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लॉकडाउन कतई समाधान नहीं, कोरोना को हराने के लिए सुविधाएं बेहतर करना जरूरी- CPI

कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन कतई समाधान नहीं है. संक्रमण के खिलाफ जंग में सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही कई अहम सुझाव सरकार को सर्वदलीय बैठक में सीपीआई के द्वारा दिये गये हैं. देखिये रिपोर्ट...

अवधेश कुमार, राज्य सचिव सीपीआई
अवधेश कुमार, राज्य सचिव सीपीआई
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Published : Apr 18, 2021, 7:02 AM IST

पटनाः कोरोना महामारी के बढ़ते कहर को देखते हुए शनिवार को राज्यपाल के द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी राजनीतिक दलों नें हिस्सा लिया. वहीं सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि हमारे द्वारा भी सरकार को सुझाव दिया गया है. जिसमें सीपीआईएम ने साफ कहा है कि सरकार अगर राज्य में लॉकडाउन लगाने की सोच रही है, तो उसे स्थगित कर दे. क्योंकि लॉकडाउन से आम जनता और गरीब लोगों को नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में लगातार बढ़ रहा कोरोना ग्राफ, बस कुछ घंटे में बड़ा फैसला संभव!

'सरकार को चाहिए कि सूबे की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करे. ताकि लोगों का बेहतर इलाज मिल सके. अभी से ही अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो रही है. आईसीयू और वेंटिलेटर की भी कमी है. इन कमियों को दूर करने की जरूरत है. सरकार को चाहिए कि संक्रमितों को अपने नियंत्रण में लेकर उसके इलाज का खर्च उठाए.' :-अवधेश कुमार, राज्य सचिव, सीपीआईएम

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ेंः कोरोना लेकर बिहार में इंट्री कर रहे प्रवासी! पटना जंक्शन पर एक दिन में मिले 41 पॉजिटिव

'डोर टू डोर टीकाकरण जरूरी'
सीपीआईएम के द्वारा सरकार को डोर टू डोर टीकाकरण अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया. साथ ही कहा गया कि आयकर के दायरे से बाहर प्रत्येक परिवार को सहयोग के रूप में 7500 रुपए और 35 किलो राशन की मुफ्त व्यवस्था की जाए. वहीं बाहर से आने वाले श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखने की उचित व्यवस्था की जाने की भी सलाह दी गई. लेकिन लॉकडाउन कतई इसका समाधान नहीं है.

पटनाः कोरोना महामारी के बढ़ते कहर को देखते हुए शनिवार को राज्यपाल के द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी राजनीतिक दलों नें हिस्सा लिया. वहीं सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि हमारे द्वारा भी सरकार को सुझाव दिया गया है. जिसमें सीपीआईएम ने साफ कहा है कि सरकार अगर राज्य में लॉकडाउन लगाने की सोच रही है, तो उसे स्थगित कर दे. क्योंकि लॉकडाउन से आम जनता और गरीब लोगों को नुकसान होगा.

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'सरकार को चाहिए कि सूबे की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करे. ताकि लोगों का बेहतर इलाज मिल सके. अभी से ही अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो रही है. आईसीयू और वेंटिलेटर की भी कमी है. इन कमियों को दूर करने की जरूरत है. सरकार को चाहिए कि संक्रमितों को अपने नियंत्रण में लेकर उसके इलाज का खर्च उठाए.' :-अवधेश कुमार, राज्य सचिव, सीपीआईएम

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'डोर टू डोर टीकाकरण जरूरी'
सीपीआईएम के द्वारा सरकार को डोर टू डोर टीकाकरण अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया. साथ ही कहा गया कि आयकर के दायरे से बाहर प्रत्येक परिवार को सहयोग के रूप में 7500 रुपए और 35 किलो राशन की मुफ्त व्यवस्था की जाए. वहीं बाहर से आने वाले श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखने की उचित व्यवस्था की जाने की भी सलाह दी गई. लेकिन लॉकडाउन कतई इसका समाधान नहीं है.

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