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BPSC पेपर लीक मामले में DSP को मिली जमानत, ऊपरी अदालत जाएगी आर्थिक अपराध इकाई

बीपीएससी पेपर लीक (BPSC Paper leak) मामले में अभियुक्त डीएसपी रंजीत कुमार रजक को जमामत मिल गई है. जिसके बाद कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने ऊपरी अदालत जाने का फैसला लिया है. कोर्ट ने शालिनी वर्मा बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ केस को आधार मानकर डीएसपी रंजीत कुमार रजक के पक्ष में फैसला सुनाया.

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Published : Sep 15, 2022, 8:03 PM IST

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में अभियुक्त डीएसपी रंजीत कुमार रजक को कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट के फैसले के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई अब ऊपरी अदालत जाएगी.

ये भी पढ़ें: बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले का मुख्य आरोपी कपिल देव गिरफ्तार, किए अहम खुलासे

पेपर लीक मामले में अभियुक्त है डीएसपी रंजीत कुमार रजक

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) द्नारा कराए जाने वाले संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में तत्कालीन डीएसपी रंजीत कुमार रजक संलिप्त पाए गए थे. जिसके बाद उन्हें 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसके बाद अभियुक्त की ओर से 60 दिनों की अवधि पूरी होने के बाद की धारा 167(2) के अंतर्गत न्यायालय में 13 सितंबर को जमानत हेतु आवेदन दाखिल किया गया था. जिसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दिया.

शालिनी वर्मा बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ केस बना आधार: इस मामले में कोर्ट ने शालिनी वर्मा बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ केस को आधार मानकर फैसला सुनाया है. जिसमें धारा 467 मैं अभियुक्त के न्यायिक अभिरक्षा में विरोध होने की अवधि 60 दिन मानते हुए अभियुक्त को जमानत प्रदान किया गया. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार धारा 467 में आजीवन कारावास या 10 वर्षों तक के कारावास एवं सजा का प्रावधान है. वहीं पूर्व में इस आधार पर निरुद्ध किए जाने की अवधि 90 दिन मानते हुए अनुसंधानकर्ता द्वारा 90 दिन के पूर्व न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया है.

ये भी पढ़ें: पीएससी घोटाले में DSP निकला करोड़ों का मालिक, RJD ने की अन्य आरोपियों की संपत्ति जांच की मांग

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में अभियुक्त डीएसपी रंजीत कुमार रजक को कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट के फैसले के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई अब ऊपरी अदालत जाएगी.

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पेपर लीक मामले में अभियुक्त है डीएसपी रंजीत कुमार रजक

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) द्नारा कराए जाने वाले संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में तत्कालीन डीएसपी रंजीत कुमार रजक संलिप्त पाए गए थे. जिसके बाद उन्हें 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसके बाद अभियुक्त की ओर से 60 दिनों की अवधि पूरी होने के बाद की धारा 167(2) के अंतर्गत न्यायालय में 13 सितंबर को जमानत हेतु आवेदन दाखिल किया गया था. जिसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दिया.

शालिनी वर्मा बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ केस बना आधार: इस मामले में कोर्ट ने शालिनी वर्मा बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ केस को आधार मानकर फैसला सुनाया है. जिसमें धारा 467 मैं अभियुक्त के न्यायिक अभिरक्षा में विरोध होने की अवधि 60 दिन मानते हुए अभियुक्त को जमानत प्रदान किया गया. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार धारा 467 में आजीवन कारावास या 10 वर्षों तक के कारावास एवं सजा का प्रावधान है. वहीं पूर्व में इस आधार पर निरुद्ध किए जाने की अवधि 90 दिन मानते हुए अनुसंधानकर्ता द्वारा 90 दिन के पूर्व न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया है.

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