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विशेष राज्य के दर्जे पर फिर आमने सामने JDU-BJP, बोले ललन सिंह- 'हमारी मांग पार्टी से नहीं देश के प्रधानमंत्री से'

बिहार को स्पेशल स्टेटस (Special Status To Bihar) का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच विवाद बरकरार है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि, हम बीजेपी से नहीं देश के प्रधानमंत्री से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Lalan Singh On Special Status To Bihar
Lalan Singh On Special Status To Bihar
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Published : Jan 25, 2022, 2:16 PM IST

पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इस बात को लेकर विधानसभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित किया गया था. जदयू लंबे समय से इस लड़ाई को लड़ रही है. स्पेशल स्टेटस को लेकर भाजपा और जदयू (Controversy between BJP and JDU) के बीच आमने सामने की लड़ाई छिड़ चुकी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh On Special Status To Bihar ) लगातार स्पेशल स्टेटस की मांग कर रहे हैं. ललन सिंह ने दो टूक कहा है कि हम स्पेशल स्टेटस की मांग भाजपा से नहीं प्रधानमंत्री से कर रहे हैं. वहीं बीजेपी भी लगातार इस मुद्दे को लेकर जदयू पर पलटवार कर रही है.

झारखंड बंटवारे के बाद से बिहार के राजनीतिक दल राज्य के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करते आ रहे हैं. राजनीतिक दलों ने विधानसभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है. लेकिन रघुराम राजन कमेटी ने स्पेशल स्टेटस के कंसेप्ट को ही खत्म कर दिया. केंद्र की सरकार ने बिहार को स्पेशल स्टेटस के बजाय स्पेशल पैकेज दिया. बावजूद इसके स्पेशल स्टेटस को लेकर जदयू ने लड़ाई छेड़ रखी है. आपको बता दें कि, स्पेशल स्टेटस को लेकर जनता दल यूनाइटेड लंबे समय से अभियान चला रही है. पार्टी की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाए गए, कई राजनीतिक सभाएं की गई और आज भी जदयू की लड़ाई स्पेशल स्टेटस को लेकर जारी है.

विशेष राज्य के दर्जे पर फिर आमने सामने JDU-BJP

पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद जदयू ने अलापा विशेष राज्य के दर्जा का राग, भाजपा ने दिखाया आईना

देश में कुल मिलाकर 10 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा हासिल है. 4 राज्यों ने केंद्र को स्पेशल स्टेटस के लिए आवेदन दे रखे हैं. 11 राज्यों को विशेष राज्य की श्रेणी में रखा गया है. जबकि बिहार, उड़ीसा, राजस्थान और गोवा को सरकार से विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिये जाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है. आपको बता दें कि, जिन राज्यों को स्पेशल स्टेटस मिला है उन राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत प्रदान की गई राशि में 90 प्रतिशत अनुदान और 10 प्रतिशत ऋण होता है. जबकि दूसरी श्रेणी के राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत 70 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में और 30 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लगातार स्पेशल स्टेटस की मांग कर रहे हैं. ललन सिंह ने दो टूक कहा है कि, 'हम स्पेशल स्टेटस की मांग भाजपा से नहीं प्रधानमंत्री से कर रहे हैं. हमारा यह लोकतांत्रिक अधिकार है. अगर भाजपा को ऐतराज है तो उन्हें यह कहना चाहिए कि, बिहार कोई स्पेशल स्टेटस की दरकार नहीं है. पहले सर्वसम्मत प्रस्ताव को सहमति दी गई थी. आज अगर वो असहमत है तो उन्हें बताना चाहिए कि हम सहमत नहीं है. अगर पिछड़े राज्यों को आगे नहीं किया जाएगा तो देश का विकास तो हो ही नहीं सकता है.'

