौकरी के आवेदन के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है.

''इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बिना सोचे समझे किसी भी एप का इस्तेमाल नहीं करें, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता है. 94 एप बहुत खतरनाक है जिनसे बचकर रहने की जरूरत है नहीं तो आम लोगों का खाता खाली हो सकता है. जालसाज आम लोगों को अपनी बातों में फंसाकर एप डाउनलोड करा लेते हैं और खाते साफ कर देते हैं. एनीडेक्स, क्विक सपोर्ट, टीमक्यूअर और मिंगलयु को भूल कर भी अपने मोबाइल पर इंस्टॉल ना करें. इसके साथ-साथ अज्ञात वेबसाइट से हेल्पलाइन नंबर खोजने की भूल कभी ना करें, क्योंकि आधा दर्जन से ज्यादा फर्जी वेबसाइट एसबीआई के नाम से चल रही हैं. किसी भी समाधान के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाए और ठीक से चेक करने के बाद ही अपनी सूचनाएं साझा करें.''- अभिनव सौरव, साइबर एक्सपर्ट

बता दें कि साल 2011 में जहां महज एक साइबर फ्रॉड की घटना दर्ज की गई थी. वहीं, पिछले 10 सालों में यह बढ़कर 100 गुना हो गया है. साल 2011 से अब तक के लगभग 2026 मामले साइबर फ्रॉड से जुड़े दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 1996 मामलों का निपटारा भी हो चुका है और 73 मामलों मे जांच की प्रक्रिया चल रही है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 51% केस सिर्फ एटीएम और क्रेडिट कार्ड से जुड़े हुए हैं. पहले की तुलना में 20 गुना ऑनलाइन लेनदेन बिहार में पिछले 10 वर्षों में बढ़ा है. यही नहीं बिहार के साइबर फ्रॉड सिर्फ बिहार में ही नहीं अन्य राज्यों में भी ठगी कर रहे हैं. जिस वजह से राजस्थान, यूपी और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस कई बार बिहार आ चुकी है. कई साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी भी की गई है.

पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (PHQ ADG Jitendra Singh Gangwar) ने टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि पटना के पत्रकार नगर के द्वारा साइबर फ्रॉड कुंदन कुमार की गिरफ्तारी के बाद बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. नालंदा, नवादा, शेखपुरा इलाके में छापेमारी अभियान चलाएगी, क्योंकि पुलिस को इस गिरोह के सदस्यों के बारे में इन इलाकों में ही होने की जानकारी मिली है. मूल रूप से इस गिरोह के कई सदस्य नालंदा और केकतरीसराय के रहने वाले हैं.

आर्थिक अपराध इकाई नेवी इन सभी थानों को निर्देश दिया है कि साइबर फ्रॉड के मामले में साइबर अपराधी पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और इसके साथ-साथ साइबर फ्रॉड करने वालों की संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा. पटना, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिले को बिहार में साइबर फ्रॉड के हॉटस्पॉट (Cybercrime Hotspots in Bihar) चिन्हित किया गया है.

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पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud in Bihar) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. साइबर फ्रॉड और सिम क्लोनिंग के साथ-साथ मोबाइल एप के सहारे या नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों से भी ठगी कर रहे हैं. हाल के दिनों में पटना से कई साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से करीब 7 साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो पाई है.

ये भी पढ़ें- Cyber Fraud in Bihar: अब साइबर अपराधियों के खिलाफ FIR में IT एक्ट भी होगा शामिल, संपत्ति भी होगी जब्त

पत्रकार नगर थाना प्रभारी ने ईटीवी भारत को टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि पटना में रहकर व्हाट्सएप फोन और लैपटॉप से लॉटरी, चेहरा पहचानो इनाम पाओ, केवाईसी अपडेट कराने, नौकरी पाने का संदेश भेजने के बाद मोबाइल को हैक कर खातों से रकम उड़ाने वाले नालंदा बिहार शरीफ के साइबर फ्रॉड को पटना के कंकड़बाग डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम से रकम निकालने के दौरान गिरफ्तार किया गया है. इसके पास से 1 लाख कैश, 33 एटीएम कार्ड, 9 पासबुक और मोबाइल बरामद हुआ है. पकड़ा गया फ्रॉड नालंदा के बिहार शरीफ का रहने वाला कुंदन कुमार है.

उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए 7 साइबर फ्रॉड जो कि ज्यादातर बिहार शरीफ, नवादा और नालंदा के रहने वाले हैं. यह सभी एजुकेटेड हैं. इनकी शिक्षा लगभग ग्रेजुएशन है और कहीं ना कहीं यह सभी बेरोजगारी की वजह से साइबर फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. कहीं ना कहीं युवा वर्ग इन दिनों बेरोजगारी के कारण शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने का एक नया जरिया साइबर फ्रॉड को बना रखा है. उन्होंने बताया कि अब तक पकड़े गए 7 साइबर फ्रॉड की उम्र लगभग 22 से 30 वर्ष के बीच की है जो सभी अभी युवा हैं.

