पटना: बिहार के राजनीतिक गलियारे में बड़ा फेरबदल देखा जा सकता है. दरअसल, चैनपुर से बीएसपी विधायक मोहम्मद जमा खान और कांग्रेस के विधायक मुरारी गौतम जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण से मिलने उनके आवास पहुंचे. बताया जाता है कि ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएसपी और कांग्रेस के ये दोनों विधायक जेडीयू में शामिल हो सकते हैं.
वैसे तो खरमास का महीना चल रहा है लेकिन बसपा के एकमात्र विधायक जमा खां ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलकर हलचल बढ़ा दी है. जदयू को 1 मात्र निर्दलीय विधायक का भी समर्थन मिल चुका है और अब जदयू की नजर बसपा विधायक पर भी है. ऐसे प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इसका राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए, ये महज एक शिष्टाचार मुलाकात थी और विधायक उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल लेने पहुंचे थे.
प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ सिंह के आवास पर मुलाकात
बसपा विधायक जमा खां लगभग आधे घंटे तक वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर रहे. बिहार विधानसभा में बसपा का एकमात्र विधायक हैं और पहले से ये कयास लगाए जा रहे थे कि जदयू के साथ मिल सकते हैं. अभी मंत्रिमंडल का विस्तार भी होना है. ऐसे में मुस्लिम कैंडिडेट को मंत्रिमंडल में शामिल कराने को लेकर चेहरे की तलाश नीतीश सरकार लगातार कर रही है. इसपर मंथन भी जारी है. ऐसे में मोहम्मद जमा खान और वशिष्ठ नारायण सिंह की मुलाकात के कई मायने निकलकर सामने आ रहे हैं.
क्या बोले बीएसपी विधायक
बीएसपी विधायक मो. जमा खान ने कहा कि वो अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष से मिलने आए थे. सरकार में उनकी पार्टी है, ऐसे में अपने क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू करवाना उनकी जिम्मेदारी हो जाती है. जेडीयू में शामिल होने को लेकर जब जमा खान से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं. बहन मायावती के साथ हूं. ऐसा कुछ नहीं है.'