पटना: कोरोना वायरस को लेकर हवाई यात्रा में भी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. जिन हवाई अड्डों पर विदेशों से विमानों की आवाजाही है, वहां स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम की तैनाती है. ऐसे में पटना व गया एयरपोर्ट पर डॉक्टरों की टीम तैनात कि गई है.
विदेशों यात्रियों की होगी प्राथमिक जांच
बताया जाता है कि राज्य सरकार ने बिहार नेपाल बॉर्डर पर विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. पटना और गया एयरपोर्ट पर भी डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है. विदेशों से आने वाले यात्रियों की प्राथमिक जांच के बाद सैम्पल पीएमसीएच भेजा जाएगा.
राज्य सरकार ने हेल्पलाईन नंबर और ईमेल भी जारी किया है:
हेल्पलाईन नंबर : +91-11-23978046
ईमेल : ncov2019@gmail.com
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अलर्ट
बता दें कि, विमान कंपनियों के प्रतिनिधि, एयरपोर्ट के अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की पिछले दिनों हुई बैठक में निर्देश दिए गए थे कि किसी भी ऐसे यात्री की स्वास्थ्य संबधी शिकायत आने के बाद सिविल सर्जन या जिला प्रशासन कार्यालय को इसकी सूचना दी जाएगी. विशेषकर चीन से विमान यात्रा कर आ रहे यात्रियों की सेहत खराब होने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी जाए.
कोरोना की जांच के लिए टीम का गठन
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियातन बिहार में कोरोना वायरस की जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया था. इसमें डॉ. अनुभव श्रीवास्तव, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. हरीश गुप्ता, व अन्य शामिल हैं. बिहार नेपाल की सीमा से सटा राज्य है, जहां चीन के लोगों की सक्रियता अधिक है.
बिहार में मिले अब तक 121 संदिग्ध मरीज
भारत में कोरोना वायरस के विस्तार के बीच बिहार को सबसे सेंसिटिव जोन में रखा गया है. बिहार में अब तक 121 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है. जिनमें से 26 मरीजों ने 14 दिनों की और ऑब्जर्वेशन अवधि को पूरा भी कर लिया है, बाकी अन्य संदिग्ध मरीजों को उनके घर में निगरानी में रखा गया है.
नेपाल से आने वाले हर शख्स का हो रहा चेकअप
दरअसल नेपाल से सटे होने के कारण बिहार में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा है. नेपाल से बिहार में आने के सभी सात रास्तों पर स्वास्थ विभाग की तरफ से मेडिकल टीम को तैनात किया गया है. नेपाल से आने वाले हर शख्स की मेडिकल टीम चेकअप कर रही है.
जिल प्रशासन को नियमित समीक्षा करने का निर्देश
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार के स्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. मुख्य सचिव ने सभी जिलों के स्थानीय प्रशासन को नियमित तौर पर समीक्षा करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार और स्ट्रेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ रागिनी मिश्र ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव और अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक कर लगातार इस मामले पर स्थिति से अवगत कराया है.