पटना: कोरोना संक्रमण का दौर शुरू होते ही आयुर्वेदिक दवाईयों का क्रेज बढ़ता चला गया. लोग आयुर्वेद पर ज्यादा भरोसा करते नजर आये. और लगातार आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है.
आयुर्वेद के लिए वरदान 'कोरोना'
पटना के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सह अस्पताल में पहले से लगभग दोगुना मरीज पहुंच रहे हैं. पहले ओपीडी में मरीजों की संख्या प्रतिदिन अमूमन 200 के करीब होती थी जो अब बढ़कर 400 से 500 तक हो गयी है.
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'आयुर्वेद पुरानी पद्धति है. और कोरोना काल में जिस तरह आयुर्वेद से उपचार किया गया. उससे लोगों का विश्वास लगातार बढ़ा है और लोग यहां इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. जाहिर है जब मरीज बढ़ेंगे तो कारोबार भी बढ़ता चला जाएगा.'- डॉक्टर विजय शंकर दुबे , अधीक्षक राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पटना
मरीजों की संख्या बढ़ी है और दुकान में आयुर्वेदिक दवा की भी बिक्री पहले की अपेक्षा ज्यादा हुई है.- अरुण कुमार, दुकानदार, धनवन्तरी आयुर्वेद, पटना
आयुर्वेदिक दवाइयों की मांग
वहीं, पटना के स्टेशन एरिया में दुकान चला रहे श्रवण कुमार कहना है कि गिलोय च्यवनप्राश सहित इम्युनिटी बढ़ाने वाले दवाओं के कारोबार में तेजी आई है और कई बीमारियों की दवा की भी बिक्री बढ़ी है. और लोग आयुर्वेदिक दवा पहले से ज्यादा खरीद रहे हैं.
'आयुर्वेदिक दवा की बिक्री कोरोना काल से जो बढ़ा है, वो अभी तक है. कुल मिलाकर देखें तो देश भर में जो आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबार बढ़ने का आंकड़ा है. उसमें बिहार के भी लोगों का योगदान है. देश भर में 250 करोड़ से ज्यादा रुपये का कारोबार आयुर्वेदिक दवाओं का हुआ है, कोरोना संक्रमण के बाद यह संभव हो पाया, जो पहले मात्र 100 करोड़ का था अब 150 करोड़ का कारोबार में इजाफा हुआ है.'- राजेश कुमार, दुकानदार
फल फूल रहा आयुर्वेद
आयुर्वेद दवा के कारोबार को लेकर प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि कारोबार काफी बढ़ गया है. इससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. क्योंकि यह स्वदेशी है इसका निर्माण देश में होता है.
'हम को शुरू से आयुर्वेद पर पूरा विश्वास है और कहीं ना कहीं इससे हम ठीक हो जाएंगे यही आशा लेकर आए हैं.'- बुजुर्ग
लोगों का बढ़ा है विश्वास
लोगों का विश्वास जिस तरह आयुर्वेद पर बढ़ा है उसी का नतीजा है कि लगातार आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार बढ़ते चला जा रहा है. लोग अब इस पद्धति को अपनाकर इलाज करवाने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. मार्केट में आयुर्वेद की दवा बनाने वाली कंपनियों की भी भरमार हो गई है.
पटना में आयुर्वेदिक दुकानों की संख्या बढ़ी
राजधानी पटना में भी लगातार आयुर्वेदिक दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग अब पुरानी चिकित्सा पद्धति की ओर लौटते नजर आते हैं जिसके कारण आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार बढ़ रहा है.