ETV Bharat / state

चिराग को 'हाथ' का साथः भक्त चरण दास ने कहा, लोजपा छोड़ गए नेताओं का नहीं कोई जनाधार

असली लोजपा और नकली लोजपा का मामला अब चुनाव आयोग पहुंच चुका है. लोजपा में टूट के बाद अब कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने चिराग के पक्ष में बयान दे दिया है. इससे राजनीतिक गलियारों में शोर मच रहा है कि कांग्रेस अब चिराग के साथ है. पढ़ें रिपोर्ट.

चिराग पासवान भक्त चरण दास
चिराग पासवान भक्त चरण दास
author img

By

Published : Jun 19, 2021, 5:37 PM IST

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में इन दिनों चल रही उठापटक को लेकर सरगर्मी तेज है. इन सब के बीच शनिवार को कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) भी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) के साथ खड़े नजर आए.

उन्होंने कहा, लोजपा में चिराग पासवान के साथ उनके सांसदों ने जो कुछ किया, वह ठीक नहीं है. आने वाले दिनों में जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी. वहीं कांग्रेस की टूट को लेकर भक्त चरण दास ने कहा, यह सिर्फ अफवाह है. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एकजुट है.

यह भी पढ़ें- चिराग की वो एक भूल जिसने 'बंगले' में कर दिया अंधेरा...!

सांसदों का नहीं कोई जनाधार
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच असली लोजपा और नकली लोजपा को लेकर चल रही लड़ाई का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. जिसको लेकर कांग्रेस अब चिराग पासवान के साथ खड़ी नजर आ रही है. भक्त चरण दास ने कहा, चिराग पासवान के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने भले ही कुछ लाभ के लिए कोई फैसला ले लिया हो. लेकिन पशुपति पारस गुट के जो सांसद एलजेपी से अलग हुए हैं. उनका कोई जनाधार नहीं है.

देखें रिपोर्ट

'राम विलास पासवान द्वारा खड़ी की गई लोक जनशक्ति पार्टी के संगठन और वोट बैंक पर अलग हुए नेता चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन अब वे नहीं जीत पाएंगे. क्योंकि जिस तरह से उन लोगों ने पार्टी को धोखा दिया है. आने वाले दिनों में जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. रामविलास पासवान ने दलित राजनीति को मजबूत कर जिस तरह पार्टी को खड़ा किया, वह आज भी चिराग के नेतृत्व के साथ है. चिराग पासवान के साथ एलजेपी के मूल वोटर उनके साथ ही खड़े हैं.' -भक्त चरण दास, बिहार प्रभारी, कांग्रेस

यह भी पढ़ें- चिराग को विरासत में मिली नीतीश से राजनीतिक दुश्मनी, 15 साल से मनमुटाव

निर्णय चिराग पासवान का होगा
उन्होंने कहा, चिराग पासवान आगे की राजनीति किस आधार पर करेंगे, उनका राजनीतिक बेस क्या होगा, यह उन पर डिपेंड करता है. वो किसके साथ रहना चाहते हैं, एनडीए के साथ ही रहना चाहते हैं या फिर वे किसी और दल के साथ गठबंधन करके आगे की राजनीति करना चाहेंगे. वे खुद एक रमे हुए राजनीति खिलाड़ी हैं. यह डिसीजन उनको ही लेना है.

कांग्रेस में नहीं है टूट
जदयू द्वारा लगातार कांग्रेस में टूट को लेकर किए जा रहे दावे को भक्त चरण दास ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि हमारी पार्टी मजबूत स्थिति में है. पार्टी के विधायक पूरी तरह से बरकरार हैं. सरकार के प्रति जो उनके बयान आते हैं, उसको भी हमने देखा है. इसलिए हम कह सकते हैं कि पार्टी में कोई टूट नहीं होने वाली है.

