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पटना: नए मोटर व्हीकल अधिनियम का असर, प्रदूषण जांच केंद्रों पर बढ़ गई है भीड़ - पटना की खबर

कुछ लोगों ने नये मोटर व्हीकल नियम को लेकर कहा कि वह समझते हैं कि पुलिस को बेवजह जहां-तहां पब्लिक को रोककर परेशान भी नहीं करना चाहिए. सरकार को शहरों में ऑटो और नगर परिवहन की बसों पर भी ध्यान देना चाहिए. यह गाड़ियां ज्यादा धुआं छोड़ती हैं.

नए मोटर व्हीकल अधिनियम लागू
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Published : Sep 7, 2019, 6:17 PM IST

पटना: राजधानी सहित सभी जिलों में नया मोटर व्हीकल अधिनियम 1 सितंबर से लागू हो गया. इसको लेकर शनिवार को भी प्रदूषण जांच केंद्र पर भीड़ लगी रही. पहले जहां इन केंद्रो पर सन्नाटा छाया रहता था, वहीं अब यहां एक दिन में 200 से भी ज्यादा प्रदूषण सर्टिफिकेट बनते हैं. कुछ लोग जहां इस नये नियम से खुश है, वहीं कुछ लोगों को इससे परेशानी भी हो रही है.

लोगों ने बनवाना शुरु किया प्रदूषण सर्टिफिकेट
दरअसल, प्रदेश में शनिवार को प्रदूषण केंद्रो पर भीड़ देखने को मिली. जहां नये मोटर व्हीकल नियम के कारण लोगों ने सर्टिफिकेट बनवाना शुरु कर दिया. वहीं कुछ लोग इस नियम से परेशान भी दिख रहें हैं. अब दिन भर में लगभग कई लोगों ने अपनी गाड़ी का सर्टिफिकेट बनवाना शुरु कर दिया.

Patna
प्रदूषण जांच केंद्रों पर बढ़ी भीड़

जांचकर्ता ने क्या कहा

प्रदूषण जांच केंद्रो का सर्टिफिकेट दे रहे युवक गणेश ने बताया कि यह नया कानून आने से उनके जांच केंद्र पर गाड़ियों की काफी भीड़ हो रही है. सामान्य दिनों में जहां वह 20 से 30 गाड़ियों का प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाते थे, वहीं नए अधिनियम लागू होने के बाद से 200 से 300 गाड़ियों के सर्टिफिकेट बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कानून अच्छा है और यह सभी पर समान रूप से लागू हो रहा है. अब तो यहां तक देखने को मिल रहा है कि पुलिसवाले को पुलिसवाले ही पकड़ रहें हैं.

नए मोटर व्हीकल अधिनियम लागू

नये नियम से बहुत लोग हुए खुश

वहीं प्रदूषण जांच केंद्र पर अपने गाड़ियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने आए लोगों ने बताया कि इस नये अधिनियम में जो फाइन और चार्जेस बढ़ाए गए हैं, वह एक तरीके से ठीक ही है. प्रशासन के इस कदम से शहर में प्रदूषण दर कम होगा. इससे हमें ही फायदा होगा.

'एक बार से ज्यादा ना हो एक दिन में जांच'

कुछ लोगों ने कहा कि वह समझते हैं कि पुलिस को बेवजह जहां-तहां पब्लिक को रोककर परेशान भी नहीं करना चाहिए. सरकार को शहरों में ऑटो और नगर परिवहन की बसों पर भी ध्यान देना चाहिए. यह गाड़ियां ज्यादा धुआं छोड़ती हैं. ऑटो वाले और नगर परिवहन के बस वाले गाड़ियों में डीजल में केरोसिन तेल मिलाकर चलाते हैं. इस कारण वह काफी जहरीली और काला धुआं छोड़ती है. प्रशासन को कुछ इस प्रकार कर देना चाहिए कि अगर गाड़ी की चेकिंग दिन में एक बार हो जाती है, तो उस गाड़ी को अगले चौराहे पर नहीं रोका जाए.

पटना: राजधानी सहित सभी जिलों में नया मोटर व्हीकल अधिनियम 1 सितंबर से लागू हो गया. इसको लेकर शनिवार को भी प्रदूषण जांच केंद्र पर भीड़ लगी रही. पहले जहां इन केंद्रो पर सन्नाटा छाया रहता था, वहीं अब यहां एक दिन में 200 से भी ज्यादा प्रदूषण सर्टिफिकेट बनते हैं. कुछ लोग जहां इस नये नियम से खुश है, वहीं कुछ लोगों को इससे परेशानी भी हो रही है.

लोगों ने बनवाना शुरु किया प्रदूषण सर्टिफिकेट
दरअसल, प्रदेश में शनिवार को प्रदूषण केंद्रो पर भीड़ देखने को मिली. जहां नये मोटर व्हीकल नियम के कारण लोगों ने सर्टिफिकेट बनवाना शुरु कर दिया. वहीं कुछ लोग इस नियम से परेशान भी दिख रहें हैं. अब दिन भर में लगभग कई लोगों ने अपनी गाड़ी का सर्टिफिकेट बनवाना शुरु कर दिया.

