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अनंत पूजा पर मंदिरों मे उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - Crowd gathered in temples

अनंत पूजा को लेकर मंदिरों मे सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. अनंत पूजा में भगवान श्री हरि विष्णु के चतुर्दशी रूप की पूजा होती है, जिससे अक्षय की प्राप्ति होती है. 10 दिवसीय गणेश महोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होने से धार्मिक दृष्टि से इस दिन को खास महत्व माना जाता है. पढ़ें रिपोर्ट..

अनंत पूजा
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Published : Sep 19, 2021, 1:29 PM IST

मसौढी: अनंत पूजा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में श्रद्धालुओं के बीच खास उत्साह रहा. भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, जिसमें भगवान श्री विष्णु की उपासना की जाती है. हिंदु धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की उपासना की जाती है. इसी दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है.

10 दिवसीय गणेश महोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होने से धार्मिक दृष्टि से इस दिन को खास महत्व माना जाता है. अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठ वाले रक्षा सूत्र बाहों में बांधा जाता है, इससे पहले अनंत कथा पुरोहित के द्वारा सुनाया जाता है. पंचामृत में खीरा पर रक्षा सूत्र को बांधकर 14 बार घुमाकर भगवान अनंत खोजा जाता है.

मान्यता है कि 14 गांठ 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करते हैं. श्री विष्णु को खोजा जाता है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है कि कई पौराणिक मान्यताएं हैं और कई दंत कथाएं हैं. इस दिन और विधि विधान से श्री हरि का व्रत करने से सभी संकटों से आज के दिन मुक्ति हो जाती है. इतना ही नहीं यह व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

मसौढी: अनंत पूजा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में श्रद्धालुओं के बीच खास उत्साह रहा. भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, जिसमें भगवान श्री विष्णु की उपासना की जाती है. हिंदु धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की उपासना की जाती है. इसी दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है.

10 दिवसीय गणेश महोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होने से धार्मिक दृष्टि से इस दिन को खास महत्व माना जाता है. अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठ वाले रक्षा सूत्र बाहों में बांधा जाता है, इससे पहले अनंत कथा पुरोहित के द्वारा सुनाया जाता है. पंचामृत में खीरा पर रक्षा सूत्र को बांधकर 14 बार घुमाकर भगवान अनंत खोजा जाता है.

मान्यता है कि 14 गांठ 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करते हैं. श्री विष्णु को खोजा जाता है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है कि कई पौराणिक मान्यताएं हैं और कई दंत कथाएं हैं. इस दिन और विधि विधान से श्री हरि का व्रत करने से सभी संकटों से आज के दिन मुक्ति हो जाती है. इतना ही नहीं यह व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

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