पटना : बिहार में आर्थिक अपराध इकाई लगातार फ्राॅड नाॅन बैंकिंग कंपनी और माइक्रों फाइनेंस एजेंसियों पर सख्ती कर रही है. अभी बिहार आर्थिक अपराध इकाई पुलिस ने अग्रणी होम्स के मालिक आलोक कुमार की गिरफ्तारी बीते दिनों वाराणसी से की है. वहीं ईओयू एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि अग्रणी होम्स की संपति जब्त कर निवेशकों के रुपये लौटाने के लिए BPID एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई होगी. प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए 119 अलग-अलग जगह के बैंक अकाउंट को फ्रिज करवा दिया है.
ये भी पढ़ें : Economic Offences Unit : अवैध संपत्ति पर EOU कस रही शिकंजा, 196 क्रिमिनल की 321 करोड़ संपत्ति करेगी जब्त
ग्रामीण इलाकों में हो रहा फ्राॅड : एडीजी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में कई नॉन बैंकिंग कंपनियां लोगों की गाढ़ी मेहनत की कमाई का रुपया लेकर फरार हो जाती हैं. ऐसे मामलों में देखा गया है कि जिन नॉन बैंकिंग कंपनियों को आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त है व उनके गाइड लाइन पर चल रही हैं, वह सही काम करती है. वहीं ऐसी कई नॉन बैंकिंग कंपनियां या माइक्रो फाइनेंस एजेंसी है जो किसी तरह के गाइड लाइन को फॉलो न करते हुए ग्रामीण इलाकों में लोगों के साथ ठगी कर करोड़ों का गबन कर फरार हो गई है.
"ज्यादातर मामलों में नॉन बैंकिंग कंपनी के मालिक या जो पीड़ित लोग हैं, अपना पता राज्य के बाहर का देते हैं. कभी कभी पता पूरा भी नहीं होता है. इस लिए एड्रेस वेरिफिकेशन में काफी कठिनाई होती है. नॉन बैंकिंग की आड़ में ठगी करने के मामलों में सबसे ज्यादा पटना, मुजफ्फरपुर ,दरभंगा और पूर्णिया प्रमंडल से सबसे ज्यादा शिकायतें आई है". - नैयर हसनैन खान, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई
आरबीआई से पुलिसकर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग : एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि ऐसी शिकायतों के मिलने पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. बिहार पुलिस अकादमी में पुलिसकर्मियों को आरबीआई के द्वारा ट्रेनिंग और जागरूकता के गुण सिखाए रहे हैं. जिससे ऐसे मामलों में साझा कार्रवाई करने में मदद मिल सके. उन्होंने बतायाक नॉन बैंकिंग संबंधी मामलों में ठगी के बीते वर्ष 2011 से 2023 तक कुल 288 केस दर्ज हुए हैं. इसमें 173 कांडों का अनुसंधान किया जा रहा है. वहीं 106 मामलों का अनुसंधान पूर्ण कर लिया गया है. 9 मामले की फाइनल रिपोर्ट की जा चुकी है.