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Bihar Budget Session: 'सिर्फ गरीब और दलित ही क्यों जा रहे हैं जेल', अपनी ही सरकार को वाम दलों ने घेरा

शराबबंदी कानून के तहत जेल गए दलित और गरीबों की रिहाई को लेकर विधानसभा में वाम दल लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से उनकी मांग है कि हजारों गरीब और दलित लोग जो जेल में बंद है उन्हें जेल से किया जाए वरना ये आंदोलन जारी रहेगा.

अपनी ही सरकार को वाम दलों ने घेरा
अपनी ही सरकार को वाम दलों ने घेरा
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Published : Mar 31, 2023, 2:20 PM IST

अपनी सरकार के खिलाफ वाम दलों का प्रदर्शन

पटनाः बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. ऐसे में वाम दल के विधायक आज अपने ही सरकार की नीति के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए. भाकपा माले के विधायकों का साफ-साफ कहना था कि राज्य में शराबबंदी लागू है. शराबबंदी कानून के तहत हजारों गरीब दलित जेल में बंद हैं, जिसे लेकर वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि वैसे गरीब और दलितों को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाए. भाकपा माले के विधायक शराबबंदी कानून का भी विरोध करते नजर आए.

ये भी पढ़ेंः Bihar Politics : 'अमित शाह के दौरे से नीतीश कुमार परेशान, सतर्क रहने की कर रहे बात'- हरिभूषण ठाकुर

'हजारों गरीब दलित लोग जेल में बंद' : भाकपा माले के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि टाडा कानून के तहत भी अभी तक जो बंदी जेल में है, उसको रिहा करने का हम लोग मांग कर रहे हैं, साथ ही बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है और इसके तहत हजारों गरीब दलित लोग जेल में बंद हैं. वैसे गरीब दलितों को सरकार को जेल से रिहा करना चाहिए. इसी मांग को लेकर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

"हम सरकार से मांग करते हैं कि उसकी समीक्षा की जाए. राज्य में शराब की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. शराब तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं. क्या कारण है कि सिर्फ गरीब और दलित ही जेल जा रहे हैं. सदन में इसको लेकर भी चर्चा हो यह भी मांग हम सरकार से करते हैं"- सुदामा प्रसाद, विधायक

'सिर्फ गरीब और दलित जा रहे हैं जेल' : वहीं, भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने साफ-साफ कहा कि शराबबंदी कानून तो ठीक है लेकिन सरकार को यह सोचना चाहिए कि इस कानून के तहत सिर्फ और सिर्फ गरीब और दलित जेल क्यों जा रहे हैं. पुलिस प्रशासन मनमानी कर रही है और कहीं ना कहीं प्रशासन ही शराबबंदी कानून को तोड़ने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया जेल में बंद नहीं होते हैं यही कारण है कि शराबबंदी ढंग से लागू नहीं हो रही है.

"सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए. जब तक शराबबंदी कानून के तहत जो गरीब और दलित जेल में बंद है उसे रिहा नहीं किया जाएगा तब तक भाकपा माले का प्रदर्शन जारी रहेगा"- महबूब आलम, विधायक

अपनी सरकार के खिलाफ वाम दलों का प्रदर्शन

पटनाः बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. ऐसे में वाम दल के विधायक आज अपने ही सरकार की नीति के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए. भाकपा माले के विधायकों का साफ-साफ कहना था कि राज्य में शराबबंदी लागू है. शराबबंदी कानून के तहत हजारों गरीब दलित जेल में बंद हैं, जिसे लेकर वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि वैसे गरीब और दलितों को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाए. भाकपा माले के विधायक शराबबंदी कानून का भी विरोध करते नजर आए.

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'हजारों गरीब दलित लोग जेल में बंद' : भाकपा माले के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि टाडा कानून के तहत भी अभी तक जो बंदी जेल में है, उसको रिहा करने का हम लोग मांग कर रहे हैं, साथ ही बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है और इसके तहत हजारों गरीब दलित लोग जेल में बंद हैं. वैसे गरीब दलितों को सरकार को जेल से रिहा करना चाहिए. इसी मांग को लेकर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

"हम सरकार से मांग करते हैं कि उसकी समीक्षा की जाए. राज्य में शराब की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. शराब तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं. क्या कारण है कि सिर्फ गरीब और दलित ही जेल जा रहे हैं. सदन में इसको लेकर भी चर्चा हो यह भी मांग हम सरकार से करते हैं"- सुदामा प्रसाद, विधायक

'सिर्फ गरीब और दलित जा रहे हैं जेल' : वहीं, भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने साफ-साफ कहा कि शराबबंदी कानून तो ठीक है लेकिन सरकार को यह सोचना चाहिए कि इस कानून के तहत सिर्फ और सिर्फ गरीब और दलित जेल क्यों जा रहे हैं. पुलिस प्रशासन मनमानी कर रही है और कहीं ना कहीं प्रशासन ही शराबबंदी कानून को तोड़ने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया जेल में बंद नहीं होते हैं यही कारण है कि शराबबंदी ढंग से लागू नहीं हो रही है.

"सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए. जब तक शराबबंदी कानून के तहत जो गरीब और दलित जेल में बंद है उसे रिहा नहीं किया जाएगा तब तक भाकपा माले का प्रदर्शन जारी रहेगा"- महबूब आलम, विधायक

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