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पटनाः कोरोना वायरस बना चिकित्सा जगत के लिए चुनौती, लगातार हो रहा अनुसंधान - माइक्रोबायोलॉजी विभाग

पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि निश्चित रूप से कोरोना वायरस अभी के समय में डॉक्टरों और मेडिकल के छात्रों के लिए चुनौती है और इसे सभी ने चुनौती के रूप में स्वीकार भी किया है. उन्होंने बताया कि इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बिहार की जनता के सेवा के लिए वह 24*7 डटे हुए हैं. मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से जुड़ी अनुसंधान के बारे में बताते हुए डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि रिसर्च के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने पर ध्यान दिया जा रहा है.

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Published : Apr 30, 2020, 1:29 PM IST

पटनाः कोरोना वायरस अभी के समय में पूरे चिकित्सा जगत के लिए चुनौती बना हुआ है और ऐसे में राजधानी पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज में भी जो मेडिकल के छात्र हैं वह कोरोना से जुड़ी तमाम रिसर्च पर गहन अध्ययन कर रहे हैं. इस बीमारी को समझने का अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहे हैं. पीएमसीएच अस्पताल भी कोरोना से जुड़ी अनुसंधान पर काम करने की योजना बना रहा है.

कोरोना वायरस चिकित्सा जगत के लिए चुनौती
पीएमसीएच के 2013 बैच के एमबीबीएस के छात्र डॉ. संदीपन ने बताया कि कोरोना वायरस के बारे में अभी तक कोई पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. इस पर अभी देश और दुनिया में चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान हो रहे है और ऐसे में वह इन रिपोर्टों को पढ़ने और समझने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के जो जो तरीके हैं उन तरीकों को वह लोगों के बीच अधिक से अधिक पहुंचा रहे हैं. कोरोना वायरस का कोई पूर्ण ट्रीटमेंट अभी तक सामने नहीं आया है और अभी ट्रायल बेसिस पर ही है. ऐसे में वह इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान जारी
एमबीबीएस थर्ड ईयर के छात्र शुभम ने बताया कि कोरोना से जुड़ी हुई तमाम अपडेट पर नजर बनाए हुए हैं और इसके साथ ही हॉस्टल के सभी स्टूडेंट्स मिलकर रात में एक वक्त सड़क किनारे रहने वाले भूखे लोगों को भोजन मुहैया करा रहे हैं. इस बीमारी से बचाव को लेकर जो कुछ भी प्रिकॉशन लिए जा सकते हैं वह मेंटेन कर रहे है और इसके साथ ही लोगों को भी प्रिकॉशन लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं और स्वच्छता का संदेश दे रहे है.


माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्लाज्मा थेरेपी के बारे में कर रहा अध्ययन
पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि निश्चित रूप से कोरोना वायरस अभी के समय में डॉक्टरों और मेडिकल के छात्रों के लिए चुनौती है और इसे सभी ने चुनौती के रूप में स्वीकार भी किया है. उन्होंने बताया कि इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बिहार की जनता के सेवा के लिए वह 24 घंटे डटे हुए हैं. मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से जुड़ी अनुसंधान के बारे में बताते हुए डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि रिसर्च के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि अनुसंधान के लिए अलग से एक विंग होता है और इस विंग को मजबूत करने के लिए अस्पताल के विभागाध्यक्षों से बातचीत की जा रही है और प्लाज्मा थेरेपी वर्ल्ड काम शुरू करने की भी आने वाले दिनों में योजना है. पीएमसीएच का माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्लाज्मा थेरेपी के बारे में अध्ययन कर रहा है और इस थेरेपी पर आने वाले दिनों में जल्द ही पीएमसीएच में काम शुरू हो सकते हैं. कोरोना वायरस से जुड़ी वैक्सीनेशन के बारे में बताते हुए डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि देश में इस पर काम शुरू हो गया है और उनकी नजर लगातार इस पर बनी हुई है. जिस तरफ यह प्रयोग जाएगा उसको पीएमसीएच भी आगे बढ़ाएगा.

पटनाः कोरोना वायरस अभी के समय में पूरे चिकित्सा जगत के लिए चुनौती बना हुआ है और ऐसे में राजधानी पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज में भी जो मेडिकल के छात्र हैं वह कोरोना से जुड़ी तमाम रिसर्च पर गहन अध्ययन कर रहे हैं. इस बीमारी को समझने का अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहे हैं. पीएमसीएच अस्पताल भी कोरोना से जुड़ी अनुसंधान पर काम करने की योजना बना रहा है.

कोरोना वायरस चिकित्सा जगत के लिए चुनौती
पीएमसीएच के 2013 बैच के एमबीबीएस के छात्र डॉ. संदीपन ने बताया कि कोरोना वायरस के बारे में अभी तक कोई पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. इस पर अभी देश और दुनिया में चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान हो रहे है और ऐसे में वह इन रिपोर्टों को पढ़ने और समझने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के जो जो तरीके हैं उन तरीकों को वह लोगों के बीच अधिक से अधिक पहुंचा रहे हैं. कोरोना वायरस का कोई पूर्ण ट्रीटमेंट अभी तक सामने नहीं आया है और अभी ट्रायल बेसिस पर ही है. ऐसे में वह इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान जारी
एमबीबीएस थर्ड ईयर के छात्र शुभम ने बताया कि कोरोना से जुड़ी हुई तमाम अपडेट पर नजर बनाए हुए हैं और इसके साथ ही हॉस्टल के सभी स्टूडेंट्स मिलकर रात में एक वक्त सड़क किनारे रहने वाले भूखे लोगों को भोजन मुहैया करा रहे हैं. इस बीमारी से बचाव को लेकर जो कुछ भी प्रिकॉशन लिए जा सकते हैं वह मेंटेन कर रहे है और इसके साथ ही लोगों को भी प्रिकॉशन लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं और स्वच्छता का संदेश दे रहे है.


माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्लाज्मा थेरेपी के बारे में कर रहा अध्ययन
पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि निश्चित रूप से कोरोना वायरस अभी के समय में डॉक्टरों और मेडिकल के छात्रों के लिए चुनौती है और इसे सभी ने चुनौती के रूप में स्वीकार भी किया है. उन्होंने बताया कि इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बिहार की जनता के सेवा के लिए वह 24 घंटे डटे हुए हैं. मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से जुड़ी अनुसंधान के बारे में बताते हुए डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि रिसर्च के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि अनुसंधान के लिए अलग से एक विंग होता है और इस विंग को मजबूत करने के लिए अस्पताल के विभागाध्यक्षों से बातचीत की जा रही है और प्लाज्मा थेरेपी वर्ल्ड काम शुरू करने की भी आने वाले दिनों में योजना है. पीएमसीएच का माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्लाज्मा थेरेपी के बारे में अध्ययन कर रहा है और इस थेरेपी पर आने वाले दिनों में जल्द ही पीएमसीएच में काम शुरू हो सकते हैं. कोरोना वायरस से जुड़ी वैक्सीनेशन के बारे में बताते हुए डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि देश में इस पर काम शुरू हो गया है और उनकी नजर लगातार इस पर बनी हुई है. जिस तरफ यह प्रयोग जाएगा उसको पीएमसीएच भी आगे बढ़ाएगा.

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