पटना: कोरोना महामारी के दौरान डिजिटल पेमेंट का प्रचलन बढ़ा है. जिस वजह से साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) करके अपराधी नए-नए तरीक खोजकर आम इंसान की गाढ़ी कमाई को धड़ल्ले से उड़ा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार के राजधानी पटना के अशोक नगर रोड नंबर 9 आ रही है. यहां मेडिकल की तैयारी कर रहा एक स्टूडेंट साइबर क्रिमिनल्स का शिकार हो गया है. दिल्ली और कोटा के बड़े इंस्टीच्यूट का नोट्स और बुक्स उपलब्ध कराने के नाम पर धीरे-धीरे करके उससे कुल 1 लाख 96 हजार 130 रुपए की ठगी कर ली गई है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पटना पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.
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बता दें कि यह ठगी रुपयों का ट्रांजेक्शन UPI के जरिए हुआ है. शातिरों की गिरफ्त में स्टूडेंट इस कदर आ गया कि उसने अपने रुपए तो दिए ही, साथ में अपनी मां के UPI अकाउंट से भी रुपए ट्रांसफर कर दिया. जब उसे ठगे जाने का एहसास हुआ तो परेशान हो गया, वह डिप्रेश हो गया. किसी तरह से हिम्मत जुटा कर उसने परिवार को यह बात बताई और फिर मामला थाना पहुंचा.
साइबर ठगी के शिकार 17 वर्षीय मनीष पटना के अशोक नगर रोड नंबर 9 में अपने परिवार के साथ किराए के घर में रहता है. पिता संजय कुमार जमशेदपुर की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. इंटरमीडिएट पास करने के बाद मनीष मेडिकल की तैयारी करने में जुट गया. OLX पर पुरानी बुक्स को बेचने के लिए 29 अक्टूबर की रात 9 बजे के करीब उसने एक विज्ञापन डाला था. कुछ देर बाद उसी रात उसके मोबाइल पर कॉल आया. कॉल करने वाले ने उसे खुद का नाम अनिल कुमार बताया. उसने कहा कि मैं पुराने बुक्स की खरीद-बिक्री करता हूं. बुक फेयर में स्टॉल भी लगाता हूं.
जिन किताबों का विज्ञापन मनीष ने दिया था. कॉल करने वाले अनिल ने उसे 800 रुपए में खरीदने के लिए तैयार हो गया. दोनों के बीच इसके लिए डील हो गई थी. इसके बाद उसने मनीष के साथ बातचीत के क्रम में कहा कि मेरे पास मेडिकल और नीट की अच्छे बुक्स हैं. साथ ही दिल्ली और कोटा के बड़े इंस्टीच्यूट के नोट्स भी हैं. जो सस्ते रेट में मिल जाएगा. ये नोट्स और बुक्स 3510 रुपए में मिलेंगे. इसमें 800 रुपया माइनस हो जाएगा. आपको 2710 रुपया देना होगा. इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट करना होगा.
30 अक्टूबर को अनिल ने ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए UPI अकाउंट नंबर दिया और कहा कि ये मेरे भाई अमित कुमार का है. नोट्स भेजने के नाम पर अनिल ने मनीष को गुमराह करना शुरू किया. उसने एक नया अकाउंट भेजा, जो नीतिन कुमार के नाम पर था. उस अकाउंट में 5620 रुपए मांगे और कहा कि रिफंड हो जाएगा, पर वापस नहीं आया. इसके बाद एक-एक करके 22400, 11220 और 30000 रुपए दिए. इसके बाद मां के नंबर से भी पहले 50 और बाद में 30 हजार ट्रांसफर कर दिया. इस तरह से कुल 1 लाख 96 हजार 130 रुपया दे दिया.
परेशान मनीष ने अपने एडवोकेट चाचा सतीश कुमार को बताया. फिर उस नंबर पर वीडियो कॉल के जरिए अनिल से बात की. जो आर्मी के ड्रेस में था. उसने 1.97 लाख के चेक की फोटो मोबाइल पर भेजा, कहा रुपया वापस चला जाएगा. लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. अब मनीष और उसके परिवार ने कंकड़बाग थाना में इस मामले में कंप्लेन की. शातिरों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पटना पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.
बिहार में लॉकडाउन के बाद से लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम को लेकर हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्राणतोष दास ने अहम जानकारी देते हुए बताया था कि सोशल मीडिया या साइट्स पर हुए साइबर क्राइम के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है. साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर- 155260 और बच्चों के साथ हुए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर-1098 पर संपर्क कर सकते है. साथ ही @cyberdost ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर आप अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं.
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