पटना: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पीएमसीएच (PMCH) के 20 हजार लीटर की क्षमता वाले क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. पीएमसीएच में क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट के उद्घाटन होने से ऑक्सीजन के मामले में पीएमसीएच आत्मनिर्भर हो गया है और वर्तमान में इसे जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उससे अधिक ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता पीएमसीएच को मिल गई है.
वर्तमान समय में पीएमसीएच में प्रतिदिन 18 हजार से 20 हजार लीटर ऑक्सीजन की खपत है. बीते 7 मई को 1000 लीटर ऑक्सीजन की क्षमता अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया गया था और इसके साथ ही अब अस्पताल में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता 21000 लीटर हो गई है. यह 20000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन वाला क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लिंडे कंपनी के द्वारा तैयार किया गया है.
अस्पताल के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि पीएमसीएच ऑक्सीजन के मामले में अब आत्मनिर्भर हो जाएगा. यह पीएमसीएच के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इसके लिए वह मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को बधाई देना चाहते हैं. इस मौके पर डीएमसीएच परिसर में अस्पताल के अधीक्षक, प्राचार्य और कई वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे.
''यह बहुत खुशी की बात है कि पीएमसीएच को दो तरह का ऑक्सीजन सप्लाई मिला है. एक पीएसए के द्वारा मिला है जिससे वातावरण की ऑक्सीजन को लेकर अपना ऑक्सीजन तैयार करते हैं और इसकी क्षमता 1000 लीटर की है. दूसरा क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट 20 हजार लीटर की क्षमता का है. अब अस्पताल में किसी भी हालत में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.''- डॉ.विद्यापति चौधरी, प्राचार्य, पीएमसीएच
डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि पीएमसीएच में अभी के समय 1775 बेड है और 3000 मरीज रहते हैं. अस्पताल में 5000 बेड की क्षमता विकसित की जा रही है. ऐसे में अस्पताल को और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी. उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि अभी जितनी अस्पताल को ऑक्सीजन की जरूरत है उससे ज्यादा ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता पीएमसीएच में विकसित कर लिया है मगर ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पताल के बाहर नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो इसके लिए पीएमसीएच पूरी तरह तैयार हो गया है. अब अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत बिल्कुल नहीं होगी जैसा कि दूसरी लहर में देखने को मिला था.