साइबर फ्रॉड चंदन के गिरोह में 35 से अधिक सदस्य शामिल हैं. इन सभी को पैसे उड़ाने का बकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है. आरोपी चंदन की गिरफ्तारी के बाद से सभी सदस्यों के मोबाइल स्विच ऑफ हो गए हैं. जिसके बाद पत्रकार नगर थाना और आर्थिक अपराध इकाई ने उनके साथियों की कॉल डिटेल्स की जानकारी जुटाई जा रही है. बता दें कि गिरफ्तार साइबर फ्रॉड ने खुलासा किया है कि रुपए का प्रलोभन देकर उनके गिरोह के द्वारा पटना और नालंदा में कई फर्जी खाते भी खुलवाए गए हैं. उन खातों में उड़ाए गए पैसों को ट्रांसफर किया जाता है और ट्रांसफर के आधे घंटे के बाद उन पैसों को दूसरे एटीएम के माध्यम से निकाल भी लिया जाता है.

पुलिस के पूछताछ में यह बात सामने आई कि ग्रेजुएट पास करने के बाद उसने कई सरकारी नौकरियों की परीक्षा दी. नौकरी नहीं मिलने पर गिरोह के सरगना चंदन के संपर्क में आया और चंदन ने ही उसे साइबर फ्रॉड करना सिखाया है. उसने अब तक करीब 13 करोड़ से अधिक के पैसों का फ्रॉड किया है.

बता दें कि राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने पूर्व में भी इस गिरोह के कई सदस्यों को पकड़ा है. सबसे पहले 24 जनवरी 2021 को नालंदा के राकेश कुमार और अखिलेश कुमार को पकड़ा गया था. 19 सितंबर को शेखपुरा के शिबू कुमार और गया के राहुल कुमार एटीएम व पासबुक के साथ पकड़ा गया था. 21 अक्टूबर 2021 को वारसलीगंज नवादा के गौतम कुमार, 11 नवंबर को फतेहपुर बिल्सी के मुन्ना कुमार, 23 जनवरी 2022 को बोकारो के रंजीत कुमार और राजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह सभी आरोपी कुंदन की ही तरह ट्रेनिंग लेकर दूसरे के खाते से रकम उड़ाते थे.

यह सभी युवा वर्ग के हैं और कहीं ना कहीं बेरोजगारी की वजह से साइबर फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. बिहार के नालंदा और नवादा जिले में साइबर फ्रॉड के द्वारा क्लास भी लगाई जाती है, जिसमें युवकों को तैयार किया जाता है. साइबर फ्रॉड ज्यादातर एटीएम और क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसमें कई तरह के कार्ड क्लोनिंग, फोन कॉल कर या किसी शॉपिंग साइड से जुड़ी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर या ओटीपी बैंक के अधिकारी बनकर केवाईसी के नाम पर या इन दिनों फर्जी शॉपिंग साइट या नौकरी के आवेदन के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है.

''इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बिना सोचे समझे किसी भी एप का इस्तेमाल नहीं करें, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता है. 94 एप बहुत खतरनाक है जिनसे बचकर रहने की जरूरत है नहीं तो आम लोगों का खाता खाली हो सकता है. जालसाज आम लोगों को अपनी बातों में फंसाकर एप डाउनलोड करा लेते हैं और खाते साफ कर देते हैं. एनीडेक्स, क्विक सपोर्ट, टीमक्यूअर और मिंगलयु को भूल कर भी अपने मोबाइल पर इंस्टॉल ना करें. इसके साथ-साथ अज्ञात वेबसाइट से हेल्पलाइन नंबर खोजने की भूल कभी ना करें, क्योंकि आधा दर्जन से ज्यादा फर्जी वेबसाइट एसबीआई के नाम से चल रही हैं. किसी भी समाधान के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाए और ठीक से चेक करने के बाद ही अपनी सूचनाएं साझा करें.''- अभिनव सौरव, साइबर एक्सपर्ट

बता दें कि साल 2011 में जहां महज एक साइबर फ्रॉड की घटना दर्ज की गई थी. वहीं, पिछले 10 सालों में यह बढ़कर 100 गुना हो गया है. साल 2011 से अब तक के लगभग 2026 मामले साइबर फ्रॉड से जुड़े दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 1996 मामलों का निपटारा भी हो चुका है और 73 मामलों मे जांच की प्रक्रिया चल रही है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 51% केस सिर्फ एटीएम और क्रेडिट कार्ड से जुड़े हुए हैं. पहले की तुलना में 20 गुना ऑनलाइन लेनदेन बिहार में पिछले 10 वर्षों में बढ़ा है. यही नहीं बिहार के साइबर फ्रॉड सिर्फ बिहार में ही नहीं अन्य राज्यों में भी ठगी कर रहे हैं. जिस वजह से राजस्थान, यूपी और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस कई बार बिहार आ चुकी है. कई साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी भी की गई है.

पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (PHQ ADG Jitendra Singh Gangwar) ने टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि पटना के पत्रकार नगर के द्वारा साइबर फ्रॉड कुंदन कुमार की गिरफ्तारी के बाद बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. नालंदा, नवादा, शेखपुरा इलाके में छापेमारी अभियान चलाएगी, क्योंकि पुलिस को इस गिरोह के सदस्यों के बारे में इन इलाकों में ही होने की जानकारी मिली है. मूल रूप से इस गिरोह के कई सदस्य नालंदा और केकतरीसराय के रहने वाले हैं.

आर्थिक अपराध इकाई नेवी इन सभी थानों को निर्देश दिया है कि साइबर फ्रॉड के मामले में साइबर अपराधी पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और इसके साथ-साथ साइबर फ्रॉड करने वालों की संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा. पटना, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिले को बिहार में साइबर फ्रॉड के हॉटस्पॉट (Cybercrime Hotspots in Bihar) चिन्हित किया गया है.

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