पटना : बिहार की राजधानी पटना में सीपीआईएमएल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (CPIML Press conference in Patna) करके बीजेपी पर हमला बोला है. सीपीआई के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के बुलडोजर को बिहार में जबरदस्त झटका लगा है. आज भाजपा को प्रदेश में जो ताकत मिली है उसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. आज नीतीश कुमार से वह मुलाकात करेंगे और दो बात नई सरकार से जरूर कहेंगे कि, नहीं सरकार एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर काम करें.
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नीतीश के कंधे पर रखकर बंदूक चला रही थी बीजेपी: सीपीआईएमएल के नेता ने बीजेपी को टारगेट पर लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो लंबे समय से नीतीश के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही थी. महाराष्ट्र का बदला बिहार में लिया गया है. यह राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक मॉडल बनेगा. नई सरकार से उम्मीद करते हैं कि जनता की आकांक्षाओं पर खरे होंगे.
'भाकपा माले सरकार में शामिल नहीं होगी': भाकपा माले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये घोषणा की है कि वो नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देगी. राज्य कार्यकारिणी की बैठक में ये निर्णय लिया गया कि नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दिया जाएगा. भाकपा माले मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी. महागठबंधन में वह कल भी थे, आज भी हैं, और अब महागठबंधन में नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी भी आ गए हैं, सभी का स्वागत है.
'भारतीय जनता पार्टी किसी विपक्षी सरकार को चलने नहीं देना चाहती. बिहार में भी भारतीय जनता पार्टी का यही रवैया रहेगा. भारतीय जनता पार्टी झूठ और अखबारों की राजनीति करती है. भारतीय जनता पार्टी जो लंबे समय से नीतीश के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही थी. महाराष्ट्र का बदला बिहार में लिया गया है. यह राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक मॉडल बनेगा. भारतीय जनता पार्टी के बुलडोजर को बिहार में जबरदस्त झटका लगा है'- दीपांकर भट्टाचार्च, महासचिव, सीपीआईएमएल
भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी शासन में नागरिक समाज व न्यायपूर्ण आंदोलनों के दमन की जो दिशा ली गई है, हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नागरिक समाज और सरकार के बीच एक सार्थक संवाद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी.
उन्होंने महागठबंधन से मांग करते हुए कहा कि राज्य के सभी रिक्त पदों पर बहाली हो और 19 लाख रोजगार का वादा पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक, बिहार में कार्यरत आशा कार्यकर्ता, रसोईया, आंगनबाड़ी कर्मियों और तमाम स्कीम वर्करों को जीने लायक सम्मानजनक मासिक मानदेय की गारंटी की जानी चाहिए. भाकपा (माले) ने अग्निपथ, एनटीपीसी, अन्य रोजगार आंदोलन सहित राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं व आंदोलनों के क्रम में थोपे गए सभी मुकदमों को वापस लेने की भी मांग की है.