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Lockdown Effect: 'सारी दुनिया का बोझ उठाने वाले' नहीं उठा पा रहे परिवार का खर्चा, कुलियों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कुलियों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. लॉकडाउन के कारण रेल यात्रियों की संख्या में कमी आई है. साथ ही कई ट्रेनों का परिचालन बंद होने से कुलियों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है.

covid impact on coolie
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Published : May 22, 2021, 8:46 PM IST

Updated : May 22, 2021, 9:29 PM IST

पटना: रेलवे स्टेशन पर दूसरे का बोझ उठाने वाले कुलियों का हाल बेहाल है. कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने 25 मई तक लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन के कारण रेलयात्री यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं, जिस कारण से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिस कारण कुलियों की कमाई लगभग खत्म हो गई है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- बिहार में कोरोना से 96 डॉक्टरों की मौत, IMA बिहार ने जांच कमेटी का किया गठन

कुलियों की कमाई पर असर
कुलियों के कमाई रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाले यात्रियों से ही होती है. लेकिन इन दिनों यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिस कारण से कुलियों की कमाई लगभग बंद हो चुकी है.ऐसे में कुलियों को घर परिवार चलाने में काफी मुश्किल हो रही है.

covid impact on coolie
लॉडाउन ने बढ़ाई कुलियों की परेशानी

ट्रेनों का परिचालन बंद
पटना जंक्शन से पहले जहां लगभग 140 गाड़ियां आप डाउन में गुजरा करती थी. आज मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर मिलाकर 95 ट्रेनें गुजर रही हैं. रेल यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ही 46 डेमू मेमू पैसेंजर ट्रेन के साथ-साथ मेल एक्सप्रेस को भी पूर्व मध्य रेल ने रद्द कर दिया है. हालांकि दूसरे राज्यों से लौटने वाले श्रमिक मजदूर लौट रहे हैं लेकिन श्रमिक मजदूर कुलियों का सहारा बहुत कम ही लेते हैं.

covid impact on coolie
पटना जंक्शन पर सामान उठाते कुली की तस्वीर

प्लेटफार्म हैं सुनसान
कुली, पटना जंक्शन पर बैठे यात्रियों का इंतजार करते रहते हैं. पटना जंक्शन यात्रियों से गुलजार रहने वाला पूर्व मध्य रेल का सबसे व्यस्तम रेलवे स्टेशनों में शामिल है. लेकिन इन दिनों पटना जंक्शन रेल परिसर से लेकर प्लेटफार्म तक सुनसान है. ईटीवी भारत के टीम ने पटना जंक्शन पर कार्य करने वाले कई कुलियों से बात की. कुलियों का कहना है कि जब यात्री ही नहीं है तो कमाई कैसे होगी.

यह भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस आज, जानिए बिहार के वेटलैंड्स का महत्व

'20 साल से उठा रहे बोझ'
20 साल से कुली का काम करने वाले राम जी ने बताया कि जिंदगी में कभी ऐसा समय नहीं देखा. कुलियों के परिवार के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है. रामजी ने बताया कि हम अपने परिवार का पेट भरने में असमर्थ हैं. पिछले साल भी कोरोना महमारी के कारण पूरा ट्रेन परिचालन ठप हो गया था और हम लोग घर बैठ गए थे. इस साल भी ना के बराबर यात्री रेलवे स्टेशन पर पहुंच रहे हैं. ऐसे में परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं और सरकार की तरफ से कोई मदद भी नहीं मिल रही है.

covid impact on coolie
यात्रियों का इंतजार करते कुली

कमाई पर कोरोना का साया
पटना जंक्शन पर 179 कुली तैनात रहते हैं, लेकिन यात्री कोरोना संक्रमण की वजह से भी सामान कुली को देने से बच रहे हैं. अमूमन दिनों में 500 से 600 रुपये प्रतिदिन कमाई हो जाती थी. लेकिन अब तो कई कई दिन तक इन लोगों की आमदनी नहीं हो रही है. सुबह से शाम बैठे-बैठे गुजर जाता है. कमाई नहीं होने के कारण कुली काफी निराश हैं.

