सिवान : बिहार के सिवान में जिस चाचा ने अपने नाबालिग भतीजे के अपहरण करने के आरोप में एक साल की सजा काटी वो सही सलामत घर पर लौट आया. आते ही उसने अपने घर से जाने की वजह भी बताई. हालांकि जब सच्चाई सामने आई तो चाचा को अपनी बेगुनाही का सबूत मिल गया. लेकिन इन एक सालों में पुलिस की धक्का-मार जांच की वजह से एक साल सलाखों के पीछे गुजारनी पड़ी.
निर्दोष चाचा ने काटी भतीजे का अपहरण करने की सजा : दरअसल, लकड़ी नवीगंज ओपी क्षेत्र में 14 साल का युवक लापता हो गया था. उसके अगवा करने का आरोप उसकी मां ने अपने देवर पर ही लगा दिया. पुलिस ने शिकायत मिलते ही आरोपी देवर को जेल भेज दिया. इस मामले में नया मोड़ तब आया जब वो लड़का एक साल बाद अपने गांव लौटा. उसने बताया कि वो पिता की पिटाई से नाराज होकर दिल्ली चला गया था. वहां किसी होटल में काम करता था.
सिवान में झूठा निकला बच्चे का अपहरण केस : लड़के ने वापस आकर बताया कि ''दिल्ली से होटल मालिक ने उसे ट्रेन पर बैठा दिया और किसी से ये कह दिया कि लड़के को सिवान जाना है इसे वहां उतार दीजिएगा.'' लड़के के गांव में पहुंचते ही चर्चा शुरू हो गई. इधर पीड़ित चाचा ने पुलिस पर ठीक ढंग से जांच किए बगैर खानापूर्ति के लिए जेल में बंद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें निर्दोष होते हुए भी जेल 1 साल जेल में गुजारने पड़े. कोर्ट से जमानत मिलने पर ही वो बाहर आ सके हैं.
बच्चे ने बताया घर से भागने की वजह : जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि अगवा हुआ बच्चा लौट आया है तो पुलिस सीधे गांव पहुंची और उसे लेकर थाने आई. पूछताछ के दौरान उसने घर छोड़कर जाने की वजह भी पुलिस को बताई. लड़के ने कहा कि वो पिता की पिटाई के चलते ट्रेन पकड़कर दिल्ली चला गया था. लड़के को मालूम ही नहीं था कि उसके इस तरह दिल्ली जाने की सजा उसके चाचा जेल में भुगत रहे हैं.
पुलिस ने क्या कहा : जब इस मामले में थानाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने सबकुछ कोर्ट के ऊपर बताया और कहा कि ''बच्चे का 64 का बयान दर्ज कर न्यायलय में पेश करेंगे. आगे जैसा कोर्ट निर्देश देगा हम लोग वैसा करेंगे.'' ये पूछे जाने पर कि इसका चाचा निर्दोष होने के बावजूद भी उसने एक साल की सजा काटी तो इसपर थानाध्यक्ष का कहना है कि वो यही कर सकते हैं कि ऐसे मामलों की जांच में कम समय में पूरा कर सकें.