वहीं भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा है कि, 'स्पेशल स्टेटस के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की चिंता सबसे ज्यादा की है. बिहार को स्पेशल पैकेज दिया गया है और आज की तारीख में केंद्र के सहयोग के चलते राज्य में चहुमुखी विकास हुआ है. बिजली और सड़क के क्षेत्र में केंद्र के मदद से बिहार ने बेहतर काम किया है. अगर बिहार कोई स्पेशल स्टेटस चाहिए तो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए.'

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पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इस बात को लेकर विधानसभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित किया गया था. जदयू लंबे समय से इस लड़ाई को लड़ रही है. स्पेशल स्टेटस को लेकर भाजपा और जदयू (Controversy between BJP and JDU) के बीच आमने सामने की लड़ाई छिड़ चुकी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh On Special Status To Bihar ) लगातार स्पेशल स्टेटस की मांग कर रहे हैं. ललन सिंह ने दो टूक कहा है कि हम स्पेशल स्टेटस की मांग भाजपा से नहीं प्रधानमंत्री से कर रहे हैं. वहीं बीजेपी भी लगातार इस मुद्दे को लेकर जदयू पर पलटवार कर रही है.

झारखंड बंटवारे के बाद से बिहार के राजनीतिक दल राज्य के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करते आ रहे हैं. राजनीतिक दलों ने विधानसभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है. लेकिन रघुराम राजन कमेटी ने स्पेशल स्टेटस के कंसेप्ट को ही खत्म कर दिया. केंद्र की सरकार ने बिहार को स्पेशल स्टेटस के बजाय स्पेशल पैकेज दिया. बावजूद इसके स्पेशल स्टेटस को लेकर जदयू ने लड़ाई छेड़ रखी है. आपको बता दें कि, स्पेशल स्टेटस को लेकर जनता दल यूनाइटेड लंबे समय से अभियान चला रही है. पार्टी की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाए गए, कई राजनीतिक सभाएं की गई और आज भी जदयू की लड़ाई स्पेशल स्टेटस को लेकर जारी है.

विशेष राज्य के दर्जे पर फिर आमने सामने JDU-BJP

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देश में कुल मिलाकर 10 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा हासिल है. 4 राज्यों ने केंद्र को स्पेशल स्टेटस के लिए आवेदन दे रखे हैं. 11 राज्यों को विशेष राज्य की श्रेणी में रखा गया है. जबकि बिहार, उड़ीसा, राजस्थान और गोवा को सरकार से विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिये जाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है. आपको बता दें कि, जिन राज्यों को स्पेशल स्टेटस मिला है उन राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत प्रदान की गई राशि में 90 प्रतिशत अनुदान और 10 प्रतिशत ऋण होता है. जबकि दूसरी श्रेणी के राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत 70 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में और 30 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लगातार स्पेशल स्टेटस की मांग कर रहे हैं. ललन सिंह ने दो टूक कहा है कि, 'हम स्पेशल स्टेटस की मांग भाजपा से नहीं प्रधानमंत्री से कर रहे हैं. हमारा यह लोकतांत्रिक अधिकार है. अगर भाजपा को ऐतराज है तो उन्हें यह कहना चाहिए कि, बिहार कोई स्पेशल स्टेटस की दरकार नहीं है. पहले सर्वसम्मत प्रस्ताव को सहमति दी गई थी. आज अगर वो असहमत है तो उन्हें बताना चाहिए कि हम सहमत नहीं है. अगर पिछड़े राज्यों को आगे नहीं किया जाएगा तो देश का विकास तो हो ही नहीं सकता है.'

वहीं भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा है कि, 'स्पेशल स्टेटस के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की चिंता सबसे ज्यादा की है. बिहार को स्पेशल पैकेज दिया गया है और आज की तारीख में केंद्र के सहयोग के चलते राज्य में चहुमुखी विकास हुआ है. बिजली और सड़क के क्षेत्र में केंद्र के मदद से बिहार ने बेहतर काम किया है. अगर बिहार कोई स्पेशल स्टेटस चाहिए तो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए.'

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