पटनाः झारखंड विधानसभा चुनाव में जेडीयू सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एक तरफ बिहार की सहयोगी पार्टी बीजेपी के खिलाफ चुनाव में दो-दो हाथ कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के बागी नेता सरयू राय के जेडीयू के समर्थन को लेकर बिहार की सियासत गर्मा गई है. महागठबंधन नेता इसे बीजेपी और जेडीयू के बीच बिहार में स्वार्थ वाली राजनीति बता रहे हैं.
बता दें कि जेडीयू सांसद ललन सिंह ने सरयू राय के समर्थन में सीएम नीतीश कुमार के चुनावी सभा करने की बात कही. जिस पर बीजेपी की तरफ से बयानबाजी भी तेज हो गई. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने जेडीयू के स्टैंड पर सवाल खड़ा किया है. साथ ही बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है. दोनों दलों के बीच सियासी घमासान पर मदन मोहन झा का कहना है कि जेडीयू की स्थिति पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी. कांग्रेस नेता को पूरा यकीन है कि झारखंड चुनाव से पहले जेडीयू और बीजेपी के बीच तल्खी का असर बिहार में भी पड़ेगा.
आरजेडी की मांग सुशील मोदी दें बयान
वहीं इस मुद्दे पर आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि जेडीयू सांसद ललन सिंह के बयान पर सबसे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी प्रतिक्रिया दें. जिस तरह से जेडीयू बीजेपी का विरोध झारखंड में कर रही है उससे साफ है कि बिहार में सिर्फ सत्ता की लालच में यह गठबंधन चल रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन घोटाले को छुपाने की कोशिश है.
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जेडीयू के निशाने पर रघुवर सरकार
विपक्ष के आरोप पर जेडीयू नेता और सीएम नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार ने दो टूक जवाब दिया है. श्रवण कुमार ने तमाम मामलों को झारखंड की जनता पर सब कुछ छोड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बिहार में विकास के कार्य हुए हैं. अगर झारखंड की जनता मौका देगी तो वहां भी विकास की गंगा जरुर बहेगी. वहीं, रघुवर दास की नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जनता को तय करना है कि वह वहां विकास चाहती है या फिर भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार. नीतीश कुमार के करीबी मंत्री के इस बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि जेडीयू झारखंड की रघुवर सरकार को भ्रष्टाचारी सरकार मानती है. गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से भाजपा और जडीयू के बीच टीका-टिप्पणी का दौर जारी है.