पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण ने विस्फोटक रूप अपना लिया है. काफी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण उद्योग सेक्टर भी प्रभावित हुआ है. उत्पादन में 25 से 50% की गिरावट आई है.
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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा "कोरोना संकट के कारण सभी कामकाज प्रभावित हैं. उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है. काफी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं, लेकिन काम चल रहा है. उत्पादन में कमी आने का सबसे बड़ा कारण यह है कि मार्केट में डिमांड कम हो गई है."
ऑक्सीजन संकट से भी पड़ा असर
रामलाल खेतान ने कहा "कई ऐसे उद्योग हैं जहां ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत होती है. जिस तरीके से बिहार में ऑक्सीजन का संकट है इसको देखते हुए कई प्लांट और कारखाने पूरी तरीके से बंद हैं ताकि ऑक्सीजन अस्पतालों में और आम लोगों को मिल सके."
"बिहार में लॉकडाउन नहीं है, लेकिन अन्य राज्यों में पाबंदी का असर उद्योग पर धीरे-धीरे दिखने लगा है. दूसरे प्रदेश से कच्चे माल की सप्लाई कम गई है. खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं का उत्पादन जरूरी है नहीं तो लोगों को काफी समस्या हो सकती है. इसलिए फिलहाल इस पर ध्यान दिया जा रहा है."-रामलाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
बढ़ गई कच्चा माल की समस्या
बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा "पटना सिटी, हाजीपुर, पाटलिपुत्र, सहित कई जगह लगे उद्योग में कच्चे माल की सप्लाई महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और अन्य राज्यों से होती है. कोरोना संक्रमण काफी फैल रहा है इसके कारण कच्चे माल की समस्या बढ़ गई है. इससे उत्पादन प्रभावित हुआ है."
"सरकार ने तो फैक्ट्रियां चलाने की अनुमति दी है, लेकिन उद्योगों की मशीनों के मेंटेनेंस से जुड़े उपकरण और जरूरी सामान नहीं मिल रहे हैं, जिस कारण मशीनें बंद हैं. यह सब एक बड़ा कारण है जिससे उद्योग जगत प्रभावित हुआ है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण काम करने वाले लोगों और मजदूरों में भी डर का माहौल है. काफी संख्या में लोग अपने घर पर हैं."- पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
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