ETV Bharat / state

सूबे में पुलिस राज की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने नीतीश सरकार की खोली पोल : भाकपा माले - बिहार सरकार पर SC की पुलिस राज की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक मामले के सुनवाई के दौरान बिहार में पुलिस राज चलाने की टिप्पणी के बाद सियासत शुरु हो गई है. भाकपा माले ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोर्ट ने सरकार की पोल खोल दी है.

भाकपा माले ने कहा कोर्ट की टिप्पणी ने बिहार सरकार की खोली पोल
भाकपा माले ने कहा कोर्ट की टिप्पणी ने बिहार सरकार की खोली पोल
author img

By

Published : Jul 13, 2021, 4:44 AM IST

पटना : बिहार में एक ट्रक ड्राइवर को अवैध तरीके से 35 दिनों तक कस्टडी में रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने बेहद तल्ख टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि लगता है कि बिहार में पुलिस राज चल रहा है. जिसके बाद से बिहार में विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार पर हमलवार है. अब भाकपा माले (CPIML) ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में सरकार की विफलता और पुलिस राज की पोल सुप्रीम कोर्ट ने खोल दी है.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका खारिज की, कहा- राज्य में पुलिस राज चल रहा क्या?

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने साबित कर दिया है कि भाजपा- जदयू शासन में राज्य में पुलिस राज चल रहा है. पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को अपमानित कर बुरी तरह से पिटवा कर जिस तरह से पुलिस एक्ट सरकार ने पास कराया, उसके बाद पुलिस का मनोबल सातवें आसमान पर है. एक टैंकर ड्राइवर को अवैध रूप से 35 दिनों तक हिरासत में रखने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करें और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें. जिसने अवैध रूप से टैंकर ड्राइवर को 35 दिनों तक हिरासत में रखा. यह भी कहा कि सरकार इस बात की गारंटी करेगी प्रशासन व पुलिस अपने पद का नाजायज फायदा उठाते हुए किसी भी व्यक्ति को परेशान ना करें. यदि ऐसा होता है तो सरकार कड़ी कार्रवाई करें. लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति चिंता करें. आज बिहार में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है जो बेहद चिंताजनक है. सरकार को इस पर भी लगाम लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: NDA में उठे विरोध के स्वर, तलवार की धार पर नीतीश सरकार

बता दें कि बिहार में टैंकर ड्राइवर के अवैध हिरासत मामले में दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. साथ ही राज्य की कानून व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की है. दरअसल, बिहार पुलिस की ओर से बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के टैंकर ड्राइवर के 35 दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पीड़ित को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया था. लेकिन पटना हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को चैलेंज करते हुए बिहार सरकार ने सुप्रीमो कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी. ये टिप्पणी करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी. साथ ही हाईकोर्ट के फैसले को मानने का आदेश दिया है.

पटना : बिहार में एक ट्रक ड्राइवर को अवैध तरीके से 35 दिनों तक कस्टडी में रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने बेहद तल्ख टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि लगता है कि बिहार में पुलिस राज चल रहा है. जिसके बाद से बिहार में विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार पर हमलवार है. अब भाकपा माले (CPIML) ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में सरकार की विफलता और पुलिस राज की पोल सुप्रीम कोर्ट ने खोल दी है.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका खारिज की, कहा- राज्य में पुलिस राज चल रहा क्या?

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने साबित कर दिया है कि भाजपा- जदयू शासन में राज्य में पुलिस राज चल रहा है. पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को अपमानित कर बुरी तरह से पिटवा कर जिस तरह से पुलिस एक्ट सरकार ने पास कराया, उसके बाद पुलिस का मनोबल सातवें आसमान पर है. एक टैंकर ड्राइवर को अवैध रूप से 35 दिनों तक हिरासत में रखने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करें और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें. जिसने अवैध रूप से टैंकर ड्राइवर को 35 दिनों तक हिरासत में रखा. यह भी कहा कि सरकार इस बात की गारंटी करेगी प्रशासन व पुलिस अपने पद का नाजायज फायदा उठाते हुए किसी भी व्यक्ति को परेशान ना करें. यदि ऐसा होता है तो सरकार कड़ी कार्रवाई करें. लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति चिंता करें. आज बिहार में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है जो बेहद चिंताजनक है. सरकार को इस पर भी लगाम लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: NDA में उठे विरोध के स्वर, तलवार की धार पर नीतीश सरकार

बता दें कि बिहार में टैंकर ड्राइवर के अवैध हिरासत मामले में दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. साथ ही राज्य की कानून व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की है. दरअसल, बिहार पुलिस की ओर से बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के टैंकर ड्राइवर के 35 दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पीड़ित को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया था. लेकिन पटना हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को चैलेंज करते हुए बिहार सरकार ने सुप्रीमो कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी. ये टिप्पणी करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी. साथ ही हाईकोर्ट के फैसले को मानने का आदेश दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.