पटनाः बिहार की राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में यूं कहें पूरे देश में साइबर ठगी (Cyber Fraud in Bihar) की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. आम इंसान को छोड़िए खास लोगों को भी साइबर फ्रॉड ठगी का शिकार बना रहे हैं. साल 2022 के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी पटना में सबसे ज्यादा साइबर ठगी के लोग शिकार हुए हैं. राजधानी पटना में 7900, मुजफ्फरपुर 2367, सारण 1802, मोतिहारी 1695, समस्तीपुर 1643 और सिवान में 1621 लोग साइबर ठगी के शिकार हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः साइबर अपराध से निपटने में बीटेक छात्रों की ली जाएगी मदद, कॉट्रेक्ट पर करेंगे काम
2022 में 43987 साइबर अपराध के मामले आए सामनेः यह सिर्फ कुछ जिलों की बात है. पूरे राज्य की बात करें तो सिर्फ साल 2022 में 43987 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए हैं. यानी कि बिहार में हर रोज 144 लोग साइबर ठगी के शिकार हुए हैं. प्रति घंटे बिहार के छह लोग साइबर ठगी के जाल में फंस रहे हैं. दरअसल, बिहार के साइबर ठग सिर्फ बिहार को ही नहीं बल्कि बिहार के अलावा 15 राज्यों के पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है. यही कारण है कि हर महीने किसी ना किसी दूसरे राज्य की पुलिस ठगों की तलाशी में बिहार पहुंची रहती है.
बिहार में बैठकर तामिलनाडु में साइबर फ्राॅडः अभी कल की ही बात है तमिलनाडु में कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले साइबर फ्रॉड को पकड़ने के लिए वहां की पुलिस पटना पहुंची है. बिहार की राजधानी पटना, गया, शेखपुरा, नालंदा और नवादा जिला कहीं न कहीं साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट बन गया है. पिछले 3 वर्षों में उत्तर प्रदेश से लेकर अंडमान निकोबार जम्मू-कश्मीर की पुलिस से कई बार बिहार आ चुकी है. पिछले साल साल 2022 में साइबर ठगी के सबसे ज्यादा 43987 मामले दर्ज किए गए.
2022 में बिहार के लोगों से 74 करोड़ की ठगीः 2022 में साइबर अपराधियों ने बिहार के लोगों से 74 करोड़ की ठगी की है. चर्चित मामलों की अगर बात करें तो साइबर अपराधियों का मनोबल इतना ऊंचा हो गया है कि आम इंसान तो छोड़िए बिहार के मुख्य सचिव तक को नहीं छोड़ा है. उन्होंने उनके अकाउंट से भी ₹90000 उड़ा लिए थे. हालांकि आर्थिक अपराध इकाई की तत्परता से पैसे रिकवर कर लिए गए हैं. आदित्य विजन के अकाउंट से ₹1900000 की ठगी का मामला सामने आया था. पिछले साल पर्यटन विभाग के खातों से साइबर ठगों ने ₹980000 उड़ा लिए हैं.
फर्जी दस्तावेज से सिम लेने पर लगे रोकः हाल ही में पटना यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग के चालू खाता से 756000 कि गबन की घटना को अंजाम दिया गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए राज्य में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी दस्तावेज के जरिए सिम कार्ड हासिल कर गलत इस्तेमाल करने वालों पर बड़ा कदम उठाते हुए सभी जिले के एसपी को निर्देश दिया है.
फर्जी सिम इस्तेमाल करने वालों पर नजरः जेएस गंगवार ने कहा कि ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए जो दूसरे के नाम पर फर्जी सिम का इस्तेमाल कर लोगों को झांसा दे रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि सिर्फ बिहार के साइबर फ्रॉड नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के साइबर फ्रॉड भी कई राज्यों में घटना को अंजाम दे रहे हैं. उनके रोकथाम के लिए लगातार साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा रही है. सबसे ज्यादा अब तक पटना से गिरफ्तारी हुई है. लोगों को अवेयरनेस को लेकर भी बिहार पुलिस के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.
"साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए राज्य में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी दस्तावेज के जरिए सिम कार्ड हासिल कर गलत इस्तेमाल करने वालों पर बड़ा कदम उठाते हुए सभी जिले के एसपी को निर्देश दिया है. ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए जो दूसरे के नाम पर फर्जी सिम का इस्तेमाल कर लोगों को झांसा दे रहे हैं. सिर्फ बिहार के साइबर फ्रॉड नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के साइबर फ्रॉड भी कई राज्यों में घटना को अंजाम दे रहे हैं. उनके रोकथाम के लिए लगातार साइबर फ्रॉड की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा रही है" - जेएस गंगवार, एडीजी, मुख्यालय