किसी नेता का दूसरे दल के नेता के साथ बातचीत होना, मतलब यह नहीं होता कि वह टूटने वाली है. या फिर उनके पाले में जाने वाले हैं. हमारा संबंध भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अच्छा है. तो इसका मतलब यह नहीं कि हम नीतीश कुमार के साथ चले जाएंगे. ऐसा कदापि नहीं होगा.

यह भी पढ़ें- LJP में टूट पर लालू चुप, RJD को मंजूर नहीं तेजस्वी के सामने किसी युवा नेता का उभरना!

आलाकमान से चर्चा के बाद तय होगी रणनीति
संगठन को मजबूत करने को लेकर भक्त चरण दास ने कहा कि बिहार के शीर्ष नेतृत्व के जितने भी नेता हैं. वे सभी नेता दिल्ली जाएंगे. आलाकमान से उनकी मुलाकात होगी. बिहार के बारे में राजनीतिक हालात पर वहां चर्चा की जाएगी. उसके बाद ही आगे की रणनीति पर हम खुलासा कर सकते हैं.

दोनों गुट चुनाव आयोग का खटखटा चुके हैं दरवाजा
बता दें कि लोजपा पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. पशुपति पारस गुट और चिराग गुट दोनों ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं. अब चुनाव आयोग को निर्णय लेना है कि लोजपा पारस की है या चिराग की. आज पशुपति पारस गुट भी चुनाव आयोग पहुंचा और चुनाव आयोग को जानकारी दी कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुन लिया गया है.

यह भी पढ़ें- पार्टी तोड़कर भी अधर में पशुपति, कहा- गुप्त है मोदी सरकार

चुनाव आयोग में जमा किया गया सर्टिफिकेट
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से जो सर्टिफिकेट पारस को मिला है, वह चुनाव आयोग में पारस गुट ने जमा कर दिया. पशुपति पारस का दावा है कि पार्टी के 95% लोग उनके साथ हैं.

पांच सांसद चिराग से हुए अलग
बता दें कि लोजपा में बड़ी टूट हुई है. छह में से पांच सांसद चिराग से अलग हो गए हैं. चिराग के चाचा और सांसद पशुपति पारस बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं एवं असली लोजपा होने का भी दावा कर रहे हैं. बागी गुट ने पारस को संसदीय दल का नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया है. पहले चिराग संसदीय दल के नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- चिराग का तथाकथित ऑडियो वायरल: तुम पटना में प्रदर्शन करो संजीव, हम दिल्ली में लीगल देखते हैं

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में इन दिनों चल रही उठापटक को लेकर सरगर्मी तेज है. इन सब के बीच शनिवार को कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) भी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) के साथ खड़े नजर आए.

उन्होंने कहा, लोजपा में चिराग पासवान के साथ उनके सांसदों ने जो कुछ किया, वह ठीक नहीं है. आने वाले दिनों में जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी. वहीं कांग्रेस की टूट को लेकर भक्त चरण दास ने कहा, यह सिर्फ अफवाह है. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एकजुट है.

यह भी पढ़ें- चिराग की वो एक भूल जिसने 'बंगले' में कर दिया अंधेरा...!

सांसदों का नहीं कोई जनाधार
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच असली लोजपा और नकली लोजपा को लेकर चल रही लड़ाई का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. जिसको लेकर कांग्रेस अब चिराग पासवान के साथ खड़ी नजर आ रही है. भक्त चरण दास ने कहा, चिराग पासवान के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने भले ही कुछ लाभ के लिए कोई फैसला ले लिया हो. लेकिन पशुपति पारस गुट के जो सांसद एलजेपी से अलग हुए हैं. उनका कोई जनाधार नहीं है.

