पटना: अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के 6 विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद बिहार में सियासत चरम पर है. वर्तमान राजनीति में रोज नए-नए बयान सुनने को मिल रहे हैं. कमोबेश सभी राजनीतिक दलों के 'बयानवीरों' की ओर से पार्टी टूटने से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक बनाने के बयान जारी किए जा रहे हैं.
पिछले दिनों राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की तैयारी करें और बिहार की कमान तेजस्वी यादव को सौंप दें. वहीं जदयू से राजद में गए पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा जदयू के कई विधायक राजद में जल्द ही शामिल होने वाले हैं. आरजेडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस का मानना है कि अभी इन बयानों का कोई मतलब नहीं है.
'बिहार में एनडीए से जेडीयू टूटेगा ऐसी कोई पहल नहीं दिख रही है. अगर कोई वरिष्ठ नेता कोई बयान जारी कर रहा है, तो यह उसकी व्यक्तिगत राय हो सकती है. राजनीतिक उलटफेर नहीं होने वाला. जदयू के टूटने की बात है तो इसको लेकर कोई भी औपचारिक बयान कहीं नहीं दिख रहा. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तो अपने बयान देकर तमाम चीजें को स्पष्ट कर दिया है' :मदन मोहन झा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
गौरतलब है कि बिहार में इन दिनों जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कई तरह के बयान राजनीतिक गलियारों में चल रहे हैं. जिसके बाद कई राजनीतिक पंडित अपने-अपने अनुभवों पर भविष्यवाणी करना शुरू कर दिया है.