पटना: राजधानी पटना के अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम (Bihar Museum In Patna) में पुरातत्वों के संरक्षण को लेकर दो करोड़ की लागत से कंजर्वेशन लैब की स्थापना की (Conservation Lab will built in Bihar Museum Patna) जाएगी. इसको लेकर भारत सरकार के कला संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Art Culture) और बिहार म्यूजियम के बीच एमओयू साइन हुआ है. कला संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ज्वाइंट सेक्रेट्री लिली पांडेय और बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह के बीच एकरारनामा किया गया. बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक धरोहर की कमी नहीं है और काफी मात्रा में है. मगध के क्षेत्र में जब भी खुदाई होती है तो कुछ पुरातात्विक अवशेष मिलते हैं.
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कंजर्वेशन लैब बनाने को लेकर किया गया एकरारनामा: इस मौके पर बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि प्राचीन समय में पाटलिपुत्र देश की राजधानी हुआ करती थी. इस वजह से यहां की संस्कृति काफी समृद्ध थी. बिहार में जो पुरातत्व अवशेष मिले उसका सही से संरक्षण नहीं हो पाया लेकिन अब पुरातत्व के संरक्षण को लेकर काफी नई तकनीकी आ चुकी हैं. पुरातत्व के संरक्षण को लेकर के कंजर्वेशन लैब बिहार म्यूजियम में बनाने को लेकर कला संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से एकरारनामा किया गया है.
बिहार म्यूजियम में कराया जाएगा इतिहास का डेमोंसट्रेशन: इसमें नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट का गाइडेंस मिल रहा है और अच्छी बात है क्योंकि नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट का अंतरराष्ट्रीय एक्स्पोजर रखता है और उनकी जानकारियों से बिहार म्यूजियम को भी फायदा होगा. बिहार म्यूजियम से बिहार के इतिहास के बारे में यहां के बच्चे और यहां के लोग बेहतर जानकारी प्राप्त कर सके इस दिशा में बिहार म्यूजियम काम कर रहा है और आने वाले दिनों में बिहार के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों को बिहार का इतिहास का डेमोंसट्रेशन बिहार म्यूजियम में कराया जाएगा और उन्हें बिहार की इतिहास से रूबरू कराया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश के सभी विद्यालयों में शिक्षकों को बिहार के इतिहास से वर्चुअल एक्सपोजर दिया जाएगा ताकि बिहार के इतिहास के बारे में शिक्षक बेहतर जान सके और बच्चों को बिहार के इतिहास की अच्छी शिक्षा दे सके.
"कला संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट के सहयोग से पटना म्यूजियम में कंजर्वेशन लैब तैयार किया जाएगा. देश में काफी कम कंजर्वेशन लैब हैं और पुरातात्विक अवशेषों के संरक्षण के लिए कंजर्वेशन लैब का होना बेहद जरूरी है और बिहार म्यूजियम में कंजर्वेशन लैब बनने से उत्तर भारत के लिए काफी फायदेमंद होगा और यह मिलने वाले तमाम पुरातात्विक अवशेषों को कंजर्वेशन लैब के माध्यम से संरक्षित किया जा सकेगा." :-लिली पांडेय, ज्वाइंट सेक्रेट्री, कला संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार