पटना: राज्य में कोरोना के नए मामले में हाल के दिनों में काफी कमी देखने को मिली है. पहले जहां प्रतिदिन दो हजार के करीब नए मामले सामने आ रहे थे. वहीं अब यह आंकड़ा घटकर काफी कम हो गया है. अब प्रतिदिन एक हजार के आसपास नए मामले सामने आ रहे हैं.
शनिवार के दिन राज्य में 800 नए मामले सामने आए हैं. जबकि, संक्रमण के कारण 6 मरीजों की मौत हो गई. लेकिन चिंता की बात यह है कि राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां प्रतिदिन ढाई सौ से 300 नए मामले सामने आ रहे हैं. राजधानी पटना में संक्रमण के नए मामले में गिरावट देखने को नहीं मिल रही है. शनिवार के दिन भी राजधानी पटना में 258 कोरोना के नए मरीज मिले हैं.
'पटना सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला'
राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट क्यों बना हुआ है. इसके बारे में जानकारी देते हुए पटना के मशहूर फिजीशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि राजधानी पटना बिहार का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला है. पटना के जो रेसीडेंसिअल एरिया है वहां लोगों का घनत्व इतना ज्यादा है कि अगर कोई एक व्यक्ति संक्रमित होता है. तो कई दूसरों को भी संक्रमित होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही क्योंकि पटना राजधानी है. इसलिए यहां सड़कों पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा रहता है. कुछ लोग जो सावधानियां बरतनी चाहिए,वह बिल्कुल भी नहीं बरतते हैं जिससे बड़ी आबादी पर संकट का खतरा बढ़ जाता है.
'पटना के अधिकांश क्षेत्र शहरी'
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि पटना के अधिकांश क्षेत्र शहरी क्षेत्र हैं और रेजिडेंशियल इलाके में मकानों में प्रॉपर वेंटिलेशन नहीं है. सोसाइटी काफी कन्जेस्टेड है, इसके साथ ही यहां लोगों की शारीरिक मेहनत भी कम है और फास्ट फूड का चलन ज्यादा है. जिस वजह से अन्य जिलों की अपेक्षा यहां लोगों की इम्युनिटी थोड़ी कमजोर है. यही सब वजह है कि यहां संक्रमण इतना गंभीर रूप से फैला हुआ है. उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल चल रहा है और आने वाले दिनों में कई फेस्टिवल आने वाले हैं. इसके साथ ही ठंड भी शुरू हो रहा है. ऐसे में राजधानी पटना में संक्रमण के बढ़ने की संभावनाएं और प्रबल हो रही हैं.