पटना: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी बिहार विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. चार सीटों का मतदान दूसरे चरण में होना है. जिसकी तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है. इस बार विधानसभा चुनाव में रोजगार के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है.
विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता युवा वर्ग से साधे संपर्क
सभी दल अब छात्र- युवाओं को अपनी और आकर्षित करने में लगे हुए हैं. सीपीआई (एम ) ने भी चुनाव प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. हैदराबाद, कोलकाता और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता मैदान में उतर चुके हैं और चुनाव प्रचार कर रहे हैं. सभी छात्रों और युवाओं से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में बातें कर रहे हैं. लोगों का भी साथ काफी अधिक मिल रहा है.
क्या कहती हैं छात्रा नेत्री
कोलकाता की छात्रा नेत्री दीप्त सीता ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री की मन की बात बहुत सुन ली. इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी मन की बात करेंगे. छात्रों- युवाओं के मुद्दे पर कभी बात नहीं होती थी, उनके मुद्दों को सबसे पीछे रखा जाता था. जिस पर कभी चर्चा ही नहीं होती थी. उन मुद्दों को लेकर के हम लोगों के बीच जा रहे हैं. वहीं, युवा वर्ग हमसे जुड़ कर अपनी समस्या बता रहे हैं.
घोषणापत्र में दी युवाओं को जगह
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने कहा कि हमारी पार्टी में उन सभी समस्याओं को प्राथमिकी दी है. महागठबंधन भी इन मुद्दों को ही प्राथमिकता दी है. बिहार में ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर है और ना ही रोजगार है, शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं है. यही कारण है कि बिहार के छात्र दूसरे राज्य में जाकर पढ़ाई करते हैं. बिहार में सभी सुविधाएं मिले तो छात्र बाहर जाकर पढ़ाई नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि बिहार के छात्र काफी संख्या में आईएएस, आईपीएस बनते हैं, लेकिन उन्हें और सुविधा मिलेगी तो इसकी संख्या में भी वृद्धि होगी जिससे बिहार राज्य का भी मान सम्मान बढ़ेगा. इसलिए लोगों ने मूड बना लिया है कि छात्र और युवा विरोधी सरकार को सत्ता से हटाना है और अपने मन की बात करनी है.