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नवरात्रि के तीसरे दिन मां शीतला मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, जयकारे से भक्तिमय हुआ वातावरण - नवरात्र का तीसरा दिन

नवरात्रि के तीसरे दिन अगमकुआं मां शीतला मन्दिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. जहां जय माता दी के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय और शुद्ध हो गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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Published : Oct 9, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Oct 9, 2021, 11:28 AM IST

पटना: नवरात्रि के तीसरे (Sharadiya Navratri ) दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की पूजा करने का महत्व है. चंद्रघंटा का अर्थ है, 'जिसके सिर पर अर्ध चंद्र घंटे के रूप में शोभित है'. यह चंद्रमा शीतलता और शुभ्र प्रकाश का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है. बिहार की राजधानी पटना में भी सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में पूरे विधि-विधान से पूजा की जा रही है.

इसे भी पढ़ें: Navratri 2021: पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानिए पूजन और कलश स्थापना के लाभ

जिले के अगमकुआं शीतला मन्दिर (Agamkuan Maa Shitla Mandir) में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. जहां कोरोना को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन का पालन भी कराया जा रहा है. वहीं, मंदिर परिसर में जय माता दी के जयकारा से वातावरण भक्तिमय हो गया है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्र: दूसरे दिन भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना, जानें इसका महत्व

मान्यता है कि मां दुर्गा ने असुरों और दानवों का नाश करने के लिए ये रूप को धारण किया था. मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के अंदर वीरता और निर्भयता आती है, साथ ही मां सभी कष्टों को दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा राक्षसों और असुरों के लिए उनका नाश करने वाली है तो वहीं अपने भक्तों का कल्याण करने वाली.

बताया जाता है कि मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है. इसीलिए मां को चंद्रघंटा कहा जाता है, मान्यता है कि घंटे और शंख की आवाज जहां तक जाती है वहां तक सभी बुराइयों असुरों का नाश हो जाता है और जब मां दुर्गा ने यह स्वरूप धारण किया तो मां की घंटे की आवाज से ही सभी असुर और दानव धराशाई हो गए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर सभी भक्त एक साथ एक चीज के लिए मां चंद्रघंटा की पूजा करें तो मां वह मनोकामना जरूर पूरी करती है.

शारदीय नवरात्रि की तिथियां

7 अक्टूबर 2021गुरुवारप्रतिपदा घटस्थापनामां शैलपुत्री पूजा
8 अक्टूबर 2021शुक्रवारद्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा
9 अक्टूबर 2021शनिवारतृतीय, चतुर्थीमां चंद्रघंटा पूजा, मां कुष्मांडा पूजा
10 अक्टूबर 2021रविवारपंचमीमां स्कंदमाता पूजा
11 अक्टूबर 2021सोमवारषष्ठीमां कात्यायनी पूजा
12 अक्टूबर 2021मंगलवारसप्तमीमां कालरात्रि पूजा
13 अक्टूबर 2021बुधवारअष्टमीमां महागौरी दुर्गा पूजा
14 अक्टूबर 2021गुरुवारमहानवमीमां सिद्धिदात्री पूजा
15 अक्टूबर 2021शुक्रवारविजयादशमीविजयदशमी, दशहरा

पटना: नवरात्रि के तीसरे (Sharadiya Navratri ) दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की पूजा करने का महत्व है. चंद्रघंटा का अर्थ है, 'जिसके सिर पर अर्ध चंद्र घंटे के रूप में शोभित है'. यह चंद्रमा शीतलता और शुभ्र प्रकाश का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है. बिहार की राजधानी पटना में भी सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में पूरे विधि-विधान से पूजा की जा रही है.

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जिले के अगमकुआं शीतला मन्दिर (Agamkuan Maa Shitla Mandir) में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. जहां कोरोना को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन का पालन भी कराया जा रहा है. वहीं, मंदिर परिसर में जय माता दी के जयकारा से वातावरण भक्तिमय हो गया है.

देखें रिपोर्ट.

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मान्यता है कि मां दुर्गा ने असुरों और दानवों का नाश करने के लिए ये रूप को धारण किया था. मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के अंदर वीरता और निर्भयता आती है, साथ ही मां सभी कष्टों को दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा राक्षसों और असुरों के लिए उनका नाश करने वाली है तो वहीं अपने भक्तों का कल्याण करने वाली.

बताया जाता है कि मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है. इसीलिए मां को चंद्रघंटा कहा जाता है, मान्यता है कि घंटे और शंख की आवाज जहां तक जाती है वहां तक सभी बुराइयों असुरों का नाश हो जाता है और जब मां दुर्गा ने यह स्वरूप धारण किया तो मां की घंटे की आवाज से ही सभी असुर और दानव धराशाई हो गए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर सभी भक्त एक साथ एक चीज के लिए मां चंद्रघंटा की पूजा करें तो मां वह मनोकामना जरूर पूरी करती है.

शारदीय नवरात्रि की तिथियां

7 अक्टूबर 2021गुरुवारप्रतिपदा घटस्थापनामां शैलपुत्री पूजा
8 अक्टूबर 2021शुक्रवारद्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा
9 अक्टूबर 2021शनिवारतृतीय, चतुर्थीमां चंद्रघंटा पूजा, मां कुष्मांडा पूजा
10 अक्टूबर 2021रविवारपंचमीमां स्कंदमाता पूजा
11 अक्टूबर 2021सोमवारषष्ठीमां कात्यायनी पूजा
12 अक्टूबर 2021मंगलवारसप्तमीमां कालरात्रि पूजा
13 अक्टूबर 2021बुधवारअष्टमीमां महागौरी दुर्गा पूजा
14 अक्टूबर 2021गुरुवारमहानवमीमां सिद्धिदात्री पूजा
15 अक्टूबर 2021शुक्रवारविजयादशमीविजयदशमी, दशहरा
Last Updated : Oct 9, 2021, 11:28 AM IST
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