पटना : जदयू की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर आज फैसला हो सकता है लेकिन उससे पहले केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के आवास पर हलचल बढ़ (Crowd of JDU Workers Increased at RCP Singh Residence) गई है. बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंच रहे हैं और आरसीपी सिंह एक-एक कर सभी से मिल भी रहे हैं. पूर्व विधायक अभय कुशवाहा लगातार आरसीपी सिंह की टीम के साथ घूमते रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री जब भी पटना में रहते हैं, तो उनके आवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ रहती है.
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फैसले के इंतजार में आरसीपी सिंह के समर्थक: जदयू के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री पार्टी के हित में और कार्यकर्ताओं के हित में सही फैसला लेंगे. आरसीपी सिंह के समर्थक साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार सही फैसला लेंगे. असल में उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस अभी तक बना हुआ है और किसी को पता नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसे राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. वैसे आज जदयू की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा किये जाने की संभावना है और आरसीपी सिंह के समर्थक उसका इंतजार कर रहे हैं.
"यहां तो हमेशा हलचल रही है. जब साहब रहते हैं तो हलचल रहती है. सब कार्यकर्ता से मिलते जुलते हैं. कहने की बात नहीं है. मामनीय सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार जी जो भी होगा वो निर्णय लेते हैं." - अभय कुशवाहा, पूर्व विधायक, जदयू
उम्मीदवार को लेकर जेडीयू में उहापोह: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू में ऊहापोह (Differences in JDU over RCP Singh) की स्थिति है. यही वजह है कि अब तक राज्यसभा उम्मीदवार की घोषणा नहीं हो पाई है. आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट (Suspense on RCP Singh Rajya Sabha candidature) मिलेगा या नहीं, इस पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. नीतीश कुमार के लिए भी फैसला लेना कठिन हो रहा है, क्योंकि आरसीपी सिंह उनके खासमखास माने जाते हैं तो वहीं ललन सिंह नीतीश कुमार के पुराने मित्रों में से हैं. ऐसे में सीएम के फैसले से एक गुट का नाराज होना तय है. हालांकि पार्टी में गुटबाजी से जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा साफ इंकार करते हैं.
क्या हैं नीतीश की शर्तें: इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर आरसीपी सिंह के सामने एक शर्त रखी है. अब यह आरसीपी सिंह पर है कि वे इसे स्वीकार करें या न करें. बताया जाता है कि नीतीश कुमार के शर्त के मुताबिक आरसीपी सिंह यदि मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहते हैं, तभी उन्हें राज्यसभा के लिए दोबारा नामित (Rajya Sabha ticket to Union Minister RCP Singh) किया जाएगा. इस रणनीतिक कदम से नीतीश कुमार मोदी की कैबिनेट में जदयू का आनुपातिक प्रतिनिधित्व मांगेंगे. इस तरह नीतीश एक तीर से दो निशाना लगायेंगे. एक तो वह आरसीपी को अपनी शर्तों पर रखेंगे और दूसरी तरफ बीजेपी को यह संदेश भी जाएगा कि नीतीश अपना 'शो' चलाना चाहते हैं. वे सांसद की संख्या के आधार पर मोदी मंत्रिमंडल में अपनी दावेदारी चाहते हैं.
अधर में आरसीपी सिंह का राजनीतिक भविष्य: आरसीपी सिंह का राजनीतिक भविष्य अधर में है. नीतीश कुमार ने अब तक राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दरअसल, जदयू खेमे में इस बात को लेकर नाराजगी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल पार्टी को समानुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध आरसीपी सिंह ने भाजपा के सांकेतिक प्रतिनिधित्व को स्वीकार कर लिया था. इसी बात से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी है. जेडीयू के प्रत्याशी की घोषणा में विलंब का सबसे बड़ा कारण भी यही है.
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