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युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन की तैयारियां, जानिए किसको कब मिलेगी कोरोना की वैक्‍सीन - जानिए किसको मिलेगी कोरोना वैक्सीन

कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दी जानी है. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा एकत्रित करना शुरू कर दिया है. वहीं केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है.

कोरोना की वैक्‍सीन की तैयारियां
कोरोना की वैक्‍सीन की तैयारियां
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Published : Dec 4, 2020, 8:53 PM IST

पटना: कोरोना से निजात दिलाने के लिए इसकी वैक्सीन पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. वहीं इसके रख-रखाव को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है. इसी कड़ी में राज्य में कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दी जानी है. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा एकत्रित करना शुरू कर दिया है.

विभाग की माने तो सरकारी प्रक्षेत्र से जुड़े डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या तकरीबन 3.52 लाख है. जिसमें से 1.08 लाख के आंकड़े संग्रहित किए जा जा चुके हैं. प्रदेश में चार हजार स्वास्थ्य संस्थान होने का अनुमान है. इनमें तकरीबन 30-35 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत होंगे.

तकरीबन चार लाख स्वास्थ्य सेवकों और डॉक्टरों के वैक्सीनेशन के बाद ही आम आदमी का नंबर आएगा. विभाग प्रदेश की 12 करोड़ की आबादी में किस आयु वर्ग लोगों की संख्या क्या है. इसका आंकड़ा भी विभाग जुटाने में लगी है. यह आंकड़ा इकट्ठा होने के बाद इनके टीकाकरण की कार्ययोजना बनेगी.

मुख्‍य सचिव ने दी जानकारी
'केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग जहां वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त कर्मियों को प्रशिक्षित करने जा रहा है. वहीं कोल्ड चेन को दुरुस्त करने के साथ इसकी क्षमता बढ़ाने पर भी काम हो रहा है. हमारा फोकस है कि वैक्सीन आने पर प्राथमिकता के आधार पर लोगों को यह दी जा सके.'- दीपक कुमार, मुख्‍य सचिव

कोरोना की वैक्सीन समय पर लोगों को मिल सके इसके लिए विभाग ने पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम, जीएनएम और आशा के साथ ही 24 से 25 हजार नए स्वास्थ्य कर्मियों और पारा मेडिक्स की स्क्रूटनी का काम शुरू किया है. यह काम 10-15 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद इन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

कोल्डचेन की क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू
प्रदेश में फिलहाल 674 कोल्ड चेन हैं. कोल्डचेन की क्षमता फिलहाल 1.37 करोड़ वायल यूनिट है. क्षमता बढ़ाने का काम शुरू हो चुका है. विभाग के अनुसार कोल्ड चेन की क्षमता बढ़ाकर 2.37 करोड़ वायल यूनिट की जा रही है. कोल्ड चेन के जरिए वैक्सीन को प्रदेश मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक पहुंचाने के इंतजाम को शामिल किया गया है. वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज से तय तापमान वाले रेफ्रिजरेटर वैन के जरिए जिले और विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कोल्ड चेन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही केंद्र सरकार से तापमान नियंत्रण के लिए अतिरिक्त संसाधनों की मांग की है. इन संसाधनों में डीप फ्रिज से लेकर दूसरे कई आधुनिक सयंत्र शामिल हैं.

राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों
राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों की मानें तो राज्य में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या तकरीबन 100 है. इसके अलावा रेफरल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 900 जबकि अनुमंडलीय स्तरीय अस्पतालों की संख्या 63 और जिला सदर अस्पतालों की संख्या 38 है. इनके अलावा 12 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं.

पटना: कोरोना से निजात दिलाने के लिए इसकी वैक्सीन पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. वहीं इसके रख-रखाव को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है. इसी कड़ी में राज्य में कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दी जानी है. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा एकत्रित करना शुरू कर दिया है.

विभाग की माने तो सरकारी प्रक्षेत्र से जुड़े डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या तकरीबन 3.52 लाख है. जिसमें से 1.08 लाख के आंकड़े संग्रहित किए जा जा चुके हैं. प्रदेश में चार हजार स्वास्थ्य संस्थान होने का अनुमान है. इनमें तकरीबन 30-35 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत होंगे.

तकरीबन चार लाख स्वास्थ्य सेवकों और डॉक्टरों के वैक्सीनेशन के बाद ही आम आदमी का नंबर आएगा. विभाग प्रदेश की 12 करोड़ की आबादी में किस आयु वर्ग लोगों की संख्या क्या है. इसका आंकड़ा भी विभाग जुटाने में लगी है. यह आंकड़ा इकट्ठा होने के बाद इनके टीकाकरण की कार्ययोजना बनेगी.

मुख्‍य सचिव ने दी जानकारी
'केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग जहां वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त कर्मियों को प्रशिक्षित करने जा रहा है. वहीं कोल्ड चेन को दुरुस्त करने के साथ इसकी क्षमता बढ़ाने पर भी काम हो रहा है. हमारा फोकस है कि वैक्सीन आने पर प्राथमिकता के आधार पर लोगों को यह दी जा सके.'- दीपक कुमार, मुख्‍य सचिव

कोरोना की वैक्सीन समय पर लोगों को मिल सके इसके लिए विभाग ने पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम, जीएनएम और आशा के साथ ही 24 से 25 हजार नए स्वास्थ्य कर्मियों और पारा मेडिक्स की स्क्रूटनी का काम शुरू किया है. यह काम 10-15 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद इन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

कोल्डचेन की क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू
प्रदेश में फिलहाल 674 कोल्ड चेन हैं. कोल्डचेन की क्षमता फिलहाल 1.37 करोड़ वायल यूनिट है. क्षमता बढ़ाने का काम शुरू हो चुका है. विभाग के अनुसार कोल्ड चेन की क्षमता बढ़ाकर 2.37 करोड़ वायल यूनिट की जा रही है. कोल्ड चेन के जरिए वैक्सीन को प्रदेश मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक पहुंचाने के इंतजाम को शामिल किया गया है. वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज से तय तापमान वाले रेफ्रिजरेटर वैन के जरिए जिले और विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कोल्ड चेन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही केंद्र सरकार से तापमान नियंत्रण के लिए अतिरिक्त संसाधनों की मांग की है. इन संसाधनों में डीप फ्रिज से लेकर दूसरे कई आधुनिक सयंत्र शामिल हैं.

राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों
राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों की मानें तो राज्य में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या तकरीबन 100 है. इसके अलावा रेफरल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 900 जबकि अनुमंडलीय स्तरीय अस्पतालों की संख्या 63 और जिला सदर अस्पतालों की संख्या 38 है. इनके अलावा 12 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं.

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