पटना: बीते दिनों आरबीआई ने सहकारी बैंकों को अपनी अपनी निगरानी में लेने की घोषणा की थी. इसको लेकर बिहार के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने कहा कि, यह एक अच्छी पहल है. इससे लोगों का विश्वास सहकारी बैंकों के प्रति और भी प्रबल होगा. इन बैंको में पारदर्शिता भी आएगी.'
'फ्रेंडली होगा सहकारी बैंक'
आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि आरबीआई के इस कदम के बाद सहकारी बैंक लोगों का फ्रेंडली बैंक बन जाएगा. इससे लेनदेन में ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी. आमजन का विश्वास इस बैंक के प्रति और भी मजबूत होगा. आरबीआई के निगरानी में आने के बाद यह और भी बढ़ जाएगा. आरबीआई के इस फैसले से सबको लाभ मिलेगा.
गड़बड़ी को लेकर चर्चा में रहता है सहकारी बैंक
गौरतलब है सहकारी बैंक में हुए घोटाले के बाद देश के सहकारी बैंकों के नियमन को लेकर कई सवाल उठे थे. जिसके बाद आरबीआई ने इन बैंकों को अपने निगरानी में लेने का फैसला लिया है. आरबीआई के फैसले के बाद पूरे देश के सहकारी बैंक क्षेत्र में काफी बेचैनी है.
राजनीतिक गठजोड़ पर लगेगा लगाम
इन बैंकों के आरबीआइ की निगरानी में आने के बाद से इनके कामकाज पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है. देश के कई सहकारी बैंकों में राजनीतिक कनेक्शन के सामने होने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इन बैंकों के प्रबंधन कई राजनेताओं का सिक्का चलता हैं. आरबीआइ के निगरानी में आने के बाद यह सब पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. सहकारी बैंक बिहार के आलावा कई राज्यों में सक्रिय हैं. वर्तमान समय में इन बैंकों में राजनीतिक गठोजोड़ साफ तौर पर देखने को मिल जाता है.