Patna
प्रदूषण जांच केंद्रों पर बढ़ी भीड़

जांचकर्ता ने क्या कहा

प्रदूषण जांच केंद्रो का सर्टिफिकेट दे रहे युवक गणेश ने बताया कि यह नया कानून आने से उनके जांच केंद्र पर गाड़ियों की काफी भीड़ हो रही है. सामान्य दिनों में जहां वह 20 से 30 गाड़ियों का प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाते थे, वहीं नए अधिनियम लागू होने के बाद से 200 से 300 गाड़ियों के सर्टिफिकेट बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कानून अच्छा है और यह सभी पर समान रूप से लागू हो रहा है. अब तो यहां तक देखने को मिल रहा है कि पुलिसवाले को पुलिसवाले ही पकड़ रहें हैं.

नए मोटर व्हीकल अधिनियम लागू

नये नियम से बहुत लोग हुए खुश

वहीं प्रदूषण जांच केंद्र पर अपने गाड़ियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने आए लोगों ने बताया कि इस नये अधिनियम में जो फाइन और चार्जेस बढ़ाए गए हैं, वह एक तरीके से ठीक ही है. प्रशासन के इस कदम से शहर में प्रदूषण दर कम होगा. इससे हमें ही फायदा होगा.

'एक बार से ज्यादा ना हो एक दिन में जांच'

कुछ लोगों ने कहा कि वह समझते हैं कि पुलिस को बेवजह जहां-तहां पब्लिक को रोककर परेशान भी नहीं करना चाहिए. सरकार को शहरों में ऑटो और नगर परिवहन की बसों पर भी ध्यान देना चाहिए. यह गाड़ियां ज्यादा धुआं छोड़ती हैं. ऑटो वाले और नगर परिवहन के बस वाले गाड़ियों में डीजल में केरोसिन तेल मिलाकर चलाते हैं. इस कारण वह काफी जहरीली और काला धुआं छोड़ती है. प्रशासन को कुछ इस प्रकार कर देना चाहिए कि अगर गाड़ी की चेकिंग दिन में एक बार हो जाती है, तो उस गाड़ी को अगले चौराहे पर नहीं रोका जाए.

Intro:नया मोटर व्हीकल अधिनियम लागू होने के बाद और इस नए कानून को लेकर प्रशासन की सख्ती होने से राजधानी पटना के प्रदूषण जांच केंद्रों पर गाड़ियों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. सामान्य दिनों पर प्रदूषण जांच केंद्रों पर जहां सन्नाटा पसरा रहता था वहीं अब गाड़ियों की लंबी कतारें दिखाई पड़ रही है.


Body:राजधानी पटना की बेली रोड पर एक प्रदूषण जांच केंद्र पर गाड़ियों के पॉल्यूशन जांच कर सर्टिफिकेट दे रहे युवक गणेश ने बताया कि यह नया कानून आने से उनके जांच केंद्र पर गाड़ियों की काफी भीड़ हो रही है. सामान्य दिनों में जहां वह 20 से 30 गाड़ियों का प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाते थे वही नए अधिनियम लागू होने के बाद से 200 से ढाई सौ गाड़ियों के सर्टिफिकेट बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कानून अच्छा है और यह सभी पर समान रूप से लागू हो रहा है. अब तो यह भी देखने को मिल रहा है कि पुलिस ही पुलिस वाले को पकड़ रही हैं.


Conclusion:प्रदूषण जांच केंद्र पर अपने गाड़ियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने आए लोगों ने बताया कि यह नया अधिनियम मे जो फाइन थे चार्जेस बढ़ाए गए हैं वह एक तरीके से ठीक ही है. लोगों ने कहा कि वह समझते हैं कि बेवजह जहां-तहां पब्लिक को रोककर परेशान भी नहीं करना चाहिए. सरकार को शहरों में ऑटो और नगर परिवहन की बसों पर भी ध्यान दे देना चाहिए. यह गाड़ियां ज्यादा धुआं छोड़ते हैं. ऑटो वाले और नगर परिवहन के बस वाले गाड़ियों में डीजल में केरोसिन तेल मिलाकर चलाते हैं जिस कारण वह काफी जहरीली और काले धुआं छोड़ते हैं.

कुछ अन्य लोगों ने बताया कि प्रशासन को कुछ इस प्रकार सुविधा देनी चाहिए कि एक बार अगर गाड़ी दिन में चेकिंग हो जाती है तो उस गाड़ी को अगले चौराहे पर ना रोकी जाए. प्रदूषण जांच केंद्र पर अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन बनाने आए एक युवक ने बताया कि बोरिंग रोड से दानापुर आने तक उनकी गाड़ी को पांच जगहों पर पुलिस ने रोका. उन्होंने कहा कि कुछ रशीदिया कागज प्रशासन को गाड़ी चेकिंग कराने के बाद गाड़ी चालक को देनी चाहिए ताकि वह अगले चेक पोस्ट पर उसे दिखाकर निकल सके. उन्होंने बताया कि हर जगह बेवजह बार-बार रोके जाने से समय की बर्बादी होती है.
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