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बिहार में भी नए कृषि कानून के विरोध में किसान हो रहे एकजुट: CPIM

प्रदेश में महागठबंधन के नेता लगातार किसानों को एकजुट कर नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि बिहार के किसानों के लिए नया कृषि कानून घातक है.

CPIM MLA Satyendra Yadav
CPIM MLA Satyendra Yadav
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Published : Feb 8, 2021, 6:19 PM IST

पटना: प्रदेश में महागठबंधन के नेता लगातार किसानों को एकजुट कर नए कृषि कानून का विरोध कर रहे है. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि बिहार के किसानों के लिए नया कृषि कानून घातक है. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों का काफी नुकसान होगा. सत्येंद्र यादव ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बिहार के निचले तबके के किसानों को काफी नुकसान होगा जो बटाईदारी के तहत दूसरे के खेतों में खेती करते हैं.

'जब बड़ी-बडी कंपनी किसानों का खेत कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर खेती करेगी तो फिर बटाईदारों का क्या होगा. निश्चित तौर पर यही बात अब बिहार के किसानों को समझ में आ गयी है. यही कारण है कि मानव श्रृंखला हो या चक्का जाम कार्यक्रम सभी में बिहार के किसान शामिल हुए हैं और नए कृषि क़ानून का विरोध कर रहे हैं.' - सत्येंद्र यादव, विधायक, सीपीआईएम.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें:- PM के बयान से सभी असंतुष्ट, किसान खड़ा हो गया तो शासन चलाना मुश्किल हो जाएगा: कांग्रेस

मजदूर वर्ग के लोगों को सस्ते दाम पर नहीं मिलेगा अनाज
सत्येंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में मंडी व्यवस्था समाप्त होने के बाद बिहार के किसान अपने उपज को बेच भी नहीं पा रहे हैं. सरकार अभी तक किसानों का धान नहीं खरीद पाई है. किसान औने-पौने दाम में फसल बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि पहले मंडी रहती थी तो किसान को दाम मिल जाता था. आज वो भी नही हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून के लागू होने के बाद मंडी व्यवस्था समाप्त होगी. जिसके बाद जो राशन आज बिहार के मजदूर वर्ग के लोगों को सस्ते दामों में उपलब्ध हो रहा है उसे भी बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर नया कृषि कानून किसानों के साथ साथ मजदूरों के लिए भी घातक है. हमलोग चाहते हैं कि ये कानून सरकार वापस लें.

पटना: प्रदेश में महागठबंधन के नेता लगातार किसानों को एकजुट कर नए कृषि कानून का विरोध कर रहे है. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि बिहार के किसानों के लिए नया कृषि कानून घातक है. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों का काफी नुकसान होगा. सत्येंद्र यादव ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बिहार के निचले तबके के किसानों को काफी नुकसान होगा जो बटाईदारी के तहत दूसरे के खेतों में खेती करते हैं.

'जब बड़ी-बडी कंपनी किसानों का खेत कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर खेती करेगी तो फिर बटाईदारों का क्या होगा. निश्चित तौर पर यही बात अब बिहार के किसानों को समझ में आ गयी है. यही कारण है कि मानव श्रृंखला हो या चक्का जाम कार्यक्रम सभी में बिहार के किसान शामिल हुए हैं और नए कृषि क़ानून का विरोध कर रहे हैं.' - सत्येंद्र यादव, विधायक, सीपीआईएम.

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मजदूर वर्ग के लोगों को सस्ते दाम पर नहीं मिलेगा अनाज
सत्येंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में मंडी व्यवस्था समाप्त होने के बाद बिहार के किसान अपने उपज को बेच भी नहीं पा रहे हैं. सरकार अभी तक किसानों का धान नहीं खरीद पाई है. किसान औने-पौने दाम में फसल बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि पहले मंडी रहती थी तो किसान को दाम मिल जाता था. आज वो भी नही हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून के लागू होने के बाद मंडी व्यवस्था समाप्त होगी. जिसके बाद जो राशन आज बिहार के मजदूर वर्ग के लोगों को सस्ते दामों में उपलब्ध हो रहा है उसे भी बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर नया कृषि कानून किसानों के साथ साथ मजदूरों के लिए भी घातक है. हमलोग चाहते हैं कि ये कानून सरकार वापस लें.

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