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Corona In Bihar: बिहार में कोरोना संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार, मंगलवार को नए मामलों की संख्या 50 के पार - Corona Infection In Bihar

बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर अलर्ट है और प्रदेश की स्थिति पर लगातार नजरें बनाई हुई हैं. मंगलवार को बिहार में कोरोना के 52 नए मामले मिले हैं. इसमें सर्वाधिक पटना में 29 केस मिले हैं.

आईजीआईएमएस के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीके झा
आईजीआईएमएस के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीके झा
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Published : Apr 11, 2023, 10:23 PM IST

कोरोना से बचाव के उपाय बताते हुए डॉ पीके झा

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) फैलता जा रहा है. नए मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रही है. मंगलवार को नए मामले की संख्या 50 के पार चली गई है. मंगलवार को पूरे प्रदेश में संक्रमण के 52 नए मामले मिले हैं, इनमें सर्वाधिक पटना के 29 हैं. संक्रमण के मामले जिस प्रकार से लगातार बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग के तमाम आला अधिकारियों की एक बैठक की है. जिसमें कोरोना के उपचार और जांच संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है.

ये भी पढ़ें- पटना में कोरोना के 119 नए मामले आए सामने, चिकित्सकों ने कहा- 'संक्रमण का मौसम से नहीं है कोई लेना देना'

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने की बैठक: अपर मुख्य सचिव की बैठक में अस्पताल परिसर, खासकर ओपीडी एरिया में मास्क पहनने को अनिवार्य करने पर भी चर्चा की गई है और संभव है कि इस बैठक के बाद देर रात स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई नया दिशा निर्देश आए. संक्रमण के मामले किस प्रकार बढ़ रहे हैं. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बीते 5 अप्रैल से 11 अप्रैल तक 1 सप्ताह के दौरान पूरे प्रदेश में संक्रमण के 236 नए मामले मिले हैं. जिसमें पटना के 134 मामले हैं. जानिए बीते 1 सप्ताह के दौरान किस प्रकार से प्रदेश और पटना में संक्रमण के नए मामले सामने आए है.

संक्रमण से बचाव के लिए पहने फेस मास्क: आईजीआईएमएस के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ पीके झा ने बताया कि संक्रमण के मामले जिस प्रकार से तेजी से बढ़ रहे हैं. सभी को चेहरे पर मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है. मास्क पहनने से बहुत सारी बीमारियों से बचाव होता है. कोरोना से बचाव तो होगा ही साथ ही साथ प्रदूषण से संबंधित विभिन्न बीमारियों से भी बचाव होगा. क्योंकि इन दिनों प्रदूषण भी बढ़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि संक्रमण का नया मामला अभी तक अधिक घातक नहीं नजर आ रहा है, लेकिन संक्रामक जरूर है. यह हृदय, किडनी, लीवर संबंधित गंभीर रोगों अथवा कोमोरबिडिटी से जूझ रहे हैं, तो उनके लिए यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है.

"यह संक्रमण फेफड़े के माध्यम से शरीर में जाता है. ऐसे में जरूरी है कि अपने फेफड़े की क्षमता को बढ़ाएं और इसके लिए जरूरी है कि फेफड़े की क्षमता को बढ़ाने वाले योगासन करें. जैसे कि अनुलोम विलोम, प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग इत्यादि. इसके अलावा दिन में एक बार गर्म पानी का भाप लें. संक्रमण से डरने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इसको लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है."- डॉ पीके झा, विभागाध्यक्ष, इमरजेंसी विभाग, आईजीाईएमएस

कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं जांच: डॉ पीके झा ने बताया कि यदि किसी को संक्रमण से संबंधित कोई लक्षण महसूस होता है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपना जांच कराएं और जब तक रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक आइसोलेटेड रहें. उन्होंने बताया कि आईजीआईएमएस में कोरोना के मरीज के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था मुस्तैद है और जांच भी प्रतिदिन काफी संख्या में होती है. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद कारगर है.

जांच के साथ वैक्सीनेशन भी जारी: इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि जब से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ है. तब से अस्पताल में वैक्सीनेशन चल रहा है. विभिन्न प्रकार के वैक्सीन में एक वैक्सीन खत्म है और अभी भी अस्पताल में वैक्सीनेशन कार्य हो रहे हैं. भले ही अन्य जगहों पर स्टॉक खत्म होने की वजह से बंद हो गए हों. उन्होंने कहा कि अभी के लिए जरूरी हो गया है कि सभी लोग पहले की तरह कोरोना एसओपी का पालन करें.