देखें रिपोर्ट

'राम विलास पासवान द्वारा खड़ी की गई लोक जनशक्ति पार्टी के संगठन और वोट बैंक पर अलग हुए नेता चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन अब वे नहीं जीत पाएंगे. क्योंकि जिस तरह से उन लोगों ने पार्टी को धोखा दिया है. आने वाले दिनों में जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. रामविलास पासवान ने दलित राजनीति को मजबूत कर जिस तरह पार्टी को खड़ा किया, वह आज भी चिराग के नेतृत्व के साथ है. चिराग पासवान के साथ एलजेपी के मूल वोटर उनके साथ ही खड़े हैं.' -भक्त चरण दास, बिहार प्रभारी, कांग्रेस

यह भी पढ़ें- चिराग को विरासत में मिली नीतीश से राजनीतिक दुश्मनी, 15 साल से मनमुटाव

निर्णय चिराग पासवान का होगा
उन्होंने कहा, चिराग पासवान आगे की राजनीति किस आधार पर करेंगे, उनका राजनीतिक बेस क्या होगा, यह उन पर डिपेंड करता है. वो किसके साथ रहना चाहते हैं, एनडीए के साथ ही रहना चाहते हैं या फिर वे किसी और दल के साथ गठबंधन करके आगे की राजनीति करना चाहेंगे. वे खुद एक रमे हुए राजनीति खिलाड़ी हैं. यह डिसीजन उनको ही लेना है.

कांग्रेस में नहीं है टूट
जदयू द्वारा लगातार कांग्रेस में टूट को लेकर किए जा रहे दावे को भक्त चरण दास ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि हमारी पार्टी मजबूत स्थिति में है. पार्टी के विधायक पूरी तरह से बरकरार हैं. सरकार के प्रति जो उनके बयान आते हैं, उसको भी हमने देखा है. इसलिए हम कह सकते हैं कि पार्टी में कोई टूट नहीं होने वाली है.

किसी नेता का दूसरे दल के नेता के साथ बातचीत होना, मतलब यह नहीं होता कि वह टूटने वाली है. या फिर उनके पाले में जाने वाले हैं. हमारा संबंध भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अच्छा है. तो इसका मतलब यह नहीं कि हम नीतीश कुमार के साथ चले जाएंगे. ऐसा कदापि नहीं होगा.

यह भी पढ़ें- LJP में टूट पर लालू चुप, RJD को मंजूर नहीं तेजस्वी के सामने किसी युवा नेता का उभरना!

आलाकमान से चर्चा के बाद तय होगी रणनीति
संगठन को मजबूत करने को लेकर भक्त चरण दास ने कहा कि बिहार के शीर्ष नेतृत्व के जितने भी नेता हैं. वे सभी नेता दिल्ली जाएंगे. आलाकमान से उनकी मुलाकात होगी. बिहार के बारे में राजनीतिक हालात पर वहां चर्चा की जाएगी. उसके बाद ही आगे की रणनीति पर हम खुलासा कर सकते हैं.

दोनों गुट चुनाव आयोग का खटखटा चुके हैं दरवाजा
बता दें कि लोजपा पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. पशुपति पारस गुट और चिराग गुट दोनों ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं. अब चुनाव आयोग को निर्णय लेना है कि लोजपा पारस की है या चिराग की. आज पशुपति पारस गुट भी चुनाव आयोग पहुंचा और चुनाव आयोग को जानकारी दी कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुन लिया गया है.

यह भी पढ़ें- पार्टी तोड़कर भी अधर में पशुपति, कहा- गुप्त है मोदी सरकार

चुनाव आयोग में जमा किया गया सर्टिफिकेट
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से जो सर्टिफिकेट पारस को मिला है, वह चुनाव आयोग में पारस गुट ने जमा कर दिया. पशुपति पारस का दावा है कि पार्टी के 95% लोग उनके साथ हैं.

पांच सांसद चिराग से हुए अलग
बता दें कि लोजपा में बड़ी टूट हुई है. छह में से पांच सांसद चिराग से अलग हो गए हैं. चिराग के चाचा और सांसद पशुपति पारस बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं एवं असली लोजपा होने का भी दावा कर रहे हैं. बागी गुट ने पारस को संसदीय दल का नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया है. पहले चिराग संसदीय दल के नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- चिराग का तथाकथित ऑडियो वायरल: तुम पटना में प्रदर्शन करो संजीव, हम दिल्ली में लीगल देखते हैं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.