पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Covid-19 Cases In Bihar) के मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. पटना में 10 दिन पहले जांच केंद्र में जांच कराने वाले लोगों की लंबी कतारें लगी रहती थी. वहीं अब जांच कराने के लिए कतार में सिर्फ 6 से 10 लोग ही मिल रहे हैं. चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि 14-15 जनवरी को प्रदेश में संक्रमण का पिक देखने को मिला था और अब संक्रमण के नए मामले में तेजी से गिरावट हो रही है.
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तीसरी लहर के दौरान पटना जिला हॉटस्पॉट बना रहा. पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में कोरोना जांच कर रही स्वास्थ्य कर्मी निशि पांडे ने बताया कि 1 जनवरी के बाद से अस्पताल में कोरोना जांच कराने आने वाले लोगों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ने लगा और 7 जनवरी तक जांच कराने आने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई. इसके बाद 7 जनवरी से 15 जनवरी तक प्रतिदिन 450 से 500 लोग कोरोना जांच कराने आने लगे. 200 एंटीजन किट से जांच में 80 से 100 लोग संक्रमित मिल रहे.
निशि ने बताया कि 15 जनवरी के बाद से एक बार फिर जांच कराने वाले लोगों की संख्या घटने लगी और घटकर के 250 से 300 हो गई. अब विगत दो दिनों से 150 से 200 की संख्या में लोग जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें से 15 से 20 रिपोर्ट पॉजिटिव निकल रहे हैं.
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'प्रदेश में संक्रमण की तीसरा लहर अब डाउनफॉल की तरफ है. संक्रमण का पीक 14 और 15 जनवरी के समय देखने को मिला. इसके बाद लगातार नए मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. जांच कराने आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो गई है. देश में भले ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन बिहार का ट्रेंड डाउनफॉल का है. यह ट्रेंड काफी सुखद है. लेकिन अभी भी तमाम सावधानियां बरतने की आवश्यकता है.' -डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि आने वाले दिनों में शादी का सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में अगर शादी-विवाह के आयोजन में लोगों की भीड़ जुटती है, तो एक बार फिर से संक्रमण बढ़ सकता है. इसके लिए जरूरी है कि ऐसे आयोजन में अभी भागीदारी न करें. जितना संभव हो भीड़भाड़ वाले आयोजन से दूर रहें. सरकार की गाइडलाइन का पालन करें. डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के और कई वेब आने की पर्याप्त आशंकाएं हैं. लेकिन जैसे-जैसे यह संक्रमण पुराना होते जाएगा, इसकी घातकता कम होती जाएगी.
भविष्य में कोरोना संक्रमण भी इनफ्लुएंजा वायरस की तरह हो जाएगा और लोग संक्रमित होने के बाद दो-तीन दिन खांसी जुखाम के लक्षण के साथ पीड़ित रहेंगे. लेकिन जल्द ही स्वस्थ भी हो जाएंगे. अभी भी सावधान रहने की आवश्यकता है. चेहरे पर मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को अनिवार्यता से पालन करने की आवश्यकता है. जिससे इस वायरस को फैलने को रोका जा सके और कम से कम लोग संक्रमित हो सके.
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