कोरोना से बचाव के उपाय बताते हुए डॉ पीके झा

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) फैलता जा रहा है. नए मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रही है. मंगलवार को नए मामले की संख्या 50 के पार चली गई है. मंगलवार को पूरे प्रदेश में संक्रमण के 52 नए मामले मिले हैं, इनमें सर्वाधिक पटना के 29 हैं. संक्रमण के मामले जिस प्रकार से लगातार बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग के तमाम आला अधिकारियों की एक बैठक की है. जिसमें कोरोना के उपचार और जांच संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है.

ये भी पढ़ें- पटना में कोरोना के 119 नए मामले आए सामने, चिकित्सकों ने कहा- 'संक्रमण का मौसम से नहीं है कोई लेना देना'

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने की बैठक: अपर मुख्य सचिव की बैठक में अस्पताल परिसर, खासकर ओपीडी एरिया में मास्क पहनने को अनिवार्य करने पर भी चर्चा की गई है और संभव है कि इस बैठक के बाद देर रात स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई नया दिशा निर्देश आए. संक्रमण के मामले किस प्रकार बढ़ रहे हैं. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बीते 5 अप्रैल से 11 अप्रैल तक 1 सप्ताह के दौरान पूरे प्रदेश में संक्रमण के 236 नए मामले मिले हैं. जिसमें पटना के 134 मामले हैं. जानिए बीते 1 सप्ताह के दौरान किस प्रकार से प्रदेश और पटना में संक्रमण के नए मामले सामने आए है.

संक्रमण से बचाव के लिए पहने फेस मास्क: आईजीआईएमएस के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ पीके झा ने बताया कि संक्रमण के मामले जिस प्रकार से तेजी से बढ़ रहे हैं. सभी को चेहरे पर मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है. मास्क पहनने से बहुत सारी बीमारियों से बचाव होता है. कोरोना से बचाव तो होगा ही साथ ही साथ प्रदूषण से संबंधित विभिन्न बीमारियों से भी बचाव होगा. क्योंकि इन दिनों प्रदूषण भी बढ़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि संक्रमण का नया मामला अभी तक अधिक घातक नहीं नजर आ रहा है, लेकिन संक्रामक जरूर है. यह हृदय, किडनी, लीवर संबंधित गंभीर रोगों अथवा कोमोरबिडिटी से जूझ रहे हैं, तो उनके लिए यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है.

"यह संक्रमण फेफड़े के माध्यम से शरीर में जाता है. ऐसे में जरूरी है कि अपने फेफड़े की क्षमता को बढ़ाएं और इसके लिए जरूरी है कि फेफड़े की क्षमता को बढ़ाने वाले योगासन करें. जैसे कि अनुलोम विलोम, प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग इत्यादि. इसके अलावा दिन में एक बार गर्म पानी का भाप लें. संक्रमण से डरने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इसको लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है."- डॉ पीके झा, विभागाध्यक्ष, इमरजेंसी विभाग, आईजीाईएमएस

कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं जांच: डॉ पीके झा ने बताया कि यदि किसी को संक्रमण से संबंधित कोई लक्षण महसूस होता है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपना जांच कराएं और जब तक रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक आइसोलेटेड रहें. उन्होंने बताया कि आईजीआईएमएस में कोरोना के मरीज के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था मुस्तैद है और जांच भी प्रतिदिन काफी संख्या में होती है. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद कारगर है.

जांच के साथ वैक्सीनेशन भी जारी: इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि जब से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ है. तब से अस्पताल में वैक्सीनेशन चल रहा है. विभिन्न प्रकार के वैक्सीन में एक वैक्सीन खत्म है और अभी भी अस्पताल में वैक्सीनेशन कार्य हो रहे हैं. भले ही अन्य जगहों पर स्टॉक खत्म होने की वजह से बंद हो गए हों. उन्होंने कहा कि अभी के लिए जरूरी हो गया है कि सभी लोग पहले की तरह कोरोना एसओपी का पालन करें.

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