पटना: राजधानी पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा और गन्ना उत्पादक किसान महासभा ने संयुक्त प्रेस वार्ता की. इसमें किसान नेता ने कहा कि किसान आंदोलन चरणबद्ध तरीके से पूरे देश और बिहार में चल रहा है. लेकिन गन्ना की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है.
काफी संख्या में किसान गन्ने की खेती भी करते हैं. लेकिन उन किसानों की दशा और दुर्दशा पर कोई चर्चा नहीं करता. भाकपा माले के सिकटा विधायक बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि सुबह में बिगड़ ढाई महीने से चीनी मिलें चालू है. लेकिन अब तक सत्र 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य का निर्धारण नहीं हो सका है. इस बीच डीजल, खाद, कीटनाशक जैसी वस्तुओं और जरूरी के सभी उपकरणों के मूल्य लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
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गन्ना से पैदा होने वाली वस्तु चीनी और अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं. लेकिन किसानों के लिए गन्ना का मूल्य अभी तक निर्धारित नहीं हो सका है, जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. यह तय हुआ है कि गन्ना का न्यूनतम मूल्य ₹400 प्रति क्विंटल तय किया जाए. इस मामले को लेकर आगामी 28 जनवरी को पूरे राज्य में चीनी मिलों के गेट पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और सरकार से मांग की जाएगी कि गन्ना का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए: बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, विधायक, माले