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बिहार के 15 रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे 300 कोविड केयर रेल कोच - Indian Railways

प्रदेश में कोरोना का प्रकोप जारी है. इसे देखते हुए बिहार राज्य के 15 स्टेशनों पर कोविड केयर कोच खड़े किए जाएंगे. इसमें कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जाएगा.

कोविड केयर कोच
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Published : Jul 17, 2020, 10:32 AM IST

Updated : Jul 17, 2020, 10:39 AM IST

पटना: कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए रेल मंत्रालय के तरफ से राज्य सरकार के सहयोग से रेलवे कोचों को आइसोलेशन सेंटर के रूप में प्रयोग किए जाने के लिए पूरे देश में चयनित स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है. इस क्रम में बिहार राज्य के 15 स्टेशनों पर प्रति स्टेशन 20-20 की संख्या में कुल 300 आइसोलेशन कोच खड़ा करने का निर्णय लिया गया है, जिससे संदिग्ध, पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके.

निर्णय के अनुसार कोविड केयर कोच बिहार राज्य के पटना, सोनपुर, नरकटियागंज, जयनगर, रक्सौल, बरौनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सीवान, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, कटिहार और भागलपुर स्टेशनों पर लगाए जाएंगे. प्रत्येक स्टेशनों पर खड़े इन कोविड केयर कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं. प्रत्येक कोच में 16 मरीज रखे जा सकते हैं. प्रत्येक 05 कोच के बाद 01 वातानुकूलित कोच होगा और उसके आगे फिर 5 कोच होंगे. वातानुकूलित कोच चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे. कोविड केयर कोच में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रेल मंत्रालय के तरफ से की गई है. साथ ही इसमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी, शौचालय की व्यवस्था की गई है.

कोविड केयर कोच
कोविड केयर कोच


रेलवे और राज्य सरकार की होगी भूमिका

रेल प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर कोविड केयर कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे. आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए सौंपे जाने के समय इसके कीटाणुशोधन और साफ-सफाई का कार्य रेलवे के तरफ से किया गया जाएगा, जबकि प्रयोग के दौरान और इसके पश्चात् कीटाणुशोधन एवं साफ-सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी. इस तरह मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार के तरफ से उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रख-रखाव के लिए तैनात स्टाफ को ये सुविधा रेलवे प्रदान करेगी. मरीजों के लिए दवा, चिकित्सा सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर और इससे जुड़ी अन्य सामग्री, खान-पान, शुद्ध पेयजल, आवश्यकता पड़ने पर पानी का टैंकर, बॉयो टॉयलेट, कचरों का संग्रहन और इसका निपटारा आदि राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.

जारी सूचना
जारी सूचना

269 कोचों को आइसोलेशन कोच तैयार

वहीं, कोचों में लिनन की व्यवस्था, पानी भरने, विद्युत आपूर्ति, बुनियादी ढांचे का रख-रखाव, संचार और सुरक्षा की जिम्मेवारी रेल प्रशासन की होगी. रेलवे और राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए संबंधित जिला के सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी की भूमिका निभाएंगे. नोडल पदाधिकारी अपने-अपने जिलान्तर्गत चिन्ह्ति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे. बता दें कि कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में अतिरिक्त योगदान देने के उद्देश्य से भारतीय रेल के तरफ से पूर्व में ही चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन कोच तैयार किए जा चुके हैं, जिसे अब राज्य सरकार की मांग पर स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है. बता दें कि पूर्व मध्य रेल द्वारा 269 कोचों को आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है.

पटना: कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए रेल मंत्रालय के तरफ से राज्य सरकार के सहयोग से रेलवे कोचों को आइसोलेशन सेंटर के रूप में प्रयोग किए जाने के लिए पूरे देश में चयनित स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है. इस क्रम में बिहार राज्य के 15 स्टेशनों पर प्रति स्टेशन 20-20 की संख्या में कुल 300 आइसोलेशन कोच खड़ा करने का निर्णय लिया गया है, जिससे संदिग्ध, पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके.

निर्णय के अनुसार कोविड केयर कोच बिहार राज्य के पटना, सोनपुर, नरकटियागंज, जयनगर, रक्सौल, बरौनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सीवान, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, कटिहार और भागलपुर स्टेशनों पर लगाए जाएंगे. प्रत्येक स्टेशनों पर खड़े इन कोविड केयर कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं. प्रत्येक कोच में 16 मरीज रखे जा सकते हैं. प्रत्येक 05 कोच के बाद 01 वातानुकूलित कोच होगा और उसके आगे फिर 5 कोच होंगे. वातानुकूलित कोच चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे. कोविड केयर कोच में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रेल मंत्रालय के तरफ से की गई है. साथ ही इसमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी, शौचालय की व्यवस्था की गई है.

कोविड केयर कोच
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रेलवे और राज्य सरकार की होगी भूमिका

रेल प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर कोविड केयर कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे. आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए सौंपे जाने के समय इसके कीटाणुशोधन और साफ-सफाई का कार्य रेलवे के तरफ से किया गया जाएगा, जबकि प्रयोग के दौरान और इसके पश्चात् कीटाणुशोधन एवं साफ-सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी. इस तरह मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार के तरफ से उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रख-रखाव के लिए तैनात स्टाफ को ये सुविधा रेलवे प्रदान करेगी. मरीजों के लिए दवा, चिकित्सा सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर और इससे जुड़ी अन्य सामग्री, खान-पान, शुद्ध पेयजल, आवश्यकता पड़ने पर पानी का टैंकर, बॉयो टॉयलेट, कचरों का संग्रहन और इसका निपटारा आदि राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.

जारी सूचना
जारी सूचना

269 कोचों को आइसोलेशन कोच तैयार

वहीं, कोचों में लिनन की व्यवस्था, पानी भरने, विद्युत आपूर्ति, बुनियादी ढांचे का रख-रखाव, संचार और सुरक्षा की जिम्मेवारी रेल प्रशासन की होगी. रेलवे और राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए संबंधित जिला के सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी की भूमिका निभाएंगे. नोडल पदाधिकारी अपने-अपने जिलान्तर्गत चिन्ह्ति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे. बता दें कि कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में अतिरिक्त योगदान देने के उद्देश्य से भारतीय रेल के तरफ से पूर्व में ही चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन कोच तैयार किए जा चुके हैं, जिसे अब राज्य सरकार की मांग पर स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है. बता दें कि पूर्व मध्य रेल द्वारा 269 कोचों को आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है.

Last Updated : Jul 17, 2020, 10:39 AM IST
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