पटना: HAM प्रमुख जीतन राम मांझी और VIP के नेता मुकेश सहनी पिछले कई दिनों से ऐसे बयान दे रहे हैं, जो बीजेपी को नागवार लग रहे हैं. इसी बीच कई मामलों पर बीजेपी और जदयू के नेताओं ने भी एक दूसरे के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया.
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NDA में चल रही इस तकरार पर विपक्षी दल नजर रख रहे हैं. कांग्रेस ने तो नीतीश सरकार के गिरने और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एनडीए से अलग होने की भविष्यवाणी तक कर दी है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, "बिहार में बहुत जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी."
कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग पर छोड़ा था महागठबंधन
राजेश राठौड़ ने कहा, "जीतन राम मांझी ने जिस तरह से कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग की है. उसको लेकर एनडीए के नेता कुछ जवाब नहीं दे रहे हैं. इससे मांझी नाराज हैं. वह किसी भी वक्त एनडीए छोड़ सकते हैं. मांझी अगर एनडीए से हटते हैं तो नीतीश सरकार गिर जाएगी."
"मांझी ने कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग पर ही महागठबंधन छोड़ा था. जिस तरह एनडीए में मांझी की बातों को तरजीह नहीं दी जा रही है. इससे स्पष्ट हो गया है कि एनडीए के बड़े नेताओं से मांझी नाराज हैं. अगर मांझी हमलोगों के साथ आते हैं तो हमलोग उनका स्वागत करेंगे."-राजेश राठौड़, कांग्रेस प्रवक्ता
इन बयानों से बढ़ी सियासी गर्मी
"गरीब दलित जब आगे बढ़े तो नक्सली, गरीब मुसलमान जब मदरसे में पढ़े तो आतंकी, भाई साहब ऐसी मानसिकता से बाहर निकलिए, यह राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं. हम बांका बम विस्फोट की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
"बांका में जो हुआ उससे सब कुछ स्पष्ट हो गया है. सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए. पूरे बिहार में मदरसा में सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जाता है. जो समाज के लिए खतरा है. इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि इसकी जांच कर मदरसे को बंद कराया जाये"- हरिभूषण ठाकुर बचौल, बीजेपी विधायक
''जो लोग हिंदू मुस्लिम एकता में विश्वास नहीं करते हैं, मैं समझता हूं वे हिंदू-मुस्लिम एकता के दुश्मन हैं. जो घटना घटी है वह काफी दुखद है. यदि इस तरह के सवाल उठ रहे हैं तो मैं चाहता हूं कि सरकार इस घटना की सीबीआई जांच करवाए.''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
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"प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सभी मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते हैं. उनके इलाके में ऐसी घटनाएं हुईं, जिससे पार्टी की चिंता बढ़ी और उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. दलितों के हक और उनके हित की बात करने का अधिकार सिर्फ जीतन राम मांझी को नहीं है."- नवल किशोर यादव, भाजपा नेता
"बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हो या कोई नेता, यदि मन में कोई सवाल आता है तो उसे इंटरनल फोरम पर रखना चाहिए. सरकार अकेले जेडीयू की नहीं है और न ही अकेले बीजेपी की है. मीडिया में बात रखने से अच्छा है इंटरनल मिलकर बात रखनी चाहिए."- उपेंद्र कुशवाहा, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष
'रामगढ़वा के धनगढ़वा गांव में सूचना मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को कुछ अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया है. मेरी पलनवा थाना प्रभारी से बात हुई और उनके साथ अंचलाधिकारी ने स्वयं स्थान पर जाकर दिक्कत का निदान कर दिया. विगत कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई है."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
'वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए यही न्याय संगत होगा.'- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
'एनडीए गठबंधन के साथियों से अनुरोध है कि अनावश्यक बयानबाजी से बचें और हम सब मिलकर बिहार की जनता से किए गए 19 लाख रोजगार के वादे पर काम करें.'- मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख
सिर्फ मांझी से न बनेगी बात
बिहार में कुल विधायकों की संख्या 243 है. विधानसभा में बहुमत के लिए 122 वोट की जरूरत है. एनडीए के पास अभी 127 विधायक हैं. हम और वीआईपी के विधायकों की संख्या 4-4 है. अगर सिर्फ हम एनडीए से अलग होता है तब भी एनडीए का संख्या बल 123 बच जाएगा. सरकार गिरने के लिए कुछ और विधायकों के भी एनडीए से अलग होने की जरूरत होगी. गौरतलब है कि वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने पहले ही कह दिया है कि वे एनडीए से अलग नहीं होंगे.
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