ETV Bharat / state

कैग रिपोर्ट को लेकर सरकार और BJP आमने-सामने, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज पर सवाल

कैग की रिपोर्ट में बिहार (cag report bihar) में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भवन निर्माण विभाग को लेकर बड़े खुलासे किए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी और बिहार सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है.बीजेपी ने नीतीश सरकार पर हमला किया तो जदयू ने भी मोर्चा संभाल लिया है.

author img

By

Published : Jan 3, 2023, 6:25 PM IST

cag report bihar
cag report bihar
बिहार की कैग रिपोर्ट

पटना: बिहार विधानसभा में 16 दिसंबर को कैग की रिपोर्ट पेश की गई थी. 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के अनुपालन प्रतिवेदन में सरकार की वित्तीय अनियमितता का फिर से खुलासा हुआ है. वहीं रिपोर्ट में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज का रिपोर्ट है. यह जानकारी दी गई है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भवन निर्माण विभाग ने 2020-22 की अवधि के दौरान कुल बजट प्रावधान का क्रमशः 46 और 22% वापस कर दिया है.(cag report on engineering institutes in bihar) (cag report on polytechnic institutes in bihar) (Controversy between Bihar government and BJP )

पढ़ें- CAG रिपोर्ट में बड़े घोटाले की बात- अवैध खनिजों के परिवहन में सरकार को लगा 4.20 करोड़ का चूना

कैग की रिपोर्ट में अनियमितता खुलासा: फरवरी 2022 में एबीएपी यानी अवसर बढ़े. आगे बढ़े योजना के तहत राज्य के 46 इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए 3,857 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. 2022 तक इस योजना के मुताबिक इमारतों का निर्माण होना था लेकिन अभी तक इमारतों का निर्माण नहीं हो पाया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी कौशल आधारित शिक्षा देने का देना था लेकिन अभी तक इसे हासिल नहीं किया जा सका है.

सरकार ने किया बचाव: वहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मानें तो कैग की रिपोर्ट में तथ्य पूरी तरह सामने नहीं है. विभागीय जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 46 इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. जिनमें से केवल आठ ही ऐसे हैं, जिसकी अपनी इमारत नहीं है. हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह तक इन आठ बचे हुए संस्थानों को भी इमारतें मिल जाएंगी. यानी इस साल तक के अंत तक राज्य के सभी इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक संस्थान अपने इमारतों से ही संचालित होंगे. विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य में अभी 46 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में डिप्लोमा के लिए 15 हजार छात्रों की नामांकन की क्षमता है. तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के अनुसार इन कॉलेजों में 45 हजार छात्र स्टडी करते हैं.

बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना: बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्ट पर उंगली उठाना बेवकूफी है. सीएजी की रिपोर्ट जिस टाइमफ्रेम में ली गई है, उसके कंप्लीशन और टेबल होने के वक्त के टाइम फ्रेम में कुछ काम साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से अगर हो गया हो तो हो गया हो, लेकिन बिहार में जो पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग शिक्षा की स्थिति है, स्वाभाविक है.

"सभी जिलों में अभी तक इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं है. उनमें जो शिक्षकों की संख्या नॉन टीचिंग शिक्षकों की संख्या होनी चाहिए, वह भी नहीं है. जो गुणात्मक सुधार होना चाहिए था वह भी नहीं हुआ. सिर्फ इमारत बन गई है और सफेद हाथी की तरह संचालित हो रही है. यह जरूर कहूंगा कि मंत्री सुमित कुमार सिंह बेहतर प्रयास कर रहे हैं."- निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

जदयू का दावा- 'छात्रों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा': कैग रिपोर्ट पर जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार के प्रशासन का मूल मंत्र न्याय के साथ विकास है. हर क्षेत्र में काम हुए हैं. अगर शिक्षा क्षेत्र की बात करें तो पहले बड़ी संख्या में छात्र बाहर पढ़ने जाया करते थे, लेकिन आज राज्य के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गए हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज हैं. आज छात्रों को बिहार के अंदर अवसर मिल रहा है. कम फीस में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. इसके काफी सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. प्लेसमेंट के भी अच्छे मौके मिल रहे हैं.

