पटना: लोकसभा चुनाव 2024 करीब है, ऐसे में सभी सियासी दल अपनी ताकत बढ़ाने में जुट गए हैं. रैली और जनसभा के जरिए भीड़ जुटाने की कोशिश शुरू हो गई है. इसके लिए पटना गांधी मैदान की सबसे अधिक डिमांड है. महागठबंधन में शामिल घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी शक्ति प्रदर्शन के लिए गांधी मैदान में रैली करना चाहती है. 2 नवंबर को रैली के लिए तारीख भी तय कर दी गई है लेकिन अब तक रैली के लिए जिला प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं मिली है.
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पटना गांधी मैदान में रैली करना चाहती है सीपीआई: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार में दो विधायक और दो विधान पार्षद हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थन भी नीतीश सरकार को है. पार्टी के लोग पिछले कई दिनों से गांधी मैदान के लिए परमिशन मांग रहे हैं लेकिन प्रशासन का रुख सकारात्मक नहीं है. दरअसल 2 नवंबर को ही शिक्षा विभाग की ओर से गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम रख दिया गया. कार्यक्रम में 25000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई कैबिनेट मंत्री कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
रैली के लिए सीपीआई को अनुमति नहीं मिली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 45 दिन पहले से आवेदन दे रखा था. चार दिन शेष रह गए हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने भीड़ जुटाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. एक लाख लोगों को पटना लाने का दावा किया गया है. सवाल यह उठता है कि सरकार के पास विकल्प क्या है? जिला प्रशासन की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को मिलर स्कूल में रैली करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी गांधी मैदान से मार्च निकालने पर अमादा है.
क्या नीतीश सरकार से वामदल नाराज है?: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडे का कहना है कि हमने गांधी मैदान में रैली के लिए तैयारी कर रखी है. हर हाल में हम गांधी मैदान में रैली करेंगे. हमने 45 दिन पहले आवेदन सरकार को दे रखा था और हमें सहमति भी दी गई थी.
"हमारी अनुमति हो गई है. उसके आधार पर हमलोगों की मांग है कि उस दिन गांधी मैदान में ही रैली करने की परमिशन दी जाए"- रामनरेश पांडे, राज्य सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
जेडीयू की सफाई: वहीं, जेडीयू प्रवक्ता हिमराज राम ने कहा कि सरकार ने 2 नवंबर को गांधी मैदान में बड़ा कार्यक्रम रखा है. शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाने हैं. ऐसे में एक ही स्थान पर दो कार्यक्रम हो पाना संभव नहीं है, जिला प्रशासन उचित निर्णय लेगी.
"रैली के लिए गांधी मैदान में इजाजत देने में कोई दिक्कत नहीं था लेकिन उस दिन अगर ग्राउंड में कोई कार्यक्रम तय है तो प्रशासन के लिए अनुमति देना मुश्किल है. इससे नाराजगी जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए"- हिमराज राम, प्रवक्ता, जनता दल यूनाइटेड
इंडिया गठबंधन में खींचतान: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि राजनीतिक कारणों से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को गांधी मैदान में रैली करने के लिए परमिशन नहीं दी जा रही है. महागठबंधन में शामिल बड़े दलों को ऐसा लग रहा है कि छोटे दल अगर बड़ी रैली करने में सफल हो जाते हैं तो उनकी ओर से अधिक सीटों की मांग की जाएगी.