पटना: राजधानी पटना में अवैध वसूली के आरोप में सिपाही गिरफ्तार हुआ है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से ट्रैफिक एसपी को लगातार सूचना मिल रही थी कि सुबह 6 से 9 के बीच एक यातायात सिपाही के द्वारा फुलवारी शरीफ स्थित खोजा इमली और उसके आसपास वाहनों को रोककर अवैध वसूली की जाती है. इस सूचना के बाद ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने एक टीम का गठन किया, जिसकी जांच का जिम्मा डीएसपी 3 अजीत कुमार को दिया गया.
कैसे गिरफ्तार हुआ सिपाही?: डीएसपी अजीत कुमार ने जांच की तो देखा कि आरोपी सिपाही आशुतोष कुमार सुबह 8:00 बजे खोजा इमली मजार पर मुंह पर रुमाल बांधकर और नेम प्लेट हटाकर वाहनों को रोक रहा था. साथ ही वाहनों से जबरन वसूली कर रहा था. एसपी के मुताबिक सिपाही आशुतोष कुमार को यातायात पुलिस से हटाकर जिला बल में भेज दिया गया था, फिर भी आशुतोष ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी की आड़ में वसूली कर रहा था. उसके पॉकेट से 2000 भी बरामद हुए हैं.
क्या बोले ट्रैफिक एसपी पूरण झा?: इस बारे में जानकारी देते हुए पटना ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने बताया कि सिपाही आशुतोष कुमार खगड़िया जिले के गोगरी का रहने वाला है. उसे 23 नवंबर को ही यातायात पुलिस से विरमित कर जिला बल में भेज दिया गया था। लेकिन फिर भी यातायात पुलिस की ड्रेस पहनकर वह अवैध वसूली कर रहा था. फिलहाल फुलवारी शरीफ थाने में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है.
"पिछले दो-तीन दिनों से मुझे मेरे मोबाइल पर सूचना मिल रही थी कि फुलवारी शरीफ स्थित खोजा इमली में कोई ट्रैफिक सिपाही सुबह 6 से 9 बजे के बीच वाहनों को रोक रहा है और अवैध वसूली के लिए कह रहा है. डीएसपी के नेतृत्व में जांच टीम ने आरोप सही पाया. उसके खिलाफ कांड दर्ज कर लिया गया है"- पूरण झा, ट्रैफिक एसपी, पटना
कौन काट सकता है वाहनों का चालान?: ट्रैफिक एसपी पुरण झा ने बताया है कि सब इंस्पेक्टर से नीचे कोई भी पुलिसकर्मी चालान नहीं काट सकता है. सिपाही और जमादार सिर्फ यातायात संचालन के लिए रहते हैं. अगर यातायात का चालान काटना हो तो वह सिर्फ सब इंस्पेक्टर को ही पावर है लेकिन सिपाही आशुतोष कुमार ने इसका दुरुपयोग किया. अवैध वसूली करने के कारण उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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