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CAB पर कांग्रेस नेता कौकब कादरी का वार, कहा- अपने एजेंडे को लागू कर रही है बीजेपी - गृह मंत्री अमित शाह

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जिस आधार पर इस बिल को पास कराया है. वह आधार ही गलत है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मुसलमानों का इस बिल से बाहर कर देना उनके साथ अन्याय है.

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी
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Published : Dec 12, 2019, 6:48 PM IST

पटना: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इसके बाद से ही देश में विपक्ष इस बिल के खिलाफ में आंदोलन करने की तैयारी में है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि ये बिल कई सवाल छोड़ गया है.

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने जिस आधार पर इस बिल को पास कराया है. वह आधार ही गलत है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मुसलमानों को इस बिल से बाहर कर देना उनके साथ अन्याय है.

'छुपे हुए एजेंडे को लागू कर रही है बीजेपी'
कौकब कादरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और जैन धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ कर दिया है. लेकिन भारत से इन इलाकों में भारी संख्या में जो मुस्लिम या मुस्लिम पंजाबी गए हैं, उनकी हालत काफी खराब है. कादरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश में बंटवारे और असमानता वाला कानून लागू कर रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी अपने छुपे हुए एजेंडे को देश में लागू कर रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी

'मुस्लिम समुदाय का मिला था समर्थन'
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल के विरोध में असम और उसके आस-पास के राज्यों में घटना हो रही है. असम में तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. वहां पर हिंदुओं की संख्या ज्यादा है, तो फिर वहां विरोध क्यों हो रहा है? देश में जाति और धर्म के आधार पर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी दलों ने भी इस बिल का विरोध किया है. लेकिन जिस तरह से जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया है. उससे अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित है.

पटना: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इसके बाद से ही देश में विपक्ष इस बिल के खिलाफ में आंदोलन करने की तैयारी में है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि ये बिल कई सवाल छोड़ गया है.

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने जिस आधार पर इस बिल को पास कराया है. वह आधार ही गलत है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मुसलमानों को इस बिल से बाहर कर देना उनके साथ अन्याय है.

'छुपे हुए एजेंडे को लागू कर रही है बीजेपी'
कौकब कादरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और जैन धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ कर दिया है. लेकिन भारत से इन इलाकों में भारी संख्या में जो मुस्लिम या मुस्लिम पंजाबी गए हैं, उनकी हालत काफी खराब है. कादरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश में बंटवारे और असमानता वाला कानून लागू कर रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी अपने छुपे हुए एजेंडे को देश में लागू कर रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी

'मुस्लिम समुदाय का मिला था समर्थन'
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल के विरोध में असम और उसके आस-पास के राज्यों में घटना हो रही है. असम में तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. वहां पर हिंदुओं की संख्या ज्यादा है, तो फिर वहां विरोध क्यों हो रहा है? देश में जाति और धर्म के आधार पर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी दलों ने भी इस बिल का विरोध किया है. लेकिन जिस तरह से जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया है. उससे अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित है.

Intro:नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। इसके बाद से ही पूरे देश में विपक्ष इस बिल के खिलाफ में आंदोलन करने की तैयारी में है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि यह बिल कई सवाल छोड़ गया है।
कादरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जिस आधार पर इस बिल को पास कराया है वह आधार ही गलत है। उनका यह कहना कि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में जो भारतीय मुसलमान रह रहे हैं उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है गलत है।


Body:इस आधार पर अल्पसंख्यक मुसलमानों का इस बिल से बाहर कर देना उनके साथ अन्याय है। गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और जैन धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ दिया हो। लेकिन आज भी भारत से इन इलाकों में भारी संख्या में जो मुस्लिम या मुस्लिम पंजाबी गए हैं उनकी स्थिति काफी दयनीय है।
केंद्र सरकार का यह मानना कि अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमानों के साथ अत्याचार नहीं हो सकता गलत है । आज भी पाकिस्तान में भारत से गए मुसलमानों को मुजाहिदीन के नाम से पुकारा जाता है।


Conclusion:केंद्र सरकार देश में बंटवारे और असमानता वाला कानून लागू कर रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी अपने एजेंट है छुपे हुए एजेंडे को देश में लागू कर रही है। इस बिल के पास होने के बाद एक बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है । कि यह देश संविधान से चलेगा ? महात्मा गांधी और पटेल के सिद्धांतों पर चलेगा ? या फिर सावरकर गोलवलकर और आर एस एस के विचारो से?
कांग्रेस नेता कहते हैं कि इस बिल के विरोध में आसान और उसके आसपास के राज्यों में जिस तरह की घटना हो रही है वह खुद में एक बड़ा सवाल है। आसाम में तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और वहां पर हिंदुओं की संख्या ज्यादा है तो फिर वहां विरोध क्यों हो रहा है ? देश में जाति और धर्म के आधार पर राजनीत हो रहा है जो बिल्कुल ही हितकर नहीं है। कादरी कहते हैं कि हमारे सहयोगी दलों ने भी इस बिल का विरोध किया है। शिवसेना भले ही लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया हो लेकिन राज्यसभा में इसका विरोध किया।
लेकिन जिस तरह से जनता दल यूनाइटेड इस बिल का समर्थन किया है उससे अल्पसंख्यक समुदाय अचंभित और चिंतित है। 2015 में जेडीयू , कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और उसे मुझसे समुदाय का भी समर्थन मिला था।
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