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महागठबंधन की राहुल गांधी की रैली के सहारे सवर्ण वोटर्स पर नजर

बिहार चुनाव 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो रैलियां की. राहुल गांधी ने रैली नवादा के हिसुआ और भागलपुर के कहलगांव में हुई. महागठबंधन की कवायद कांग्रेस और राहुल गांधी के सहारे सवर्ण मतदाताओं को लुभाना है.

राहुल के सहारे सवर्ण पर नजर
राहुल के सहारे सवर्ण पर नजर
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Published : Oct 24, 2020, 9:31 AM IST

Updated : Oct 24, 2020, 12:34 PM IST

पटना: बिहार के चुनावी महासंग्राम में पांच बड़ी रैलियां हुई, जिनमें तीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली सासाराम, गया और भागलपुर में हुई. वहीं, राहुल गांधी की रैली नवादा के हिसुआ और भागलपुर के कहलगांव में हुई. राहुल गांधी ने रैली का आगाज नवादा से किया गया. इसका कारण महागठबंधन द्वारा सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश माना जा रहा है.

महागठबंधन की सवर्णों पर नजर


"राहुल गांधी की रैली नवादा और कहलगांव में करने का मकसद सवर्ण मतदाताओं को महागठबंधन के साथ करना है. नवादा और भागलपुर दोनों ही सवर्ण बाहुल्य क्षेत्र है. एक वक्त था जब सवर्ण पूरी तरह से कांग्रेस के साथ था लेकिन अब ये बीजेपी और अन्य दलों में बंट चुके हैं. साफ है कि महागठबंधन सवर्ण वोटर्स के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी का सहारा ले रही है." - प्रोफेसर डीएम दिवाकर, अनुग्रह नारायण सिन्हा शोध संस्थान

टिकट बंटवारे में सवर्णों का रखा ध्यान
आरजेडी के साथ अपना वोट बैंक है और वो पिछड़ों की राजनीति कर रही है लेकिन सवर्णों को लुभाने के लिए कांग्रेस को आगे किया है. दिवाकर का कहना है कि टिकट बंटवारे में भी कांग्रेस ने सवर्णों को अच्छी जगह दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने जहां-जहां सभाएं की उन्हीं क्षेत्रों में राहुल गांधी की भी सभाएं हुई. इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी के वोट बैंक में महागठबंधन कांग्रेस के सहारे सेंधमारी करना चाहती है.

पटना: बिहार के चुनावी महासंग्राम में पांच बड़ी रैलियां हुई, जिनमें तीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली सासाराम, गया और भागलपुर में हुई. वहीं, राहुल गांधी की रैली नवादा के हिसुआ और भागलपुर के कहलगांव में हुई. राहुल गांधी ने रैली का आगाज नवादा से किया गया. इसका कारण महागठबंधन द्वारा सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश माना जा रहा है.

महागठबंधन की सवर्णों पर नजर


"राहुल गांधी की रैली नवादा और कहलगांव में करने का मकसद सवर्ण मतदाताओं को महागठबंधन के साथ करना है. नवादा और भागलपुर दोनों ही सवर्ण बाहुल्य क्षेत्र है. एक वक्त था जब सवर्ण पूरी तरह से कांग्रेस के साथ था लेकिन अब ये बीजेपी और अन्य दलों में बंट चुके हैं. साफ है कि महागठबंधन सवर्ण वोटर्स के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी का सहारा ले रही है." - प्रोफेसर डीएम दिवाकर, अनुग्रह नारायण सिन्हा शोध संस्थान

टिकट बंटवारे में सवर्णों का रखा ध्यान
आरजेडी के साथ अपना वोट बैंक है और वो पिछड़ों की राजनीति कर रही है लेकिन सवर्णों को लुभाने के लिए कांग्रेस को आगे किया है. दिवाकर का कहना है कि टिकट बंटवारे में भी कांग्रेस ने सवर्णों को अच्छी जगह दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने जहां-जहां सभाएं की उन्हीं क्षेत्रों में राहुल गांधी की भी सभाएं हुई. इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी के वोट बैंक में महागठबंधन कांग्रेस के सहारे सेंधमारी करना चाहती है.

Last Updated : Oct 24, 2020, 12:34 PM IST
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