पटना: बिहार में विकास के काम कम होते हैं. लेकिर हर मुद्दे को लेकर राजनीति खूब होती है. चाहे वो कोई भी मुद्दा हो, होती है तो सिर्फ राजनीति. राजनेता किसी भी मंच पर जाएं राजनीतिक बयानबाजी से बाज नहीं आते हैं. ताजा मामला बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से जुड़ा है. जिन्होंने बुधवार यानी 11 जनवरी को राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) की मौजूदगी में आरएसएस और इसके नागपुर शाखा से जुड़े लोगों को समाज में नफरत फैलाने वाला बता दिया. शिक्षा मंत्री इतने पर ही पर नहीं रुकें उन्होंने रामचरितमानस को भी समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया.
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बिहार शिक्षामंत्री के विवादित बयान : शिक्षा मंत्री ने सभागार में मौजूद हजारों की तादाद में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा. नफरत से नहीं और देश में 6 हजार से अधिक जातियां हैं और जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है. जब तक यह समाज में मौजूद रहेंगी, भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि संघ नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं. वो लोग समाज में मोहब्बत फैलाने के लिए निकले हुए हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने संबोधन के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.
'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. फिर उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की. और आज के समय गुरु गोलवलकर की विचार समाज में नफरत फैला रही है. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिए जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.' - चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार
'रामचरितमानस नफरत फैलाने वाल ग्रंथ' : शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कार्यक्रम से निकलने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए भी अपने बयान पर कायम नजर आए. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आठवीं कक्षा की पुस्तक में महाड़ आंदोलन की जगह महादलित आंदोलन लिखे जाने के सवाल पर कहा कि वह यही कहेंगे कि अंबेडकर ने महान आंदोलन किया. भाजपा के लोग जो सवाल उठा रहे हैं, वह अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कार्यक्रम में हजारों छात्र छात्राओं से जाति का बंधन तोड़ने की अपील की.
शिक्षामंत्री की जाति के बंधन को तोड़ने की अपील : बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रसेखर ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि किसी से जाति ना पूछो और किसी की जाति पता लगाने की कोशिश ना करो. ना ही अपनी जाति किसी को बताओ. अपना व्यक्तित्व आपका के लिए काफी है, अपनी पहचान के लिए. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि वह अपने नाम चंद्रशेखर के आगे पीछे कोई टाइटल नहीं लगाते. ताकि उनकी जाति का पता ना चले. ऐसे में जब मीडिया की ओर से सवाल पूछा गया कि सरकार जातिगत जनगणना करा रही है इसमें क्या वह अपनी जाति बताएंगे और आप जाति के बंधन तोड़ने की बातें करते हैं तो वहीं शिक्षक लोगों से जाती पूछते चल रहे हैं.
'जातीय जनगणना में शिक्षकों को लगाना गलत नहीं' : इस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि समाज में वंचित तबके के बहुसंख्यक लोगों को काफी दबा कर रखा गया है. ऐसे में जातिगत जनगणना करा कर उन्हें उनका उचित सम्मान देने का सरकार काम करेगी. वहीं, जातिगत जनगणना के दौरान क्या वह अपनी जाति बताएंगे, इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. शिक्षकों द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी शैक्षणिक कार्य बंद हैं, ऐसे में जनगणना कार्य करने में शिक्षकों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.