"रिपोर्ट जो तैयार होती हैं वह पुराने तथ्यों, पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर, पुरानी चीजों के आधार पर तैयार होती हैं. अब स्थितियां काफी बेहतर हो चुकी हैं. बच्चों को अवसर मिल रहे हैं. अच्छे और बड़े पैकेजे मिल रहे हैं, जो कि बिहार के लिए सकारात्मक खबर है. आने वाले वक्त में भी बिहार इसी गति से और आगे बढ़ेगा. भले ही केंद्र की सरकार का उन्मुख रवैया बिहार को लेकर हो लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अपनी रफ्तार से तरक्की कर रहा है."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता


बिहार की कैग रिपोर्ट

पटना: बिहार विधानसभा में 16 दिसंबर को कैग की रिपोर्ट पेश की गई थी. 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के अनुपालन प्रतिवेदन में सरकार की वित्तीय अनियमितता का फिर से खुलासा हुआ है. वहीं रिपोर्ट में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज का रिपोर्ट है. यह जानकारी दी गई है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भवन निर्माण विभाग ने 2020-22 की अवधि के दौरान कुल बजट प्रावधान का क्रमशः 46 और 22% वापस कर दिया है.(cag report on engineering institutes in bihar) (cag report on polytechnic institutes in bihar) (Controversy between Bihar government and BJP )

पढ़ें- CAG रिपोर्ट में बड़े घोटाले की बात- अवैध खनिजों के परिवहन में सरकार को लगा 4.20 करोड़ का चूना

कैग की रिपोर्ट में अनियमितता खुलासा: फरवरी 2022 में एबीएपी यानी अवसर बढ़े. आगे बढ़े योजना के तहत राज्य के 46 इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए 3,857 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. 2022 तक इस योजना के मुताबिक इमारतों का निर्माण होना था लेकिन अभी तक इमारतों का निर्माण नहीं हो पाया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी कौशल आधारित शिक्षा देने का देना था लेकिन अभी तक इसे हासिल नहीं किया जा सका है.

सरकार ने किया बचाव: वहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मानें तो कैग की रिपोर्ट में तथ्य पूरी तरह सामने नहीं है. विभागीय जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 46 इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. जिनमें से केवल आठ ही ऐसे हैं, जिसकी अपनी इमारत नहीं है. हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह तक इन आठ बचे हुए संस्थानों को भी इमारतें मिल जाएंगी. यानी इस साल तक के अंत तक राज्य के सभी इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक संस्थान अपने इमारतों से ही संचालित होंगे. विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य में अभी 46 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में डिप्लोमा के लिए 15 हजार छात्रों की नामांकन की क्षमता है. तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के अनुसार इन कॉलेजों में 45 हजार छात्र स्टडी करते हैं.

बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना: बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्ट पर उंगली उठाना बेवकूफी है. सीएजी की रिपोर्ट जिस टाइमफ्रेम में ली गई है, उसके कंप्लीशन और टेबल होने के वक्त के टाइम फ्रेम में कुछ काम साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से अगर हो गया हो तो हो गया हो, लेकिन बिहार में जो पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग शिक्षा की स्थिति है, स्वाभाविक है.

"सभी जिलों में अभी तक इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं है. उनमें जो शिक्षकों की संख्या नॉन टीचिंग शिक्षकों की संख्या होनी चाहिए, वह भी नहीं है. जो गुणात्मक सुधार होना चाहिए था वह भी नहीं हुआ. सिर्फ इमारत बन गई है और सफेद हाथी की तरह संचालित हो रही है. यह जरूर कहूंगा कि मंत्री सुमित कुमार सिंह बेहतर प्रयास कर रहे हैं."- निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

जदयू का दावा- 'छात्रों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा': कैग रिपोर्ट पर जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार के प्रशासन का मूल मंत्र न्याय के साथ विकास है. हर क्षेत्र में काम हुए हैं. अगर शिक्षा क्षेत्र की बात करें तो पहले बड़ी संख्या में छात्र बाहर पढ़ने जाया करते थे, लेकिन आज राज्य के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गए हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज हैं. आज छात्रों को बिहार के अंदर अवसर मिल रहा है. कम फीस में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. इसके काफी सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. प्लेसमेंट के भी अच्छे मौके मिल रहे हैं.

"रिपोर्ट जो तैयार होती हैं वह पुराने तथ्यों, पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर, पुरानी चीजों के आधार पर तैयार होती हैं. अब स्थितियां काफी बेहतर हो चुकी हैं. बच्चों को अवसर मिल रहे हैं. अच्छे और बड़े पैकेजे मिल रहे हैं, जो कि बिहार के लिए सकारात्मक खबर है. आने वाले वक्त में भी बिहार इसी गति से और आगे बढ़ेगा. भले ही केंद्र की सरकार का उन्मुख रवैया बिहार को लेकर हो लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अपनी रफ्तार से तरक्की कर रहा है."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.