पटना : भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में सोमवार को माले नेताओं की एक टीम ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात की और शिक्षक नियमावली सहित ताजा राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की. टीम में माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ नेता केडी यादव, विधायक दल के नेता महबूब आलम और रामबलि सिंह यादव शामिल थे.
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'जनता की समस्याओं पर सकारात्मक विचार जरूरी' : भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि लालू यादव के साथ माले प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में यह भी चर्चा हुई कि महागठबंधन सरकार को जनता की समस्याओं पर सकारात्मक विचार करना चाहिए और यथोचित कार्रवाई भी करनी चाहिए. शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक आंदोलित हैं. गरीबों- दलितों को उजाड़ने की प्रक्रिया अब भी जारी है. आशा सहित अन्य स्कीम वर्कर न्यूनतम मानदेय को लेकर संघर्षरत हैं. ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें बिहार सरकार को डील करना है.
''हमारी मांग है कि सरकार शिक्षक संगठनों से वार्ता कर जारी गतिरोध को खत्म करे. यदि सरकार उपर्युक्त मुद्दों के प्रति सकारात्मक होती है तो महागठबंधन को और भी ताकत मिलेगी. उन्होंने लालू जी से इन मसलों पर हस्तक्षेप करने की अपील की है.''- कुणाल, भाकपा माले के राज्य सचिव
'भाजपा के खिलाफ बिहार से सकारात्मक संदेश' : इस मुलाकात को लेकर भाकपा माले की ओर से जानकारी दी गई कि लालू प्रसाद ने देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए बिहार से विपक्षी एकता के हुए शंखनाद में भाकपा-माले की भूमिका की सराहना करते हुए माले से विशेष उम्मीद जताई. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के खिलाफ बिहार ने एक सकारात्मक संदेश दिया है.
''23 जून की बैठक से विपक्षी एकता को नई गति मिलेगी. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में महागठबंधन और ज्यादा एकताबद्ध होकर भाजपा के खिलाफ चल रहे आंदोलनों को नया विस्तार और नई गति देगा.''- दीपांकर भट्टाचार्य, माले महासचिव