पटनाः किसान संगठनों ने भारत बंद के दौरान मंगलवार की सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक चक्का जाम की घोषणा की है. एक तरफ जहां आम लोगों के लिए आज परेशानी वाला दिन है वहीं दूसरी तरफ कृषि कानून को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. बिहार में आरजेडी ने इस बंद के पुरजोर समर्थन का ऐलान किया है. वहीं बीजेपी ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
"जब किसानों को कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर इतनी आशंकाएं हैं तो फिर केंद्र सरकार जिद क्यों रही है, आखिर क्यों पांच दौर की वार्ता विफल रही है? बीजेपी को पूंजीपतियों की बजाय किसानों की परेशानी समझनी चाहिए और कृषि कानून के विवादित प्रावधानों को वापस लेना चाहिए."- प्रेमचंद्र मिश्र, नेता, कांग्रेस
क्या है विवाद की असल वजह
- नए कृषि बिल को लेकर मुख्य तौर पर विवाद मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है.
- किसान चाहते हैं कि मंडी की व्यवस्था कायम रहे और केंद्र सरकार लिखित में न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का आश्वासन जारी करे.
- इसके अलावा जरूरी खाद्यान्नों के भंडारण पर रोक को लेकर भी कृषि कानून का जमकर विरोध हो रहा है.
किसानों को गुमराह करने का आरोप
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष दलों के भारत बंद के समर्थन पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
"जिन प्रावधानों का विरोध कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता कर रहे हैं उनको लेकर खुद कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में वादा किया था. दिल्ली में तो इन्हीं प्रावधानों को आम आदमी पार्टी लागू कर चुकी है फिर क्यों और किस बात का विरोध हो रहा है?"- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
किसानों को आरजेडी का समर्थन
पटना में आरजेडी का काफिला 10:00 बजे के बाद पार्टी कार्यालय से निकलकर आयकर गोलंबर होते हुए डाकबंगला चौराहे तक जाएगा. आरजेडी के काफिले में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पटना के तमाम अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे. पार्टी नेताओं के अनुसार नेता प्रतिपक्ष दिल्ली में है और वे वहीं से बंद में शामिल होंगे.