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पटना: प्राइवेट शिक्षकों पर कोरोना की मार, दो वक्त की रोटी का जुगाड़ मुश्किल

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Published : May 29, 2021, 8:19 AM IST

Updated : May 29, 2021, 9:37 AM IST

कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के कारण लगे लॉकडाउन का प्रतिकूल असर सभी के जीवन पर पड़ा है लेकिन इसका बड़ा खामियाजा निजी शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है. शिक्षकों की माली हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है.

लॉकडाउन में शिक्षण संस्थान है बंद
लॉकडाउन में शिक्षण संस्थान है बंद

पटना: कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद हैं. राजधानी पटना में दूसरे जिलों से आकर बहुत से लोग पढ़ाई करते हैं. पढ़ाई के साथ-साथ कुछ अपना खर्च निकालने के लिए कोचिंग क्लासेज भी लेते हैं. कुछ लोग ट्यूशन से खर्च चलाते हैं. ऐसे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है.

ये भी पढ़ें- घरों में कैद बच्चे भी अब हो रहे परेशान, डॉक्टरों ने कहा- अभिभावकों की मजबूरी है सभी को समझाना

प्राइवेट शिक्षकों की कमाई बंद
कोरोना महामारी के कारण निजी शिक्षकों को घर पर नहीं बुलाया जा रहा है. कोचिंग संस्थान सरकार ने पहले ही बंद कर दिया है. ऐसे में निजी शिक्षकों की माली हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. निजी शिक्षक पिछले साल भी करोना महमारी से जूझे हैं, उनके पास जो जमा पूंजी थी, वह खत्म हो गयी है. जो शिक्षक घर से संपन्न हैं उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है लेकिन बहुत सारे शिक्षक ऐसे हैं, जो ट्यूशन से खर्च चलाते हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार सरकार के दावों की खुली पोल, बारिश होते ही अस्पताल हुए 'पानी-पानी'

लॉकडाउन से पढ़ाना बंद
शिक्षक रोहन ने बताया कि 7 वर्षों से पटना में पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ ट्यूशन से अपना खर्चा चलाते हैं, लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी ने कमर तोड़ी दी थी. बाकी जो था, वह इस बार पूरा हो गया है. उनके घर पर पिताजी खेती से परिवार का भरण-पोषण करते हैं. रोहन यहां पर ट्यूशन से अपना खर्च चलाते हैं.

ये भी पढ़ें- डीजीपी ने जारी किया गाइडलाइंस, 7 वर्ष से कम की सजा वाले मामले में गिरफ्तारी की जगह नोटिस दे सकती है पुलिस

निजी शिक्षकों का बुरा हाल
निजी कोचिंग संचालक विपिन भारद्वाज ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने सरकार से यह मांग भी रखी है कि पिछली बार कोरोना महामारी के बाद, ऑनलॉक प्रक्रिया में कोचिंग संचालकों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था. इसके चलते कोचिंग संचालकों को काफी दिक्कत हुई थी. इस बार कम से कम सरकार को प्राइवेट शिक्षकों पर ध्यान देकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बिहार में यास तूफान से अब तक 7 लोगों की मौत

सरकार को कुछ गाइडलाइन के साथ कोचिंग संस्थानों को चलाने की अनुमति भी देनी चाहिए थी जिससे हजारों की तादाद में प्राइवेट शिक्षकों दो वक्त की रोटी के लिए सोचना नहीं पड़ता. कोरोना वायरस के कारण कोचिंग संस्थान से लेकर होम ट्यूशन तक बंद है. इसके कारण शिक्षक आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से टूट चुके हैं.

देखें वीडियो

पटना: कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद हैं. राजधानी पटना में दूसरे जिलों से आकर बहुत से लोग पढ़ाई करते हैं. पढ़ाई के साथ-साथ कुछ अपना खर्च निकालने के लिए कोचिंग क्लासेज भी लेते हैं. कुछ लोग ट्यूशन से खर्च चलाते हैं. ऐसे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है.

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प्राइवेट शिक्षकों की कमाई बंद
कोरोना महामारी के कारण निजी शिक्षकों को घर पर नहीं बुलाया जा रहा है. कोचिंग संस्थान सरकार ने पहले ही बंद कर दिया है. ऐसे में निजी शिक्षकों की माली हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. निजी शिक्षक पिछले साल भी करोना महमारी से जूझे हैं, उनके पास जो जमा पूंजी थी, वह खत्म हो गयी है. जो शिक्षक घर से संपन्न हैं उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है लेकिन बहुत सारे शिक्षक ऐसे हैं, जो ट्यूशन से खर्च चलाते हैं.

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लॉकडाउन से पढ़ाना बंद
शिक्षक रोहन ने बताया कि 7 वर्षों से पटना में पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ ट्यूशन से अपना खर्चा चलाते हैं, लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी ने कमर तोड़ी दी थी. बाकी जो था, वह इस बार पूरा हो गया है. उनके घर पर पिताजी खेती से परिवार का भरण-पोषण करते हैं. रोहन यहां पर ट्यूशन से अपना खर्च चलाते हैं.

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निजी शिक्षकों का बुरा हाल
निजी कोचिंग संचालक विपिन भारद्वाज ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने सरकार से यह मांग भी रखी है कि पिछली बार कोरोना महामारी के बाद, ऑनलॉक प्रक्रिया में कोचिंग संचालकों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था. इसके चलते कोचिंग संचालकों को काफी दिक्कत हुई थी. इस बार कम से कम सरकार को प्राइवेट शिक्षकों पर ध्यान देकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए.

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सरकार को कुछ गाइडलाइन के साथ कोचिंग संस्थानों को चलाने की अनुमति भी देनी चाहिए थी जिससे हजारों की तादाद में प्राइवेट शिक्षकों दो वक्त की रोटी के लिए सोचना नहीं पड़ता. कोरोना वायरस के कारण कोचिंग संस्थान से लेकर होम ट्यूशन तक बंद है. इसके कारण शिक्षक आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से टूट चुके हैं.

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Last Updated : May 29, 2021, 9:37 AM IST
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