पटना: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आज जन्मदिन है. ऐसे में पटना के सदाकत आश्रम (कांग्रेस पार्टी कार्यालय) में केक काटकर राहुल गांधी का जन्मदिन मनाया जाना था लेकिन आलाकामन के फरमान पर इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. दरअसल, कांग्रेस पार्टी देश भर में अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसी क्रम में प्रदेश कांग्रेस ने पटना में भी विरोध प्रदर्शन (Congress Protest Against Agnipath scheme) किया. जिसमें भारी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
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पुलिस ने रोका कांग्रेस का पैदल मार्च: कांग्रेस का कार्यक्रम था कि वे विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी कार्यालय सदाकत आश्रम से बांस घाट स्थित राजेंद्र बाबू के स्मृति स्थल तक जाएंगे. लेकिन पुलिस ने कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को कार्यालय के बाहर ही रोका दिया. ऐसे में कार्यालय के बाहर ही कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और केन्द की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार से अग्निपथ स्कीम योजना को वापस लेने की मांग की है.
अग्निपथ स्कीम वापस लेने की मांग: धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सिंह ने कहा है कि अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार(Agnipath Scheme Controversy) को वापस लेना होगा. कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध कर रही है. निश्चित तौर पर यह योजना युवाओं के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक कांग्रेस इसके खिलाफ प्रदर्शन करते रहेगी. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि हम लोगों ने कार्यक्रम बनाया था कि पैदल मार्च करके राजेंद्र बाबू के स्मृति स्थल तक जाएंगे लेकिन पुलिस ने हम लोगों को रोक रखा है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से अग्निपथ स्कीम वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार लगातार ईडी का दुरुपयोग कर रही है. जिस तरह से तानाशाही रवैया अपनाकर अग्निपथ योजना की शुरुआत की है. निश्चित तौर पर इसका विरोध कांग्रेस के लोग करते रहेंगे. जब तक यह अग्निपथ योजना वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक कांग्रेस का प्रदर्शन पूरे बिहार में जारी रहेगा.
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत (What is Agneepath Scheme) की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.