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ब्राउन और काला के बाद पटना में अब लाल चावल की खेती, आर्किटेक्ट व इंजीनियर लाखों का पैकेज छोड़ कर रहे किसानी - ईटीवी भारत बिहार

ब्राउन और काला के बाद बिहार (Agriculture Department Of Bihar) की राजधानी पटना में अब लाल चावल की भी खेती हो रही है. पटना के मसौढी में आर्किटेक्ट इंजीनियर रेड सन्यासी तोमर ने इसकी खेती शुरू की है. बतौर वैज्ञानिक ब्राउन राइस की तुलना में यह 10 गुना अधिक पौष्टिक होता है. पढ़ें पूरी खबर...

राजधानी पटना में लाल चावल की भी खेती
राजधानी पटना में लाल चावल की भी खेती
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Published : Nov 20, 2022, 11:07 PM IST

पटनाः पारंपरिक खेती से हटकर अब जिले में लाल चावल की खेती (Cultivation of red rice also in Patna) की जा रही है. मसौढी के महादेवपुर में आर्किटेक्ट इंजीनियर रेड सन्यासी तोमर ने इसकी खेती शुरू की है. रेड सन्यासी तोमर के साथ साथ कई किसान इस बार लाल धान की खेती कर अपनी तीन गुना कमाई कर रहे हैं. बता दें कि रेड सन्यासी तोमर एक आर्किटेक्ट इंजीनियर हैं, जो लाखो का पैकेज छोड़कर अब पटना के मसौढी में लाल चावल की खेती कर रहे हैं. बतौर वैज्ञानिक ब्राउन राइस की तुलना में यह 10 गुना अधिक पौष्टिक होता है.

यह भी पढ़ेंः यू ट्यूब से सीखकर बिहार के आशीष उगा रहे अमेरिका का ₹400/किलो बिकने वाला 'काला आलू'

10 गुना अधिक पौष्टिकः बतौर एक्सपर्ट का मानना है कि लाल चावल काफी पौष्टिक होता है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. इन्फोसायनीन नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है. दावा किया जाता है कि ब्राउन राइस की तुलना में यह 10 गुना अधिक पौष्टिक होता है. यह पाचन तंत्र में काफी लाभकारी होता है. साथ कई तरह की बीमारी में यह लाभकारी होता है. पटना में इस चावल की खेती होने से किसान को काफी फायदा होगा. इसकी कीमत बाजार में अन्य चावल के मुकाबले जार गुणा अधिक होती है.

आमदनी का जरियाः रेड तोमर सन्यासी किसानों को लाल चावल की खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. बताया कि चावल सेहत से भरपूर होता है. किसान अपनी आमदनी का जरिया को बढ़ाने के लिए काले लाल और लाल चावल की खेती करें. इसका डिमांड मार्केट में बढ़ रहा है. लाल चावल में जलन, एलर्जी और कैंसर जैसी बीमारी को खत्म करने के गुण मौजूद हैं.

डायबिटीज में फायदेमंदः बतौर एक्सपर्ट लाल चावल में भरपूर मात्रा में एक ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं. लाल चावल में कैलशियम, मैग्निशियम, एंथोसाइन आदि काफी मात्रा में पाए जाते हैं. टाइप 2 डायबिटीज, अस्थमा, कैंसरस हड्डी रोग में यह फायदेमंद होता है. रेड सन्यासी की माने तो किसानों को हम लगातार जागरूक कर रहे हैं कि खाद को छोड़कर जैविक खेती की ओर बढ़े. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

वजन घटाने में मददगारः लाल चावल वजन घटाने को बेहद आसान करने के लिए जाना जाता है. इस चावल में फैट की मात्रा जीरो होती है, इसलिए इसका सेवन वजन कम करने में मदद करता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. इसके अलावा ये बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है.

स्किन के लिए फायदेमंदः लाल चावल आयरन और विटामिन से भरपूर होता है, जो मिलकर हमारे शरीर में RBC के उत्पादन में मदद करते हैं. इसके अलावा विटामिन और आयरन दोनों स्किन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट हमारी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाते हैं.

पटनाः पारंपरिक खेती से हटकर अब जिले में लाल चावल की खेती (Cultivation of red rice also in Patna) की जा रही है. मसौढी के महादेवपुर में आर्किटेक्ट इंजीनियर रेड सन्यासी तोमर ने इसकी खेती शुरू की है. रेड सन्यासी तोमर के साथ साथ कई किसान इस बार लाल धान की खेती कर अपनी तीन गुना कमाई कर रहे हैं. बता दें कि रेड सन्यासी तोमर एक आर्किटेक्ट इंजीनियर हैं, जो लाखो का पैकेज छोड़कर अब पटना के मसौढी में लाल चावल की खेती कर रहे हैं. बतौर वैज्ञानिक ब्राउन राइस की तुलना में यह 10 गुना अधिक पौष्टिक होता है.

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10 गुना अधिक पौष्टिकः बतौर एक्सपर्ट का मानना है कि लाल चावल काफी पौष्टिक होता है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. इन्फोसायनीन नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है. दावा किया जाता है कि ब्राउन राइस की तुलना में यह 10 गुना अधिक पौष्टिक होता है. यह पाचन तंत्र में काफी लाभकारी होता है. साथ कई तरह की बीमारी में यह लाभकारी होता है. पटना में इस चावल की खेती होने से किसान को काफी फायदा होगा. इसकी कीमत बाजार में अन्य चावल के मुकाबले जार गुणा अधिक होती है.

आमदनी का जरियाः रेड तोमर सन्यासी किसानों को लाल चावल की खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. बताया कि चावल सेहत से भरपूर होता है. किसान अपनी आमदनी का जरिया को बढ़ाने के लिए काले लाल और लाल चावल की खेती करें. इसका डिमांड मार्केट में बढ़ रहा है. लाल चावल में जलन, एलर्जी और कैंसर जैसी बीमारी को खत्म करने के गुण मौजूद हैं.

डायबिटीज में फायदेमंदः बतौर एक्सपर्ट लाल चावल में भरपूर मात्रा में एक ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं. लाल चावल में कैलशियम, मैग्निशियम, एंथोसाइन आदि काफी मात्रा में पाए जाते हैं. टाइप 2 डायबिटीज, अस्थमा, कैंसरस हड्डी रोग में यह फायदेमंद होता है. रेड सन्यासी की माने तो किसानों को हम लगातार जागरूक कर रहे हैं कि खाद को छोड़कर जैविक खेती की ओर बढ़े. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

वजन घटाने में मददगारः लाल चावल वजन घटाने को बेहद आसान करने के लिए जाना जाता है. इस चावल में फैट की मात्रा जीरो होती है, इसलिए इसका सेवन वजन कम करने में मदद करता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. इसके अलावा ये बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है.

स्किन के लिए फायदेमंदः लाल चावल आयरन और विटामिन से भरपूर होता है, जो मिलकर हमारे शरीर में RBC के उत्पादन में मदद करते हैं. इसके अलावा विटामिन और आयरन दोनों स्किन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट हमारी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाते हैं.

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