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BCRB की रिपोर्ट में खुलासा, छह महीने के दौरान पटना में हुई 166 हत्याएं - ETV Bharat News

बिहार क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पटना में जनवरी से जून के बीच 166 हत्याएं हुई है. जबकि इसी अवधि में पिछले साल 83 हत्या के मामले समाने आए थे. रिपोर्ट के अनुसार हत्याओं का प्रमुख कारण भूमि विवाद को बताया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में क्राइम के मामले 2021 के तुलना में बढ़े
पटना में क्राइम के मामले 2021 के तुलना में बढ़े
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Published : Oct 7, 2022, 9:43 PM IST

पटना: बिहार में आपराधिक वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसा हम नहीं, बल्कि बिहार क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (Bihar Crime Record Bureau) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. ब्यूरो ने जून 2022 तक का आपराधिक आंकड़ा जारी किया है. जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जनवरी से जून तक पटना जिले में 166 हत्याएं हुई हैं. यह पिछले साल इस अवधि के दौरान हुई हत्याओं का दोगुना है. यानी, हत्या के मामलों में सौ प्रतिशत (Murder Cases Increased In Patna) वृद्धि हुई है.

यह भी पढ़ें: शराबबंदी लागू होने के बाद महिलाओं के विरुद्ध अपराध में आई कमी, जानिए क्या कहता है आंकड़ा

इस साल पटना में 166 हत्याएं: साल 2021 के जून महीने की तुलना में साल 2022 के जून महीने में 100% की वृद्धि हुई है. साल 2021 में 6 महीने में पटना जिला में 83 हत्या की घटना घटित हुई थी. वहीं यह आंकड़ा बढ़कर 2022 में 166 पहुंच गया है. डकैती के 14 मामले 2021 में दर्ज किए गए थे, जो बढ़कर 15 हो गया है. गृहभेदन के मामले में 278 था. वह बढ़कर 323 हो गया है. चोरी के मामले जो कि साल 2021 के जून तक 3574 था, वह बढ़कर 3860 हो गया है. अपहरण के मामले जहां 537 था, वह बढ़कर 697 हो गया है. फिरौती के लिए अपहरण का मामला भी पिछले साल के अपेक्षा दोगुना हो गया है.


यह भी पढ़ें: पटना में दिनदहाड़े तेल कारोबारी की गोली मारकर हत्या, दो दिनों में दो हत्याओं से सनसनी

भूमि विवाद में हत्या के मामले ज्यादा: एनसीआरबी 2021 के अनुसार, पटना में हुई अधिसंख्य हत्याओं का कारण भूमि विवाद रहा है. इसके अलावा आपसी रंजिश में भी हत्याएं हुई हैं. इस वर्ष भी 70 प्रतिशत से अधिक घटनाएं पुरानी रंजिश और भूमि विवाद के कारण हुई है. मारपीट के दौरान हत्या का प्रतिशत काफी कम है. करीब 22 प्रतिशत हत्याओं का कारण अवैध संबंध भी बताया जा रहा है. वहीं, दंगा और रोड डकैती के मामलों में भारी कमी आई है. पिछले वर्ष 465 दंगे की घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष जून तक 241 वारदातें रिपोर्ट की गईं, जोकि 48 प्रतिशत कम है. इसी तरह सड़क डकैती में 55 प्रतिशत कमी आई है.



चोर रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती: राजधनी पटना शहर में चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है. इसका बड़ा कारण यह है कि दूसरे राज्यों के गिरोह भी राजधानी में सक्रिय हैं. नशे और ऐशो आराम के साधन खरीदने के लिए भी चोरी की वारदातों को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है. इस तरह के गिरोह में कई पढ़े-लिखा युवा भी शामिल हैं.

आपको बता दें कि इसी प्रकार फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी सौ प्रतिशत वृद्धि आंकी गई है. हालांकि इस प्रकार के अपराध के मामले काफी कम है. पिछले साल जनवरी से जून तक में फिरौती के मकसद से एक व्यक्ति का अपहरण किया गया था, जो कि इस वर्ष में अब तक आंकड़ा दो बताया जा रहा है.

पटना: बिहार में आपराधिक वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसा हम नहीं, बल्कि बिहार क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (Bihar Crime Record Bureau) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. ब्यूरो ने जून 2022 तक का आपराधिक आंकड़ा जारी किया है. जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जनवरी से जून तक पटना जिले में 166 हत्याएं हुई हैं. यह पिछले साल इस अवधि के दौरान हुई हत्याओं का दोगुना है. यानी, हत्या के मामलों में सौ प्रतिशत (Murder Cases Increased In Patna) वृद्धि हुई है.

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इस साल पटना में 166 हत्याएं: साल 2021 के जून महीने की तुलना में साल 2022 के जून महीने में 100% की वृद्धि हुई है. साल 2021 में 6 महीने में पटना जिला में 83 हत्या की घटना घटित हुई थी. वहीं यह आंकड़ा बढ़कर 2022 में 166 पहुंच गया है. डकैती के 14 मामले 2021 में दर्ज किए गए थे, जो बढ़कर 15 हो गया है. गृहभेदन के मामले में 278 था. वह बढ़कर 323 हो गया है. चोरी के मामले जो कि साल 2021 के जून तक 3574 था, वह बढ़कर 3860 हो गया है. अपहरण के मामले जहां 537 था, वह बढ़कर 697 हो गया है. फिरौती के लिए अपहरण का मामला भी पिछले साल के अपेक्षा दोगुना हो गया है.


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भूमि विवाद में हत्या के मामले ज्यादा: एनसीआरबी 2021 के अनुसार, पटना में हुई अधिसंख्य हत्याओं का कारण भूमि विवाद रहा है. इसके अलावा आपसी रंजिश में भी हत्याएं हुई हैं. इस वर्ष भी 70 प्रतिशत से अधिक घटनाएं पुरानी रंजिश और भूमि विवाद के कारण हुई है. मारपीट के दौरान हत्या का प्रतिशत काफी कम है. करीब 22 प्रतिशत हत्याओं का कारण अवैध संबंध भी बताया जा रहा है. वहीं, दंगा और रोड डकैती के मामलों में भारी कमी आई है. पिछले वर्ष 465 दंगे की घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष जून तक 241 वारदातें रिपोर्ट की गईं, जोकि 48 प्रतिशत कम है. इसी तरह सड़क डकैती में 55 प्रतिशत कमी आई है.



चोर रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती: राजधनी पटना शहर में चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है. इसका बड़ा कारण यह है कि दूसरे राज्यों के गिरोह भी राजधानी में सक्रिय हैं. नशे और ऐशो आराम के साधन खरीदने के लिए भी चोरी की वारदातों को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है. इस तरह के गिरोह में कई पढ़े-लिखा युवा भी शामिल हैं.

आपको बता दें कि इसी प्रकार फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी सौ प्रतिशत वृद्धि आंकी गई है. हालांकि इस प्रकार के अपराध के मामले काफी कम है. पिछले साल जनवरी से जून तक में फिरौती के मकसद से एक व्यक्ति का अपहरण किया गया था, जो कि इस वर्ष में अब तक आंकड़ा दो बताया जा रहा है.

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