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कोरोना महामारी ने कमाई की कम

मदद की गुहार
कोरोना की मार झेल रहे कुली अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि अभी तक कोई मदद नहीं दी गई है. कई कुली 15 साल तो कई कुली 20 साल से पटना जंक्शन पर यात्रियों का बोझ उठा रहे हैं. लेकिन कोरोना के कारण अब इनलोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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पटना: रेलवे स्टेशन पर दूसरे का बोझ उठाने वाले कुलियों का हाल बेहाल है. कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने 25 मई तक लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन के कारण रेलयात्री यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं, जिस कारण से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिस कारण कुलियों की कमाई लगभग खत्म हो गई है.

देखें रिपोर्ट

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कुलियों की कमाई पर असर
कुलियों के कमाई रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाले यात्रियों से ही होती है. लेकिन इन दिनों यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिस कारण से कुलियों की कमाई लगभग बंद हो चुकी है.ऐसे में कुलियों को घर परिवार चलाने में काफी मुश्किल हो रही है.

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लॉडाउन ने बढ़ाई कुलियों की परेशानी

ट्रेनों का परिचालन बंद
पटना जंक्शन से पहले जहां लगभग 140 गाड़ियां आप डाउन में गुजरा करती थी. आज मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर मिलाकर 95 ट्रेनें गुजर रही हैं. रेल यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ही 46 डेमू मेमू पैसेंजर ट्रेन के साथ-साथ मेल एक्सप्रेस को भी पूर्व मध्य रेल ने रद्द कर दिया है. हालांकि दूसरे राज्यों से लौटने वाले श्रमिक मजदूर लौट रहे हैं लेकिन श्रमिक मजदूर कुलियों का सहारा बहुत कम ही लेते हैं.

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पटना जंक्शन पर सामान उठाते कुली की तस्वीर

प्लेटफार्म हैं सुनसान
कुली, पटना जंक्शन पर बैठे यात्रियों का इंतजार करते रहते हैं. पटना जंक्शन यात्रियों से गुलजार रहने वाला पूर्व मध्य रेल का सबसे व्यस्तम रेलवे स्टेशनों में शामिल है. लेकिन इन दिनों पटना जंक्शन रेल परिसर से लेकर प्लेटफार्म तक सुनसान है. ईटीवी भारत के टीम ने पटना जंक्शन पर कार्य करने वाले कई कुलियों से बात की. कुलियों का कहना है कि जब यात्री ही नहीं है तो कमाई कैसे होगी.

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'20 साल से उठा रहे बोझ'
20 साल से कुली का काम करने वाले राम जी ने बताया कि जिंदगी में कभी ऐसा समय नहीं देखा. कुलियों के परिवार के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है. रामजी ने बताया कि हम अपने परिवार का पेट भरने में असमर्थ हैं. पिछले साल भी कोरोना महमारी के कारण पूरा ट्रेन परिचालन ठप हो गया था और हम लोग घर बैठ गए थे. इस साल भी ना के बराबर यात्री रेलवे स्टेशन पर पहुंच रहे हैं. ऐसे में परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं और सरकार की तरफ से कोई मदद भी नहीं मिल रही है.

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यात्रियों का इंतजार करते कुली

कमाई पर कोरोना का साया
पटना जंक्शन पर 179 कुली तैनात रहते हैं, लेकिन यात्री कोरोना संक्रमण की वजह से भी सामान कुली को देने से बच रहे हैं. अमूमन दिनों में 500 से 600 रुपये प्रतिदिन कमाई हो जाती थी. लेकिन अब तो कई कई दिन तक इन लोगों की आमदनी नहीं हो रही है. सुबह से शाम बैठे-बैठे गुजर जाता है. कमाई नहीं होने के कारण कुली काफी निराश हैं.

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कोरोना महामारी ने कमाई की कम

मदद की गुहार
कोरोना की मार झेल रहे कुली अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि अभी तक कोई मदद नहीं दी गई है. कई कुली 15 साल तो कई कुली 20 साल से पटना जंक्शन पर यात्रियों का बोझ उठा रहे हैं. लेकिन कोरोना के कारण अब इनलोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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Last Updated : May 22, 2021, 9:29 PM IST
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